दुनिया के सबसे बड़े फुटबॉल क्लबों में शामिल चेल्सी एफसी पिछले दो हफ्तों से तरह-तरह की पाबंदियों की मार झेल रहा है। ताजा मामला क्लब के उन मुकाबलों को लेकर है जो विरोधी टीम के घर में खेले जाएंगे। क्लब पर लाइसेंस बचाए रखने के लिए 20 हजार पाउंड यानी करीब 20 लाख भारतीय रूपए की सीमा लगाई गई है। मतलब Away Game के लिए क्लब की ओर से जाने वाली टीम की यात्रा, रुकने, और बाकी के खर्चे इस सीमा के अंदर होने चाहिएं। 17 मार्च को चेल्सी को UEFA चैंपियंस लीग का राउंड ऑफ 16 का मैच फ्रांस में LOSC के खिलाफ खेलना है। ऐसे में जब टीम के कोच थॉमस तुलेच से पूछा गया कि इतने कम बजट में वो टीम को कैसे ले जाएंगे, तो थॉमस ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वो 7 सीटर गाड़ी में खिलाड़ियों को मैच खिलवाने ले जाएंगे, लेकिन मैच खेलेंगे जरूर।
क्लब के मालिक रूसी मूल के रोमन एब्रामोविच ने रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते क्लब को बेचने का फैसला किया, लेकिन इससे पहले कि क्लब बिक पाता ब्रिटिश सरकार ने रोमन की सारी सम्पत्ति फ्रीज कर दी। ब्रिटिश सरकार का तर्क था कि रोमन रूसी राष्ट्रपति पुतिन के करीबी हैं। चेल्सी फुटबॉल क्लब पर तरह-तरह की पाबंदियां लगा दी।
क्लब विरोधी टीम के घरेलू मैदान पर होने वाले मुकाबले के टिकट नहीं बेच सकता, कोई मर्चेंडाइज नहीं बेच सकता, कोई नए कॉन्ट्रेक्ट नहीं कर सकता। प्रीमियर लीग ने रोमन की क्लब के डायरेक्टर के रूप में मान्यता खत्म कर दी। और इन सबके बीच एक और पाबंदी जो क्लब पर लगाई गई वो हर Away Match के लिए 20 हजार पाउंड की सीमा की है।
20 हजार पाउंड की पाबंदी का मतलब है कि ये खर्चा टीम के खिलाड़ियों, स्टाफ, सुरक्षा गार्ड, सभी के आने-जाने, रहने, और बाकी जरूरतों के लिए होना है। वैसे चेल्सी की टीम बाहर खेले जाने वाले मुकाबलों के लिए क्लब के प्राइवेट प्लेन में सफर करती है और महंगे लग्जरी होटल में रुकते हैं। लेकिन कोच थॉमस के मुताबिक अगर प्लेन नहीं भी उपलब्ध होता तो वो ट्रेन से जाएंगे और अगर ये विकल्प भी नहीं होगा तो बस या कार से लंदन से फ्रांस तक का सफर तय करेंगे। यही नहीं, इस सीमा का मतलब है कि खिलाड़ियों को रुकना भी सामान्य होटलों में पड़ेगा। सामान्य मैचों पर भी टीम के 30 हजार पाउंड तक खर्च हो ही जाते हैं। ऐसे में टीम पर खेल में प्रदर्शन के अलावा कम से कम खर्च का अलग से दबाव होगा। चेल्सी ने पहले लेग के मैच में LOSC को 2-0 से हराया था। ऐसे में दूसरे लेग के मुकाबले के बाद एग्रीगेट में टीम की जीत काफी तक तय पक्की मानी जा रही है।
टीम किसी प्रशंसक की मदद आदि लेने की कोशिश भी नहीं कर सकती, क्योंकि चेल्सी पर लगाई गई पाबंदियों से ये तो साफ हो गया है कि ब्रिटिश सरकार, यूरोपीय फुटबॉल के हुकमरानों को क्लब या फुटबॉल के भविष्य से कोई सरोकार नहीं है। और शायद वो क्लब की कोई ना कोई कमी निकालने की कोशिश में ही लगे हैं। यही वजह है कि रूस के यूक्रेन पर हमले को उन्होंने एक फुटबॉल क्लब के साथ जोड़ दिया और उस क्लब पर सैंक्शन लगाकर न सिर्फ क्लब बल्कि उसके लाखों-करोड़ों प्रशंसकों के साथ भी खिलवाड़ किया है। इस पूरे वाकये के बाद चेल्सी फुटबॉल क्लब के प्रशंसक लगातार प्रीमियर लीग, चैंपियंस लीग के आयोजकों और ब्रिटिश सरकार की आलोचना कर रहे हैं।