Nag Ashwin used to work for Rs 4,000, but now he earns crores a day: लंबे इंतजार के बाद आज वो दिन आ ही गया, जिसका फिल्म 'कल्कि' के मेकर्स और सभी फैंस को बेसब्री से इंतजार था। यह फिल्म साल की सबसे मोस्ट अवेटेड फिल्मों में से एक है। आज, 27 जून को, यह फिल्म थिएटर्स में रिलीज हो चुकी है, और जैसा कि इसकी प्रतिक्रिया मिल रही थी, यह फिल्म वैसा ही प्रदर्शन करती नजर आ रही है। इस फिल्म ने अपनी प्री-बुकिंग से जितनी कमाई की है, उतनी कमाई तो आमतौर पर फिल्म रिलीज होने के बाद ही होती है। ऐसे में, 'कल्कि' बड़े पर्दे पर कितनी कमाई करेगी, यह तो वक्त ही बताएगा।
फिल्म 'कल्कि 2898 AD' का नशा फैंस पर चढ़ा
फिल्म "कल्कि" एक साइंस फिक्शन फिल्म है जिसका निर्देशन "नाग अश्विन" ने किया है। इस फिल्म को बनाने में उन्हें कई सालों का समय लगा, लेकिन लोगों से मिल रही प्रशंसा ने नाग अश्विन का जीवन मानो सफल ही कर दिया हो। उनकी मेहनत रंग लाती नजर आ रही है। फिल्म के निर्देशन की लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं, और उनकी प्रशंसा देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बढ़-चढ़ कर हो रही है। इतने बड़े बजट की फिल्म संभालने वाले नाग अश्विन ने अपनी शुरुआत कब और कैसे की और उनका यह सफर कैसे महज 4,000 की नौकरी से करोड़ों तक पहुंचा, यह जानकर आप हैरान हो सकते हैं।
नाग अश्विन: हमेशा से मेहनती और होशियार थे
नाग अश्विन हमेशा से काफी मेहनती बताए जाते हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वह खुद ज्यादा नहीं बोलते लेकिन उनका काम खूब बोलता है। यह बात बहुत पहले ही साबित हो चुकी है और फिल्म 'कल्कि' इसका ताजा उदाहरण बन चुकी है। नाग अश्विन ने अपने छात्र जीवन में अपने कॉलेज की एक पत्रिका के एडिटर के रूप में काम किया। उनके माता-पिता पेशे से डॉक्टर हैं, ऐसे में परिवार ने यही सोचा था कि वह भी डॉक्टर बनेंगे, लेकिन उन्होंने मल्टीमीडिया का कोर्स किया और खुद को साबित किया।
फिल्मों में नाग अश्विन की शुरुआत और सफलताएं
उन्होंने निर्देशक शेखर कम्मुला के सहायक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उनकी पहली सैलरी मांचू मनोज अभिनीत फिल्म में काम करने पर मिली, जो महज 4,000 रुपए थी। उनकी फिल्म 'महानती' को साल 2019 में सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय तेलुगु फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला और इसी फिल्म के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का तेलुगु फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता।