पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने 2002 नेटवेस्ट ट्रॉफी को याद करते हुए इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन को ट्रोल किया है। युवराज सिंह ने 2002 नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल में मिली जीत के बाद जश्न की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं और इसमें नासिर हुसैन का भी जिक्र किया है।युवराज सिंह ने ट्विटर पर लिखा, नेटवेस्ट 2002 फाइनल की यादें ताजा कर रहा हूं। जान लगा दी थी सबने मिलकर। हम एक युवा टीम थे और जीतना चाहते थे। इस रोमांचक मुकाबले में टीम के सभी खिलाड़ियों ने मिलकर जबरदस्त प्रदर्शन किया और उसी वजह से हमने इंग्लैंड को हराकर ट्रॉफी अपने नाम किया। नासिर हुसैन अगर आप भूल गए हों तो फिर आपको याद दिलाने के लिए ये चीज है।'#Throwback to Natwest 2002 Final. Jaan laga di thi sab ne mil ke! We were young and we wanted to win. It was a wonderful team effort that helped us beat England and clinch the trophy in this nail-biting game 💪🏻💪🏻 @nassercricket just incase you forgot 😂🤪 pic.twitter.com/7LXBVWSHzp— Yuvraj Singh (@YUVSTRONG12) July 13, 2020नासिर हुसैन भी युवराज सिंह की इस मंशा को समझ गए और इसीलिए उन्होंने ज्यादा सवाल-जवाब नहीं किए। उन्होंने युवराज सिंह के इस ट्वीट के जवाब में बस इतना लिखा, ये तस्वीरें काफी अच्छी हैं, शेयर करने के लिए शुक्रिया।Some lovely photos mate .. thanks for sharing 😉— Nasser Hussain (@nassercricket) July 13, 2020युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ की जबरदस्त पार्टनरशिप ने भारत को दिलाई थी जीतगौरतलब है कि 2002 में नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल मैच में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को हराकर ख़िताब जीता था। सौरव गांगुली कप्तान थे जिन्होंने टी-शर्ट हवा में लहराकर जश्न मनाया था। युवराज सिंह ने 69 और मोहम्मद कैफ ने नाबाद 87 रन की पारी खेली थी। भारत ने 325 रन के बड़े स्कोर का पीछा करते हुए जीत दर्ज की थी। भारतीय टीम के लिए वह बदलाव का दौर था जिसमें कई नए खिलाड़ी थे। वीरेंदर सहवाग, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के आउट होने के बाद किसी ने नहीं सोचा था कि कुछ चमत्कार होगा लेकिन मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह ने इंग्लैंड की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।ये भी पढ़ें: चेन्नई सुपर किंग्स में मुझे लाने का फैसला एम एस धोनी का था- पियूष चावलावहीं इससे पहले मोहम्मद कैफ ने भी उस फाइनल मुकाबले में मिली जीत को याद किया था। उन्होंने लिखा कि बचपन में एक चुनाव जीतने के बाद खुली जीप में अमिताभ बच्चन को मैंने देखा था। नेटवेस्ट ट्रॉफी के बाद मुझे अमिताभ बच्चन जैसी फीलिंग आ रही थी। इलाहाबाद में मुझे एक खुली जीप में लेकर जाया गया था। घर तक जाने के लिए पांच-छह किलोमीटर के सफर में हमें तीन से चार घंटों का समय लगा था।