5 ऐसे फुटबॉलर जिन्हें गांजे का सेवन करने की सजा मिली

फुटबॉल एक बेहद आक्रामक खेल है और इस आक्रमकता को बनाए रखने के लिए शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा की जरुरत होती है। कई बार खिलाड़ी इस अतिरिक्त ऊर्जा के लिए ड्रग्स या दवाओं का भी सहारा लेने लगते हैं। हालांकि कई ऐसे भी ड्रग्स हैं जिनका प्रयोग आदमी आनन्द और मनोरंजन लेने के लिए करता है और उसका मानव शरीर पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। कोकीन और मारिजुआना (गांजा) भी ऐसे ही मनोरंजक ड्रग्स हैं, जिनको लेने से एक फुटबॉल खिलाड़ी के प्रदर्शन पर कोई भी सकारात्मक असर नहीं पड़ता। लेकिन फीफा के नियमों के अनुसार इसका सेवन अवैध है और दोषी पाए जाने पर खिलाडियों को प्रतिबंध का भी सामना करना पड़ता है। 'स्पोर्टिंग इंटेलिजेंस' नामक एक संस्था के अध्ययन के अनुसार 2004 से 2010 के बीच में इंग्लिश फुटबॉल एसोसिएशन ने मारिजुआना लेने के आरोप में चार खिलड़ियों को प्रतिबंधित किया जिनमें से सिर्फ एक नाम का खुलासा हो सका। इसी तरह आठ अन्य खिलाडियों को मारिजुआना सेवन के मामले में सजा ना देते हुए सिर्फ चेतावनी दी गई। लेकिन सभी खिलाड़ी इनकी तरह भाग्यशाली नहीं होते। हम यहां ऐसे 5 फुटबॉल खिलड़ियों की बात करेंगे, जिन्हें मारिजुआना के सेवन की सजा मिली और उन्हें प्रतिबंध का सामना करना पड़ा। इनमें से कुछ खिलाड़ी प्रतिबंध की सजा मिलने के बाद उससे उबर नहीं पाएं और अपना कैरियर खत्म कर बैठे तो कुछ ने शानदार वापसी करते हुए अपने कैरियर को जबर्दस्त ऊचाइयां प्रदान की। #5 बर्नार्ड लामा बर्नार्ड लामा ने एक सफल कैरियर की शुरुआत की थी। पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) क्लब के लिए खेलते हुए उन्होंने चैंपियंस लीग सहित दो फ्रेंच कप और एक यूएफा कप विनर्स कप का टाइटल भी जीता था। उन्होंने फ्रांस की राष्ट्रीय टीम के लिए भी 40 से अधिक मैच खेलें। लेकिन 1997 में लामा पर मारिजुआना लेने का आरोप लगा और उनके दौड़ते हुए कैरियर पर ब्रेक लग गया। ड्रग टेस्ट में पाजिटिव पाये जाने के बाद इस गोलकीपर को टीम से अपना स्थान गवाना पड़ा। फ्रेंच फुटबॉल फेडरेशन ने लामा पर दो महीने का प्रतिबंध लगा दिया। दिलचस्प बात यह थी कि वह पिछले दो साल में मारिजुआना का सेवन करने वाले आठवें फ्रेंच खिलाड़ी थे। हालांकि प्रतिबंध के बाद लामा ने वापसी की और इंग्लैंड के वेस्ट हैम क्लब के लिए थोड़े समय तक फुटबॉल खेला। इसके बाद लामा ने फिर से पीएसजी का दामन थाम लिया और अगले दो सीजन तक एक नंबर जर्सी के साथ पीएसजी के लिए खेलते रहें। कैरियर के आखिरी दिनों में वह फ्रांस के ही रेनेस क्लब के साथ जुड़ गए। #4 क्रिस आर्मस्ट्रांग 2 chris ‘क्रिस्टल पैलेस’ के स्ट्राइकर क्रिस आर्मस्ट्रांग ड्रग्स टेस्ट में विफल होने वाले प्रीमियर लीग के पहले खिलाड़ी थे। उन्हें मार्च 1995 में 'कैनबिस' के सेवन का दोषी पाया गया और इस कारण उन पर चार मैच का प्रतिबन्ध भी लगा। मैदान पर फिर से वापसी करने के लिए उन्हें एक महीने के रिहैबलिटेशन प्रोग्राम से भी गुजरना पड़ा। यह घटना उनके कैरियर को कुछ ज्यादा नुकसान पहुंचाती, उससे पहले ही इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी को टॉटेनहम क्लब ने 4.5 मिलियन पाउंड में खरीद लिया, जो टॉटेनहम क्लब के इतिहास की सबसे महंगी खरीदारी थी। आर्मस्ट्रांग ने भी टॉटेनहम क्लब को निराश ना करते हुए क्लब के लिए कुल 48 गोल दागे। #3 इब्राहिम टैंको Fussball: DFB Pokal 04/05, SC Paderborn-SC Freiburg घाना के स्ट्राइकर इब्राहिम टैंको जब सिर्फ 17 वर्ष के थे तभी उन्होंने बुंडेस लीगा में बोस्निया-डॉर्टमंड के लिए पदार्पण किया था। हालांकि उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और 2000 में जर्मन कप के एक मैच के बाद उन्हें एक ड्रग टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया। 