स्कॉर्पियन किक गोल करने के लिए न सिर्फ एथलेटिसिस्म, टाइमिंग की आवश्यकता होती है बल्कि साथ ही में किस्मत के साथ की भी जरुरत होती है। आईये नज़र डालते है कुछ और यादगार ''स्कॉर्पियन किक '' की जिन्होंने दुनिया भर के प्रशंसकों की वाहावाही लूटी : 1) जब रेने रेने हिगुइता ने अपनी कलाबाज़ी से गोल बचाते हुए पूरे वेम्बली मैदान को चमका दिया इन्ही वजहों से कोलम्बियाई गोलरक्षक को रेने हिगुइता को एल लोको (पागल आदमी ) के उपनाम से बुलाया जाता है। यह साउथ अमेरिकन गोलरक्षक मैदान पर कुछ यूँ खतरनाक रक्षण कर दिखाता है जो दूसरे शायद सोच भी न सके। ये उन शुरूआती रक्षकों में से थे जिन्होंने इस जिम्मेदारी को सिर्फ एक बॉक्स में खड़े रहने से आगे का खेल बना दिया। "स्कॉर्पियन किक" के खोजने वालों में से एक माने जाने वाले हिगुइता ने दुनिया को इस किक से परिचित कराया जब 1995 में इंगलैंड के खिलाफ इसका प्रयोग किया। जेमी रेडनैप्प ने बॉक्स मे क्रॉस करना शुरू कर दिया, किसी भी गोलकीपर को बचाने के लिए यह एक साधारण गोल होता हालांकि, हिगुइता ने अपनी आँखें उस पर पूरी तरह से रख दीं और आखिरी सेकंड में अपने पाँव ऊपर कर गेंद को किक करने के लिए आगे बढ़ गये। वेम्बली में भीड़ ने जो कुछ देखा था, उस पर विश्वास नहीं किया। टेलीविजन दर्शकों के लिये यह अविश्वसनीय था। कमेंट्रेटर ने कहा उसने जो देखा वह उसने कभी देखा था और इसे गोल कीपिंग इतिहास का एक यादगार हिस्सा करार दिया।