एनटोनियो हबास ने पहली बार कोलकाता को चैंपियन बनाया था। उसके बाद दूसरे सीजन में टीम सेमीफाइनल तक पहुंची थी। लेकिन इस सीजन में हबास की जगह स्पेन के मोलिना को टीम का मेनेजर बनाया गया। टीम ने खिलाड़ी वही रखे। सिर्फ मेनेजर बदला। बोरिया फ़र्नांडीज, ओफेन्ट्स नाटो और अर्नव मोंडल के अलावा इयान हमे, हेल्डर पोस्टिगा, जावी लारा, टिरी और समीह्ग़ को टीम में बरकरार रखा। इसके अलावा हेनरिक सेरेनो और देबजीत मजुमदार जैसे नये खिलाड़ी टीम में आये। जो टीम के लगातार सदस्य रहे। मोलिना का काम करने का तरीका भी हबास की तरह ही रहा। जिससे टीम को किसी भी रणनीतिक दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। स्पेन के इस मेनेजर का लाभ एटलेटिको को सबसे ज्यादा हुआ। क्योंकि टीम में ज्यादातर खिलाड़ियों को स्पेनिश बोलनी आती थी। जिसकी वजह से अंग्रेजी की जरूरत उन्हें पड़ी। बोर्जा, लारा और टिरी के अलावा पोस्टिगा स्पेन में काफी फुटबॉल खेल चुके हैं।