इंग्लैंड आने के बाद चेल्सी से जुड़ने से पहले जोस मोरिन्हो को ‘लिवरपूल’ का मैनेजर बनने में काफी दिलचस्पी थी। लिवरपूल के पूर्व मिडफील्डर डेनी मर्फी ने बताया कि 2004 में जब क्लब के लिए नया मैनेजर चुनने की बात उठी तो मोरिन्हो और राफा बेनिटेज़ दौड़ में सबसे आगे थे। लेकिन राफा द्वारा वेलेंसिया को जितवाए गए यूएफा चैंपियंस लीग और ला लीगा खिताबों के चलते उन्हें मैनेजर बनाया गया। मर्फी का कहना था कि मैं हमेशा से जानता था कि जोस या राफा में से ही कोई लिवरपूल का प्रबंधन करेगा। मैं ये भी कह सकता हूं कि मोरिन्हो तहे दिल से ये जिम्मेदारी निभाना चाहते थे। ऐसे में राफा के मैनेजर बनने से उन्हें काफी दुख हुआ होगा। इसके बाद ऐसा देखा गया कि मोरिन्हो की बेनिटेज़ से कभी नहीं बनी न ही लिवरपूल से। लिवरपूल के लिए उनका प्रतिरोधक रवैया शायद 2004 की नाकामी का ही कारण है।