आईपीएल 2019 के लीग स्टेज अपने अंतिम दौर में हैं। लगभग सभी टीमों ने 10 से ऊपर मुकाबले खेल लिए हैं। हर सीजन की तरह इस साल भी मुंबई इंडियंस के ऊपर सबकी नजरें थी, उसके पीछे का एक कारण टीम में शामिल युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण। मुंबई इंडियंस ने अबतक खेले 11 में से 7 मुकाबले जीते हैं और चार में उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी है।
हालांकि सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मुंबई ने एक बड़ा फैसला लिया और युवराज सिंह को टीम से बाहर करके इशान किशन को टीम में मौका दिया था। इशान किशन को शुरुआत से मौका दिए जाने की बात कही जा रही थी, लेकिन मुुंबई ने शुरुआत दिग्गज खिलाड़ी युवराज सिंह के साथ की और उन्होंने 4 मैचों में 24.5 की औसत से 98 रन बनाते हुए इतना खराब प्रदर्शन नहीं किया था कि उन्हें ड्रॉप कर दिया जाए।
युवराज सिंह एक बड़ा नाम जरूर है और उनकी प्रतिभा किसी से भी छिपी नहीं है, लेकिन अब उनका वक्त पूरा हो गया है। फैंस जरूर युवी को अभी भी खेलते हुए देखना चाहते हैं, लेकिन उम्र और फिटनेस के कारण अब उनमें वो बात नहीं रही है कि वो किसी भी टीम की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नियमित तौर पर बन पाए। इसी वजह से मुंबई ने युवी को लेकर सही फैसला लिया है और ऐसे बहुत से कारण है जो इस बात को साबित करते हैं कि अब युवी को खेल से दूर हो जाना चाहिए।
-मुंबई इंडियंस टीम ने युवा खिलाड़ियों में निवेश करने का मन बना लिया है
मुंबई ने मन बनाया कि अब वो इशान किशन को मौका देंगे, जोकि काफी सही फैसला भी है। हालांकि किंग्स XI पंजाब के खिलाफ खेले गए मैच में रोहित शर्मा ने आराम लेने का फैसला लिया और सभी को उम्मीद थी कि अनुभव के लिए टीम में युवराज सिंह को शामिल किया जाएगा, लेकिन मुंबई ने रोहित की जगह टीम में सिद्धेश लाड को मौका दिया जिन्होंने आईपीएल में अपना डेब्यू किया था। तीन बार की पूर्व चैंपियन के इस फैसले से एक बात तो साबित हो जाती है कि मुंबई इंडियंस ने तय कर लिया है कि अब वो युवा खिलाड़ियों में ही निवेश करेंगे, जोकि भविष्य में टीम के काम आएंगे।
-युवराज सिंह की फिटनेस का असर उनकी फील्डिंग पर दिख रहा है
युवराज सिंह के फैंस इस बात पर बहस कर सकते हैं कि युवराज सिंह को बलि का बकरा बनाया जा रहा है और टीम में बहुत से ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। यह बात कुछ हद तक सही है कि युवी को एक-दो मैच में मौका और दिया जा सकता था। इस बीच यह भी सबको ध्यान में रखना होगा कि टी20 क्रिकेट में फील्डिंग का अहम किरदार होता है और निश्चित ही अब युवी की फील्डिंग वो नहीं रही है, जिसके लिए वो जाने जाते थे। वो अपनी फिटनेस पर काफी काम तो कर रहे हैं, लेकिन फिर भी उनकी फील्डिंग पहले से काफी खराब हो चुकी है और कप्तान को उन्हें मैदान में छुपाना पड़ता है, जोकि किसी भी कप्तान के लिए मुश्किल होता है। इससे मुंबई इंडियंस को नुकसान हो रहा है और इसी वजह से युवराज सिंह के ऊपर युवा खिलाड़ियों को तरजीह देने का मन बनाया। ऐसा भी नहीं है कि युवी ने बल्ले के साथ बिल्कुल ही कमाल दिखाया हो कि कप्तान और टीम मैनेजमेंट उनकी फील्डिंग को नजरअंदाज कर दें।
-उनके पास अब साबित करने के लिए कुछ भी नहीं है, साथ में वर्ल्ड कप का सपना भी टूट चुका है
युवराज सिंह काफी समय से वर्ल्ड कप में जगह बनाने की बात कह रहे थे, लेकिन भारतीय टीम के चयन के साथ ही विश्वकप का सपना उनका टूट चुका है और उन्होंने अपने करियर में लगभग सबकुछ ही हासिल कर लिया है। अब उनके पास किसी को कुछ भी साबित करने के लिए नहीं बचा है। मुंबई ने भी अपने इस दिग्गज खिलाड़ी से किनारा कर लिया है, तो अब युवराज सिंह को खुद ही युवा खिलाड़ियों को मौका देने के लिए संन्यास का ऐलान कर देना चाहिए। वैसे भी मुंबई ने भविष्य को लेकर सही फैसला लिया है और अबजब मुंबई ने युवराज सिंह को पूरी तरह से बाहर कर दिया है इस बात के चांस काफी कम है कि उन्हें इस सीजन में खेलने के और मौके मिलेंगे। इसी वजह से बाएं हाथ के दिग्गज खिलाड़ी के लिए अब संन्यास लेने का बिल्कुल सही समय है।
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