ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली फेंसर सीए भवानी देवी ने याद किया कि टोक्यो गेम्स में कट हासिल करने के लिए वह इतनी प्रतिबद्ध थी कि चोटों के साथ भी उन्होंने अपनी रैंकिंग में सुधार करने के लिए टूर्नामेंट्स में हिस्सा लिया। एडजस्टेड ऑफिशियल रैंकिंग (एओआर) मेथड द्वारा टोक्यो गेम्स के लिए भवानी ने क्वालीफाई किया। 5 अप्रैल 2021 तक वर्ल्ड रैंकिंग के आधापर पर एशिया और ओशियाना में दो व्यक्तिगत जगह भरी जाना थी। भवानी की रैंकिंग 45 है और उन्होंने रैंकिंग में उपलब्ध दो जगहों में से एक हासिल की।
2016 रियो ओलंपिक्स में क्वालीफाई करने में नाकाम भवानी देवी ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि किस टूर्नामेंट में हिस्सा लें और किसे छोड़े, इसलिए उन्होंने सभी में हिस्सा ले लिया। भवानी देवी ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'मेरे लिए यह पहला मौका था इसलिए मैंने दोहरा प्रयास किया। मुझे कुछ पता नहीं था कि सभी प्रतियोगिताओं में जाना सही है या नहीं। मैं किसी भी चीज को छोड़ना नहीं चाहती थी।'
भवानी देवी ने आगे कहा, 'इसलिए मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और सभी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। अगर मुझे चोट भी लगी तो भी मैंने इवेंट्स में हिस्सा लिया। मैं अंक हासिल करने के लिए ऐसा कर रही थी और एशियाई जोन क्वालीफिकेशन में अपनी रैंकिंग हासिल करना चाहती थी। वो सभी समझौते और प्रयास मेरे मददगार बने और मैं अपने सपने को महसूस कर सकी।'
भवानी देवी को कभी अपने फैसले पर शक नहीं हुआ
27 साल की चेन्नई की भवानी देवी का मानना है कि भारतीय फेंसरों को अधिक अनुभवी यूरोपीय विरोधियों से स्पर्धा करने के लिए अतिरिक्त आगे जाना पड़ता है क्योंकि यहां खेल नया है और अपने पैर पसार रहा है। भवानी देवी ने कहा, 'मुझे इस खेल को अपनाने में कभी शक नहीं रहा कि नतीजे खराब आएं या बेहतर, मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। मैं हमेशा खुद को सुधारने की कोशिश करती हूं और बेहतर करने का प्रयास करती हूं।'
भवानी देवी ने आगे कहा, 'चूकि फेंसिंग भारत में नया खेल है, इसका विकास हो रहा है। इटली या अन्य देश में वह 100 सालों से ज्यादा समय से खेल रहे हैं। हमारे लिए उस स्तर पर पहुंचना मतलब दोहरी मेहनत करना। इसलिए मैंने हमेशा कड़ी मेहनत की और शनिवार को तीन सेशन ट्रेनिंग करती हूं। तभी मैं यहां तक पहुंच सकी हूं। अगर मैं ट्रेनिंग में कुछ मिस कर देती तो यहां तक नहीं पहुंचती और अन्य लोगों से मुझे समर्थन मिला क्योंकि फेंसिंग में हमें काफी पैसे खर्च होते हैं और मुझे ज्यादा अंक हासिल करने के लिए कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना होता है।'