23 वर्षीय इस खिलाड़ी को 'टेट्रा हाइड्रो कैनाबिनॉल' के सेवन का दोषी पाया गया और जर्मन फुटबॉल एसोसिएशन ने टैंको पर चार महीने का प्रतिबंध और 7,000 डॉलर का जुर्माना लगा दिया। इसके बाद बोस्निया-डॉर्टमंड के साथ भी टैंको का रिश्ता टूट गया और टैंको ने फिर ‘फ्रीबर्ग’ क्लब को ज्वाइन कर लिया। पर इस घटना के बाद टैंको के खेल का स्तर लगातार गिरता गया और वे लगातार चोटों से भी परेशान रहे। 106 मैच में सिर्फ 5 गोल के रिकॉर्ड ने फ्रीबर्ग क्लब को मजबूर कर दिया कि ‘रिटायर’ होने से पहले ही टैंको को ‘रिलीज’ कर दिया जाए। #2 मबुलेलो मबीजेला 4 mabizela 2003 में प्रीमियर लीग टीम टॉटेनहम दक्षिण अफ्रीका दौरे पर थी और उसे एक मैत्रीपूर्ण मैच में स्थानीय क्लब ‘ऑरलैंडो पाइरेट्स’ से 2-1 से हार मिली थी। उस मैच में ऑरलैंडो पाइरेट्स के मबुलेलो मबीजेला ने शानदार प्रदर्शन किया था और उससे प्रभावित होकर टॉटेनहम ने मबीजेला को तुरंत साइन कर लिया। 2 महीने बाद मबीजेला ने लिस्टर सिटी के विरूद्ध मैच में टॉटेनहम के लिए अपना पहला और एकमात्र गोल किया। पर मबीजेला के लगातीर ट्रेनिंग सेशन से गायब रहने और अन्य अनुशासनहीन कार्यों के कारण टॉटेनहम ने उन्हें एक साल के भीतर ही रिलीज कर दिया। 2 साल बाद उन्होंने फिर दक्षिण अफ्रीका के घरेलू लीग में वापसी की और ‘मामेलोडी सन्डाउन्स’ क्लब ने उन्हें साइन किया। लेकिन दिसम्बर, 2006 में मारिजुआना का सेवन करने के आरोप में मबीजेला पर 6 महीनें का प्रतिबंध और 6,900 डॉलर का प्रतिबन्ध लगा दिया गया। जनवरी 2009 में मामेलोडी सन्डाउन्स ने भी मबीजेला को रिलीज कर दिया। मबीजेला विवादों से कभी अपने आप को दूर नहीं रख पाएं और मलावी के खिलाफ एक मैच से पहले बिना आधिकारिक छुट्टी के ट्रेंनिग सेशन से अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय टीम से भी अपना स्थान गवाना पड़ा। #1 वाइल्डर मेडिना 5 medina ड्रग्स, गैंग्स और हिंसा ने जिस एक और उम्दा खिलाड़ी का कैरियर तबाह किया उसका नाम वाइल्डर मेडिना है। मैदान में किए गए प्रदर्शन से ज्यादा मैदान के बाहर किए गए कारनामों के कारण यह स्ट्राइकर हमेशा सुर्ख़ियों में रहा। 18 साल की उम्र में जब मेडिना कोलंबिया के क्लब रियोनोग्रो की तरफ से खेलते थे, तभी उन्हें पहली बार ड्रग्स के सेवन का दोषी पाया गया। 12 साल बाद 2011 में एक बार फिर से ड्रग टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बाद उनके क्लब 'डिपोर्ट्स टोलीमा' ने उन्हें तीन महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया। तीन महीने बाद मेडिना ने फिर से वापसी तो की पर जल्द ही एक और ड्रग टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन पर एक साल का प्रतिबंध लग गया। कोलम्बियन लीग ने इस बार उन पर 1750 डॉलर का जुर्माना भी लगाया। सितम्बर, 2012 में प्रतिबंध समाप्त होने के बाद उन्हें अपने क्लब डिपोर्ट्स टोलीमा के ड्रग टेस्ट से गुजरना पड़ा, जहां फिर से वह कोकीन और मारिजुआना के सेवन के दोषी पाए गए और इस बार उनके क्लब ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि इसके बाद मेडिना ने शानदार वापसी की और इस वापसी में उन्हें 'सैंटा फे' क्लब और उसके मालिक सीजर पेस्त्राना का पूरा सहयोग मिला। कैरियर को रफ्तार मिलने का बाद मेडिना फिर कभी ड्रग टेस्ट में पॉजिटिव नहीं पाए गए और 2013 और 2014 के सीजन में अपने क्लब सैंटा फे के लिए उन्होंने कुल 30 गोल किए। लेखक - निक डोरिंगटन अनुवादक - सागर

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