FIFA World Cup के इतिहास में अब तक के 5 सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकर

फ़ीफ़ा वर्ल्डकप की शुरुआत में तो अब बस कुछ घंटों का ही वक़्त बचा है, 14 जून को मेज़बान रूस और साउदी अरेबिया के बीच मुक़ाबले से इस महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी। दुनिया के 32 देशों के बीच होने वाली इस प्रतियोगिता में एक से बढ़कर एक फ़ुटबॉलर शिरकत कर रहे हैं। जिसमें मौजूदा दौर के दो सबसे बड़े नाम लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो भी शामिल हैं। सालों से इस खेल में हमने कई महान स्ट्राइकर को देखा है, जिनमें जर्गेन क्लिंसमैन, गैब्रियल बतिस्तुता, डेविव वीया, रॉबर्टो बैगियो और डिएगो मार्डोना शामिल हैं। लेकिन हम इस लेख में जिन 5 सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकर की बात करने जा रहे हैं वह दूसरों से अलग हैं। एक नज़र डाल लेते हैं फ़ीफ़ा वर्ल्डकप इतिहास के अब तक के बेहतरीन 5 स्ट्राइकर पर:

#5 पेले

पेले के नाम फ़ुटबॉल इतिहास में सबसे ज़्यादा गोल का रिकॉर्ड है, और निसंदेह उनका नाम दुनिया के महानतम फ़ुटबॉलरों में शुमार होता है। 92 मैचों में 77 गोल के साथ पेले ब्राज़ील की ओर से सबसे ज़्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। पेले के नाम सबसे कम उम्र में वर्ल्डकप जीतने के साथ साथ वर्ल्डकप में सबसे कम उम्र में गोल करने वाले खिलाड़ी का रिकॉर्ड भी दर्ज है। पेले ने फ़ीफ़ा वर्ल्डकप में ब्राज़ील का 4 बार प्रतिनिधित्व किया है, जिनमें 60 और 70 के दशकों के दौर में उनका प्रदर्शन लाजवाब रहा था। पेले दुनिया के इकलौते फ़ुटबॉलर हैं जो 3 बार वर्ल्डकप जीतने वाले देश का प्रतिनिधित्व किया है। पेले की उपस्तिथि में ब्राज़ील ने 1958, 1962 और 1970 में फ़ीफ़ा वर्ल्डकप पर क़ब्ज़ा जमाया है। वर्ल्डकप के 14 मैचों में पेले के नाम 12 गोल है, 1970 के फ़ीफ़ा विश्वकप में पेले को वर्ल्डकप गोल्डेन बॉल के पुरस्कार से नवाज़ा गया था। पेले को उनकी चपलता और दोनों ही पैरों से गेंद को गोल पोस्ट के अंदर पहुंचाने की अद्भुत कला के लिए हमेशा याद किया जाता है।

#4 जस्ट फ़ोन्टेन

जस्ट फ़ोन्टेन को फ़्रांस के बेहतरीन स्ट्राइकर के तौर पर याद किया जाता है, स्वीडन में हुए 1958 विश्वकप में फ़ोन्टेन ने 13 गोल करते हुए तहलका मचा दिया था। जो आज भी किसी एक सीज़न में किसी खिलाड़ी द्वारा सबसे ज़्यादा गोल करने का रिकॉर्ड है। फ़ोन्टेन ने अपने देश के लिए सिर्फ़ 21 मैच खेला और इनमें कुल 30 गोल उन्होंने अपने नाम किए। 28 साल की उम्र में ही पैर की चोट की समस्या की वजह से फ़ोन्टेन के करियर का दुर्भाग्यपूर्ण अंत हो गया।

