न्यूजीलैंड (New Zealand Team) ने भारतीय टीम (Indian Team) को साउथैम्पटन में खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में 8 विकेट से करारी शिकस्त दी। इसी के साथ न्यूजीलैंड की टीम पहली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन बन गई है। ब्लैक कैप्स ने सभी विभागों में भारतीय टीम को बुरी तरह पछाड़ दिया।
भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 217 रन बनाए थे, जिसके जवाब में न्यूजीलैंड की टीम ने अपनी पहली पारी में 249 रन बनाए थे। दूसरी पारी में भारतीय टीम 170 रनों पर ऑलआउट हो गई, जिसके बाद न्यूजीलैंड को 139 रनों का लक्ष्य मिला। न्यूजीलैंड ने इसे 2 विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया।
इस ऐतिहासिक फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम का प्रदर्शन काफी ज्यादा निराशाजनक रहा। न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम ने काफी सारी गलतियां की, जिसका खामियाजा टीम ने हार के साथ चुकाया।
इस आर्टिकल में हम WTC फाइनल में भारत की करारी हार के कारणों पर नजर डालेंगे:
#) भारतीय टीम का गलत प्लेइंग इलेवन को खिलाना
WTC फाइनल के एक दिन पहले ही भारत ने अपनी प्लइंग इलेवन का ऐलान कर दिया था। इस टीम में भारत ने तीन तेज गेंदबाज और दो स्पिनर्स को खिलाया। हालांकि बारिश के कारण पहले दिन का खेल बिना टॉस हुए रद्द कर दिया गया था। इसके अलावा हालात पूरी तरह से तेज गेंदबाजों के पक्ष में ही रहा।
इसके बावजूद टीम ने दो स्पिनर्स खिलाए, जोकि अंत में टीम के खिलाफ ही गया। भारत ने तीन तेज गेंदबाज खिलाए और निश्चित ही टीम को अतिरिक्त तेज गेंदबाज की कमी काफी ज्यादा खली। मोहम्मद सिराज जोकि गेंद को स्विंग करा सकते हैं, उनको नहीं खिलाना एक गलत फैसला साबित हुआ। सिराज को या तो चौथे तेज गेंदबाज या फिर जसप्रीत बुमराह की जगह भी खिलाया जा सकता था, क्योंकि बुमराह काफी समय से बिल्कुल आउट ऑफ टच नजर आ रहे हैं।
#) न्यूजीलैंड के निचले क्रम को आउट करने में नाकाम होना
भारतीय टीम ने पहली पारी में अपने अंतिम 4 विकेट सिर्फ 12 रनों के अंदर गंवाए, तो दूसरी पारी में टीम ने अंतिम 4 विकेट 14 रनों के अंदर गंवाए। दूसरी तरफ न्यूजीलैंड का सातवां विकेट 192 के स्कोर पर गिरा और इस समय वो भारत के स्कोर से 25 रनों से पीछे। इसके बावजूद उन्होंने 249 रन बनाए और पहली पारी के आधार पर 32 रनों की बढ़त हासिल की।
मैच के बाद विराट कोहली ने खुद कहा कि टीम 30-35 रन कम रह गई थी। इसी वजह से अगर भारतीय गेंदबाज विपक्षी टीम के निचले क्रम को जल्दी आउट कर देते, तो निश्चित ही टीम की बढ़त ज्यादा हो सकती थी और मैच में बेहतर स्थिति में हो सकते थे। हालांकि हमेशा की तरह एक बार फिर विपक्षी टीम का निचला क्रम भारतीय टीम पर भारी पड़ा।
#) भारतीय बल्लेबाजों का बेहद खराब प्रदर्शन
WTC फाइनल की दोनों पारियों में भारतीय टीम की बल्लेबाजी पूरी तरह से फ्लॉप हुई। एक तरफ पहली पारी में रोहित शर्मा (34) , शुभमन गिल (28) , विराट कोहली (44), अजिंक्य रहाणे (49) सभी को शुरुआत मिली, लेकिन कोई भी लंबी पारी नहीं खेल पाया। इसी वजह से टीम 217 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई।
दूसरी पारी में भी स्थिति नहीं सुधरी और एक बार फिर लगभग सभी बल्लेबाजों (रोहित शर्मा (30), चेतेश्वर पुजारा (15), विराट कोहली (13), अजिंक्य रहाणे (15) , रविंद्र जडेजा (16) ने शुरुआत मिलने के बाद अपने विकेट फेंक दिए। यह इसलिए भी खराब था, क्योंकि मैच के आखिरी दिन विकेट बल्लेबाजी के लिए सबसे अच्छी थी। इसके बावजूद पंत (41) की पारी के कारण ही टीम ने 139 रनों की बढ़त हासिल की, लेकिन वो भी कभी सेट नजर नहीं आए। दोनों पारियों में भारत की तरफ एक भी अर्धशतक नहीं लगा और टीम की शर्मनाक हार का यह मुख्य कारण रहा।