#3 मानवता का पर्याय मकाना फुटबॉल एसोशिएशन रंगभेद शासन के दौरान कैदियों ने बिना परीक्षण रॉबेन द्वीप की जेल में अपने दिन बिताए थे। उस समय उन्हें चूना खदानों में काम करने के लिए मजबूर किया गया और उनपर क्रूर शारीरिक और मानसिक दुर्व्यवहार किया गया। लेकिन फिर भी काले कैदियों ने उम्मीद नहीं छोड़ी और वे अपने अच्छे दिनों के लिए इंतजार करते रहे। लेकिन कहते है ना कि भगवान रहस्यमय तरीकों से काम करता है, भगवान ने उनकी कोई मदद तो नही की लेकिन एक किताब उनके पास जरूर भेजी। कैदी खाली समय में पुस्तक पढ़ा करते थे गलती से उनके हाथ फीफा नियम पुस्तक लग गई जिसे उन्होंने पढ़ा। जेल की नाउम्मीदी भरी जिंदगी में उत्साह और उमंग जगाने के लिए उन्होंने हफ्ते में एक बार फुटबॉल खेलने की इजाजत मांगी लेकिन अधिकारी इस पर हंसे और मना कर दिया। ऐंसी कोशिशें कैदियों ने 19 बार की फिर भी बात ना मानी गई लेकिन उन्होंने एक और कोशिश की फिर बात मान ली गई। इसके साथ ही मकाना फुटबॉल लीग एक वास्तविकता बन गई। कैदियों ने जैसा पढ़ा था उस के अनुसार मैदान बनाया, गोल के लिए जाल का उपयोग किया। जो लोग राजनीतिक और गुट की वफादारी के कारण विभाजित थे उन सभी को एकजुट किया। फुटबॉल ने मानवीय पक्ष के साथ साथ उन लोगों के साथ सहानुभूति प्रदान करने की कोशिश की जो दुर्भाग्यपूर्ण संघर्ष में फंस गए थे। MFA ने कैदियों द्वारा खेली गई फुटबॉल के मैच विवरण तथा अनुशासनात्मक रिकॉर्ड को दस्तावेज के रुप मे सहेजा है। फीफा के नियमों का पालन करना मुश्किल होता है, लेकिन खिलाड़ियों और प्रबंधको ने खुद को व्यवस्थित रुप से पेश किया। इस एसोसिएशन के रेफरी में जैकब जुमा भी थे जो अब दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। आयोजकों में एक थे डिकगांग मौसेनेके, जो अब न्यायाधीश बनने जा रहे हैं। एक कैदी स्टीव टेंगना जो नेल्सन मंडेला के कार्यकाल में खेल मंत्री रहे। इन कैदियों को आखिर में फुटबॉल ने वहा पहुचाया जहां इन्होंने उम्मीद नहीं की होगी। राजनीतिक कैदी और संघ के संस्थापक सदस्यों मे से एक एंथनी सुजे ने कहा कि यह सोचने में आश्चर्यजनक लगतै है कि, एक खेल जिसे खेलने के लिए दुनियाभर के लोग स्वीकृती लेते हैं और उसी खेल ने कैदियों के समूह को विद्वान बना दिया और हमें सम्मान के साथ जीने का मौका दिया। रोबेन द्वीप में एक कैदी नेल्सन मंडेला भी थे लेकिन उन्हें लीग में खेलने की इजाजत नहीं थी। लेकिन 2007 में वह रोबेन आइलैंड वापस आए और मकाना फुटबॉल एसोसिएशन को बनाया। इस क्लब को मानवता को दिए अपने योगदान के कारण मानद फीफा सदस्यता से सम्मानित किया गया था।