61वीं रैंकिंग वाले जापान ने मंगलवार को फीफा विश्व कप ग्रुप एच के मुकाबले में कोलंबिया को 2-1 से हराकर इतिहास रच दिया। इसके साथ ही जापान पहली एशियाई टीम बनी जिसने विश्व कप में दक्षिण अमेरिकन देश को मात दी। उसने पिछले विश्व कप में कोलंबिया से मिली हार का भी बदला ले लिया। कोलंबिया ने पिछले विश्व कप में जापान को 4-1 के बड़े अंतर से हराया था। मॉर्डोविया एरिना स्टेडियम में हुए इस मुकाबले में जापान ने जीत के साथ विश्व कप में अपना खाता खोला। इस मैच में पिछली बार क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाली कोलंबिया पर जापान का दबदबा दिख रहा था। मैच के पहले दस मिनट में ही जापान ने गोल कर सबको चौका दिया। तीन मिनट पहले ही कोलंबिया के मिडफील्डर कार्लोस सांचेज को लाल कार्ड दिखाया गया और छठे मिनट में जापान को पेनाल्टी मिली जिस पर शिंजी कागवा ने बिना कोई गलती किए गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचा दिया। इसके बाद भी जापान लगातार हमलावर बना रहा। हालांकि 39वें मिनट में कोलंबिया के मिडफील्डर जुआन फर्नांडो कुइंतेरो ने बेहतरीन गोल कर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। पहला हाफ दोनों टीमों के बीच 1-1 की बराबरी के साथ समाप्त हुआ। दूसरे हाफ में भी जापान ने आक्रमण शुरू रखा। टीम के फॉरवर्ड खिलाड़ी ओसाका ने एक बाद बाद एक लगातार तीन प्रहार किए लेकिन कोलंबियाई गोलकीपर ने अपनी फुर्ती का बेहतरीन नमूना पेश करते हुए इसे गोल में बदलने से रोक दिया। मैच के 73वें मिनट में ओसाका कामयाब हुए और अपने शानदार हेडर के सहारे गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचा कर टीम को 2-1 से आगे कर दिया। यही बढ़त कायम रही और एशियाई टीम जापान ने कोलंबिया को शिकस्त देकर इतिहास रच दिया।
फीफा विश्व कप 2018 के ग्रुप ए के मुकाबले में मंगलवार को मेजबान रूस ने मिस्र को 3-1 से रौंद दिया। इसके साथ ही दो मैचों में छह अंक के साथ वह अपने ग्रुप से नॉकआउट चरण में पहुंचने का प्रबल दावेदार बन गया। सेंट पीटर्सबर्ग एरिना स्टेडियम में खेले गए बेहद रोमांचक मुकाबले में रूस ने उम्दा खेल का प्रदर्शन किया और मिस्र पर हावी रहा। रूस को 47वें मिनट में मिस्र के आत्मघाती गोल का फायदा मिला। इसके बाद डेनिस चेरिशेव ने 59वें और ज्यूबा ने 62वें मिनट में गोल कर टीम की जीत पक्की कर दी। मेहमान के लिए एकमात्र गोल चोट से उबर कर मैदान में लौटे मोहम्मद सालाह ने 73वें मिनट में किया। पहले हाफ में दोनों टीमों ने गोल दागने की भरपूर कोशिश की लेकिन कोई भी कामयाब नहीं हो सका। खेल शुरू होने के तुरंत बाद ही रूस को कॉर्नर मिला। एलेक्जेंडर ने इस मौके को भुनाना चाहा और शॉट लगाया जिसे इग्नासेविनच ने गोल पोस्ट में भेजने के लिए हेडर लगाया लेकिन वे कामयाब नहीं हुए। दोनों टीमों के बीच पहला हाफ 0-0 की बराबरी पर समाप्त हुआ। दूसरे हाफ के 47वें मिनट में ही मिस्र के डिफेंडर अहमद फाथी ने आत्मघाती गोल किया जिसके सहारे मेजबान रूस को बढ़त मिल गई। इसके बाद 59वें मिनट में डेनिस चेरिशेव ने एक और गोल कर रूस की बढ़त दोगुनी कर दी। अभी इस आघात से मिस्र संभला भी नहीं कि 62वें मिनट में आर्टम ज्यूबा ने गोल दाग कर टीम की बढ़त 3-0 कर दी। अब मिस्र के पास संभलने का और वापसी का मौका बेहद कम था। हालांकि मिस्र के स्टार सालाह ने 73वें मिनट में पेनाल्टी पर एक गोल कर टीम की लाज बचाई।
फीफा विश्व कप में दूसरी बार खेल रही सेनेगल की टीम ने स्पार्टक स्टेडियम में खेले गए ग्रुप-एच के मुकाबले में पोलैंड को 2-1 से हराया। सेनेगल ने इस मैच में उम्दा प्रदर्शन किया। उसकी रक्षापंक्ति ने पोलैंड के स्टार खिलाड़ी और कप्तान रॉबर्ट लेवांडोवस्की को बांधे रखा। मैच में सेनेगल की टीम ने 37वें मिनट में ही बढ़त बना ली थी लेकिन यह पोलैंड के थियाको सियानोक के आत्मघाती गोल की बदौलत हुआ। इसके बाद दूसरे हाफ के 60वें मिनट में गोल कर सेनेगल ने जीत पक्की कर ली। पोलैंड की तरफ से एकमात्र गोल ग्रेजगोर्ज क्रेचोवियाक ने 86वें मिनट में किया। दरअसल, मायबियांग नियाक गेंद को मैदान के मध्य से लेकर बाईं तरफ से आगे बढ़े और बॉक्स के करीब आकर गेंद सादियो को पास की। सादियो ने कालिदाउ काउलिबली को पास दिया। काउलिबली ने गेंद को गोल पोस्ट की तरफ धकेला तभी दाईं तरफ जा रही गेंद सियानोक के पांव से टकरा कर नेट में चली गई और सेनेगल को 1-0 की बढ़त मिल गई। यह इस सत्र का चौथा आत्मघाती गोल है। पहला हाफ सेनेगल के 1-0 की बढ़त के साथ समाप्त हुआ। दूसरे हाफ में सेनेगल की टीम आत्मविश्वास से ओतप्रोत दिख रही थी। उसने 60वें मिनट में ही गोल कर अपनी बढ़त दोगुनी कर ली। यह गोल सेनेगल के स्ट्राइकर म्बाये नियांग के नाम रहा। पोलैंड ने आखिर मिनटों में भी गोल करने के कई मौके गंवाए। ग्रेजगोर्ज क्रेचोवियाक ने हालांकि 86वें मिनट में गोलु दाग कर अपनी टीम का खाता खोला। उनका यह गोल सिर्फ हार के अंतर को कम कर सका। इसके साथ ही सेनेगल ने 2-1 से तीन अंक अपने खाते में जोड़ लिया।