फीफा ने भारतीय फुटबॉल महासंघ को किया संस्पेंड, अंडर-17 फुटबॉल विश्वकप की मेजबानी का अधिकार भी छीना

फीफा ने थर्ड पार्टी इंफ्लूएंस के कारण सस्पेंशन का फैसला लिया है।
फीफा ने थर्ड पार्टी इंफ्लूएंस के कारण सस्पेंशन का फैसला लिया है।

फुटबॉल की अंतरराष्ट्रीय गवर्निंग बॉडी फीफा (FIFA) ने भारतीय फुटबॉल महासंघ यानी AIFF को अनिश्चितकाल के लिए सस्पेंड कर दिया है। फीफा ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए लगातार भारतीय फुटबॉल में तीसरे पक्ष की ओर से हो रहे हस्तक्षेप को सस्पेंशन का कारण बताया। इसके साथ ही फीफा ने 11 से 30 अक्टूबर 2022 के बीच देश में होने वाले अंडर-17 वीमेन वर्ल्ड कप के आयोजन पर भी रोक लगा दी है।

फीफा की ओर से AIFF को सस्पेंड करने के लिए जारी आधिकारिक बयान।
फीफा की ओर से AIFF को सस्पेंड करने के लिए जारी आधिकारिक बयान।

क्या है मामला?

AIFF में पिछले 13 सालों से कोई भी नया शख्स प्रेसिडेंट नहीं चुना गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री के रूप में सेवाएं दे चुके प्रफुल्ल पटेल लगातार प्रेसिडेंट के पद पर काबिज थे। महासंघ पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे थे। 18 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने खुद AIFF के कामों में हस्तक्षेप किया और इसकी गवर्निंग बॉडी को समाप्त करते हुए तीन सदस्यों की समिति यानी CoA बनाते हुए इसे देश में फुटबॉल के संबंध में फैसले लेने का अधिकार दिया। लेकिन इस समिति का काम नए सिरे से AIFF के चुनाव कराने का भी था, जिसे समय से नहीं कराया गया। फीफा ने पहले भी कई बार भारत को चेताया था कि जल्द से जल्द चुनाव किए जाएं और फुटबॉल महासंघ में नए नियम नए सिरे से लागू हों।

समिति ने चुनाव तो नहीं कराया पर एक सलाहकार समिति जरूर बना ली जिसमें 12 सदस्य नामित किए गए। फीफा ने इस तीसरे धड़े के दखल को आड़े हाथों लिया और इस समिति को खत्म कर दिया। जून 2022 में AIFF में नए चुनावों की खबरें तेज हुईं, लेकिन दो महीने से ये काम अधर में लटका रहा और लगातार तीसरी पार्टी की ओर से फुटबॉल में हो रही दखलअंदाजी फीफा को नाराज कर गई, और अब उसने AIFF को बैन करने का फैसला लिया है।

फीफा ने अपने आधिकारिक स्टेटमेंट में साफ जाहिर किया है कि जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति हट जाएगी और AIFF को सभी अधिकार वापस मिल जाएंगे, तो ये सस्पेंशन हटा दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 17 अगस्त को सुनवाई करने पर हामी भर दी है। इस पूरे वाकये पर फैंस सोशल मीडिया के जरिए अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और इसे भारतीय फुटबॉल इतिहास का काला अध्याय तक बता रहे हैं।

क्या होगा असर?

इस सस्पेंशन का मतलब यह है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फुटबॉल टीम कोई मैच नहीं खेल पाएंगी। देश के क्लब भी अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई मुकाबला खेलने वाले हैं तो सस्पेंशन की अवधि में वह मैच नहीं खेल पाएंगे। घरेलू स्तर पर होने वाली लीगों का आयोजन तो होता रहेगा लेकिन सस्पेंशन के दौरान इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की मान्यता नहीं मिलेगी।

Edited by Prashant Kumar
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