अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कभी भी आसान नहीं होती, 35 साल की उम्र में तो बिल्कुल भी नहीं, खासकर अगर आखिरी वनडे मुकाबला 37 महीने पहले 2013 में खेला गया हो। हालांकि यह ही खासियत युवराज सिंह को दूसरे खिलाड़ियों से अलग करती है। अपने 18 साल के करियर में युवी ने बहुत बार सबको गलत साबित करते हुए यादगार वापसी की है।
19 जनवरी 2017 भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा वनडे कटक में खेला गया। 22-2 था स्कोर जब युवराज सिंह बल्लेबाजी करने आए और जल्द ही टीम का स्कोर 25-3 पर हो गया। निराशा इसलिए भी ज्यादा थी क्योंकि राहुल, कोहली और धवन सस्ते में आउट हो गए थे, जिससे दबाव पूरी तरह से भारत के ऊपर था। क्रीज पर वापसी कर रहे युवराज सिंह और कप्तानी छोड़ चुके महेंद्र सिंह धोनी थे। 2005 से लेकर 2011 जिन्होंने भी भारतीय क्रिकेट को फॉलो किया है, वो इस बात को अच्छे से जानते हैं कि इन दोनों खिलाड़ियों ने अपनी साझेदारी से भारत को कितने मैच जिताए हैं।
हालांकि हालात यह पूरी तरह से विपरीत थे, क्योंकि एक तरफ युवराज सिंह टीम में अपनी जगह के लिए संघर्ष कर रहे थे, तो दूसरी तरफ धोनी भी उस लय में नहीं थे, जिसके लिए वो जाने जाते हैं। क्रिकेट में एक प्रचलित कहावत है, “form is temporary, but class is permanent”. उस दिन इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों ने तय करके मैदान में आए थे कि कुछ करके दिखाना है।
शरुआत में जरूर दोनों खिलाड़ी संभाल कर खेलें, लेकिन जल्द ही युवी ने मोर्चा संभाला और तेज रन बनाने शुरू किए, जिससे धोनी को अधिक समय लेने का मौका मिला, जैसा वो अपनी पारी की शुरुआत में करते हैं।
युवराज सिंह ने जल्द लय प्राप्त की और दबाव पूरी तरह से इंग्लैंड के ऊपर डाल दिया। भारत को 25-3 करने के बाद भी इंग्लैंड की टीम शिकंजा कसने में नाकाम हुई और इन दोनों ही खिलाड़ियों ने मेहमान टीम को बेबस कर दिया। युवराज को देखते हुए धोनी ने भी अपने गेयर बदलते हुए बड़े शॉट खेलना शुरू किया। देखते ही देखते यह दोनों खिलाड़ी भारत का स्कोर 200 के पार लेकर गए। युवराज सिंह ने एकदिवसीय क्रिकेट में अपना 14वां और 20 मार्च 2011 के बाद पहला शतक जड़ा। जल्द ही धोनी ने भी कप्तानी छोड़ने के बाद पहला शतक लगाया।
281 के स्कोर पर क्रिस वोक्स ने युवी को 150 रनों पर आउट करते हुए 256 रनों की ऐतहासिक साझेदारी को तोड़ा। हालांकि आउट होने से पहले युवी ने वनडे में अपना सर्वाधिक स्कोर बनाया। 150 रनों की पारी में 127 गेंदों का सामना किया, उनकी पारी में 21 चौके और 3 छक्के शामिल थे। युवी के आउट होने के बाद धोनी ने धुआंधार पारी जारी रखी और आउट होने से पहले 122 गेंदों में 134 रन बनाए। धोनी ने अपनी पारी में 10 चौके और 6 छक्के शामिल थे।
धोनी और युवराज सिंह के बेहतरीन शतक की बदौलत भारत ने भारत ने 381-6 का स्कोर बनाया। अंत में यह रोमांचक मुकाबला रहा, जिसमें भारतीय टीम ने 15 रनों की जीत दर्ज की थी।
आज से तीन साल पहले खेले गए इस मुकाबले की कुछ अहम आंकड़े इस प्रकार हैं:
1- युवराज सिंह ने अपने वनडे करियर की सर्वश्रेष्ठ 150 रनों की पारी खेली।
2- युवराज सिंह ने 20 मार्च 2011 के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला शतक जड़ा था।
3- महेंद्र सिंह धोनी ने 2013 में हुए मोहाली वनडे के बाद अपना पहला शतक जड़ा।
4- युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के बीच वनडे में यह अबतक की सबसे बड़ी साझेदारी है, दोनों ने चौथे विकेट के लिए 256 रन जोड़े।
5- साल 2011 विश्वकप के क्वार्टर फाइनल के बाद पहली बार युवराज सिंह को मैन ऑफ द मैच चुना गया।