#3 गर्ड मुलर

फ़ीफ़ा वर्ल्डकप इतिहास में जर्मनी बेहद क़ामयाब टीम के तौर पर मानी जाती है, जिसके नाम कुल 4 विश्वकप ख़िताब हैं। इन 4 ख़िताबों में से एक का श्रेय गर्ड मुलर को भी जाता है, मुलर ने जर्मनी के लिए 62 मैच खेले थे जिनमें उनके नाम 68 गोल हैं। मुलर को ‘डर बॉम्बर’ के नाम से भी जाना जाता है, 1970 में बैलन डी’ओर का ख़िताब जीतने वाले मुलर ने 1974 के फ़ीफ़ा वर्ल्डकप में 10 गोल करते हुए जर्मनी को चैंपियन बनाया था और ख़ुद द गोल्डेन बूट से नवाज़े गए थे। मुलर ने जर्मनी का दो बार वर्ल्डकप में प्रतिनिधित्व किया और इनमें 13 मैचों में उनके नाम 14 गोल हैं। मुलर भी जर्मनी के लिए ज़्यादा सालों तक नहीं खेल पाए और 28 साल की उम्र में ही उन्हें संन्यास लेना पड़ा। मुलर पहले जर्मन थे जिन्हें यूरोपियन फ़ुटबॉलर ऑफ़ द ईयर के अवॉर्ड से नवाज़ा गया था।

#2 रोनाल्डो

ब्राज़ील के रोनाल्डो को दुनिया के महानतम खिलाड़ियों की फ़ेहरिस्त में शामिल किया जाता है। रोनाल्डो के नाम दो वर्ल्डकप ख़िताब है जो उन्होंने 1994 और 2002 में ब्राज़ील को जिताने में अहम योगदान दिया था। अपने देश के लिए 98 मैचों में खेलने वाले रोनाल्डो के नाम 62 गोल दर्ज हैं। फ़ीफ़ा वर्ल्डकप में रोनाल्डो के नाम कुल 15 गोल हैं और सबसे ज़्यादा गोल करने वाली फ़ेहरिस्त में वह दूसरे पायदान पर हैं। दो बार बैलन डी’ओर का ख़िताब जीतने वाले रोनाल्डो ने 1998 और 2002 में लगातार गोल्डेन बूट का भी अवॉर्ड अपने नाम किया था। रोनाल्डो के बारे में कहा जाता है कि उनकी गेंद को बैलेंस करने की क्षमता अद्भुत थी और साथ ही उनकी ड्रिबिंग का भी कोई जवाब नहीं था। रोनाल्डो एक ऐसे स्ट्राइकर थे जो विपक्षी टीम के डिफ़ेंस को आसानी से चकमा देते हुए किसी भी परिस्थिति में गोल करने में माहिर थे।

#1 मिरोसलव क्लोज़

इस फ़ेहरिस्त में पहले नंबर क़ाबिज़ हैं जर्मनी के टॉप स्ट्राइकर मिरोसलव क्लोज़, जिन्होंने अपने देश के लिए कुल 137 मैचों में 71 गोल किए। क्लोज़ ने 4 बार फ़ीफ़ा वर्ल्डकप में जर्मनी का प्रतिनिधित्व किया है, 2002, 2006, 2010 और 2014 में खेलने वाले क्लोज़ के नाम टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा गोल करने का भी विश्व कीर्तिमान है। क्लोज़ के नाम 24 वर्ल्डकप के मुक़ाबलों में 16 गोल दर्ज हैं। दो वर्ल्डकप में 5 या उससे ज़्यादा गोल करने के मामले में भी क्लोज़ दुनिया के सिर्फ़ 3 फ़ुटबॉलरों में से एक हैं। उनके अलावा ये कारनामा उन्हीं के हमवतन थॉमस मुलर और टियोफ़ीलो क्युबिलास ने ही किया है। 2014 में क्लोज़ ने जर्मनी को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया था और 2006 में उन्हें गोल्डेन शू से भी नवाज़ा गया था। मिरोसलव क्लोज़ दुनिया के इकलौते खिलाड़ी हैं जिन्होंने लगातार 4 बार फ़ीफ़ा वर्ल्डकप के अंतिम-4 में जगह बनाने वाली टीम में रहे।

Edited by Staff Editor
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