17वें एएफसी एशियाई कप फुटबॉल का आयोजन 5 जनवरी से 1 फरवरी, 2019 तक यूएई में किया जाएगा। भारतीय टीम सिर्फ चौथी बार एएफसी एशियाई कप में हिस्सा ले रही है और उन्हें ग्रुप ए में मेजबान यूएई, बहरीन और थाईलैंड के साथ रखा गया है। भारतीय टीम अपना पहला मैच 6 जनवरी को थाईलैंड, 10 जनवरी को यूएई के खिलाफ अबू धाबी में और 14 जनवरी को बहरीन के खिलाफ शारजाह में खेलेगी।
एएफसी एशियाई कप में कुल मिलाकर 24 टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिन्हें 6 अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया है। ग्रुप बी में ऑस्ट्रेलिया, सीरिया, जॉर्डन और फिलिस्तीन, ग्रुप सी में दक्षिण कोरिया, चीन, किर्गीजस्तान और फिलीपींस, ग्रुप डी में ईरान, इराक, वियतनाम और यमन, ग्रुप ई में सऊदी अरब, क़तर, लेबनान और उत्तर कोरिया एवं ग्रुप एफ में जापान, उज़्बेकिस्तान,ओमान और तुर्कमेनिस्तान की टीमें हैं।
भारतीय टीम सिर्फ चौथी बार एएफसी एशियाई कप में हिस्सा ले रही है। इससे पहले टूर्नामेंट में भारत ने 1964, 1984 और 2011 में हिस्सा लिया था। 1964 में चार टीमों वाले टूर्नामेंट में भारतीय टीम दूसरे स्थान पर रही थी। मेजबान इजराइल ने तीन मैचों में तीन जीत के साथ पहला स्थान हासिल किया था।
1984 में सिंगापुर में खेले गए 10 टीमों वाले टूर्नामेंट में भारतीय टीम ग्रुप स्टेज में ही हारकर बाहर हो गई थी। ग्रुप बी में भारत को चार में से तीन मैच में हार का सामना करना पड़ा, वहीं ईरान के खिलाफ उनका मुकाबला ड्रॉ रहा था।
2011 में टूर्नामेंट का आयोजन क़तर में हुआ और 16 टीमों ने हिस्सा लिया। भारतीय टीम इस बार भी ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई। ग्रुप सी में भारत को तीन में तीन मैच में हार का सामना करना पड़ा।
2019 में भारतीय टीम बेहतर प्रदर्शन करके अगले राउंड में जगह बनाने की कोशिश जरूर करेगी। हर ग्रुप की टॉप 2 टीमें सीधे राउंड ऑफ़ 16 में प्रवेश करेंगी, वहीं राउंड ऑफ़ 16 की बची हुई चार टीमों का फैसला हर ग्रुप में तीसरे स्थान पर रहने वाली टीमों के बीच होने वाले मुकाबले से होगा।
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