वर्ल्ड कप 2018: लुकाकू के दम पर बेल्जियम ने पनामा को 3-0 से रौंदा

फीफा विश्व कप 2018 में सोमवार को दिन के सबसे महत्वपूर्ण मैच में बेल्जियम ने पनामा को 3-0 से रौंद दिया। बेल्जियम की इस शानदार जीत में उसके स्टार खिलाड़ी रोमालू लुकाकू की भूमिका अहम रही। मैनचेस्टर यूनाइटेड के इस खिलाड़ी ने दो गोल दागे। पूरे मैच में बेल्जियम का दबदबा रहा। हालांकि पनामा के डिफेंस की तारीफ करनी होगी जिसने उसे पहले हाफ में कोई गोल नहीं करने दिया। दूसरे हाफ में बेल्जियम ने तीन गोल दागे और मैच अपने पक्ष में कर लिया। द्राइस मर्टेंस ने हाफ टाइम के तुरंत बाद 47वें मिनट में पहला गोल दागा। इसके बाद लुकाकू का जलवा जारी रहा, जिन्होंने 69वें और 75वें मिनट में गोल कर टीम की जीत पक्की कर दी। इस मैच में कुल सात बार रेफरी को पीला कार्ड दिखाना पड़ा। मैच का पहला पीला कार्ड 14वें मिनट में बेल्जियम के थॉमस मनियर को दिखाया गया। 18वें मिनट में पनामा के एरिक डेविस को पिला कार्ड दिखाया गया। मर्टेंस को गिराने की वजह से उन्हें यह चेतावनी दी गई। इस दौरान रोमेलु लुकाकू और ईडन हेजार्ड लगातार आक्रमण कर रहे थे हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली। दोनों के बीच पहले हाफ का मैच 0-0 की बराबरी पर छूटा। दूसरे हाफ के पहले मूव में बेल्जियम के मर्टेंस ने बगैर को कोई गलती किए 47वें मिनट में टीम के लिए पहला गोल किया। पूरा स्टेडियम जश्न में डूब गया। इसके बाद 69वें मिनट में लुकाकू ने शानदार गोल कर टीम की बढ़त 2-0 कर दी। अभी दूसरे गोल से प्रसन्न प्रशंसक चुप भी नहीं हुए थे कि लुकाकू ने 75वें मिनट में एक और गोल दागकर टीम की जीत पक्की कर दी।

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केन के दो गोल से इंग्लैंड ने ट्यूनीशिया को 2-1 से हराया फीफा विश्व कप के ग्रुप जी के मैच में इंग्लैंड ने कप्तान हैरी केन के शानदार दो गोल की मदद से ट्यूनीशिया को 2-1 से पराजित किया। यह मैच पूरी तरह से केन के आसपास रहा। पहले 11वें मिनट और फिर इंजुरी टाइम के दौरान गोल दागकर उन्होंने अपनी टीम को बेहतरीन जीत दिलाई। ट्यूनीशिया के लिए एकमात्र गोल फरजानी सासी ने किया। मैच के शुरू होते ही इंग्लैंड के कप्तान हैरी केन ने शानदार गोल कर टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी। इसके साथ ही उनके साथ एक रिकॉर्ड भी जुड़ गया। उन्होंने जब भी इंग्लैंड की कप्तानी की है गोल जरूर किया है। 35वें मिनट में ट्यूनीशिया के फरजानी सासी ने गोल दाग कर टीम को बराबरी दिला दी। ये गोल पेनल्टी पर हुआ। इंग्लैंड के डिफेंडर केली वॉकर ने बेन को पेनल्टी क्षेत्र में गिरा दिया था। इसका भुगतान उन्हें गोल के रूप में करना पड़ा। शुरू में पिछड़ने के बाद वापसी के लिए ट्यूनीशिया हर समय तत्पर दिखी। हालांकि केन और रहीम स्टर्लिंग ने अफ्रीकी टीम को बैकफुट पर ही रखा। दूसरे हाफ के शुरूआत में इंग्लैंड ने एक कॉर्नर हासिल किया लेकिन टीम को इसका कोई फायदा नहीं हुआ। यासीन मारिन के बचाव के दौरान हैरी केन गिर गए हालांकि यह जानबूझकर नहीं हुआ इसलिए पेनल्टी नहीं दी गई। इंग्लैंड को 67वें और 77वें मिनट में फ्री किक मिला लेकिन दोनों में से किसी बार भी गेंद गोल पोस्ट तक नहीं पहुंचा।दूसरे हाफ में ट्यूनीशिया के खिलाड़ी काफी मुस्तैद नजर आ रहे थे। उन्होंने ज्यादातर समय गेंद पर कब्जा जमाए रखा। हालांकि इंजुरी टाइम के दौरान केन ने कॉर्नर पर हेडर से शानदार गोल करते हुए विपक्षी को पस्त कर दिया और अपनी टीम की जीत सुनिश्चत की।

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नहीं चला कोरिया का जादू, स्वीडन ने 1-0 से हराया स्वीडन ने फीफा विश्व कप 2018 के ग्रुप एफ के मैच में दक्षिण कोरिया को 1-0 से हराकर अपने अभियान की शानदार शुरूआत की। स्वीडन की तरफ से आंद्रेस ग्रैंक्वीस्ट ने पेनल्टी को गोल में बदल कप एशियाई टीम को मात दी। आंद्रेस ही इस मैच के हीरो रहे। स्वीडन ने मैच में बेहतर प्रदर्शन किया। वहीं कोरियाई टीम का प्रदर्शन लचर रहा। उसने गोल करने के कई प्रयास किए लेकिन हमेशा असफलता ही हाथ लगी। दक्षिण कोरिया ने मैच के दूसरे मिनट में ही फाउल किया। इसके बाद चौथे मिनट में स्वीडन को कॉर्नर मिला। हालांकि टीम इसे गोल में नहीं बदल सकी। इसके बाद कोरिया को झटका लगा जब 13वें मिनट में किम शिन वुक को पीला कार्ड दिखाया गया। 21वें मिनट में स्वीडन ने गोल करने का शानदार मौका बनाया, लेकिन कोरियाई गोलकीपर चो ह्युन वु ने बेहतरीन बचाव करते हुए विपक्षी को निराश किया। दोनों के बीच पहले हाफ का मैच 0-0 की बराबरी पर समाप्त हुआ। दूसरे हाफ में एक और कोरियाई खिलाड़ी हुआंग ही चान को पीला कार्ड दिखाया गया। स्वीडन ने इसके बाद गोल करने के कई बेहतरीन मौके बनाए, लेकिन कोई गोल नहीं हो सका। दूसरे हाफ के 65वें मिनट में विक्टर क्लेसन गेंद लेकर कोरियाई बॉक्स में घुसे। उन्हें डिफेंडर ने गिरा दिया। रेफरी ने वीडियो असिस्टेंट रेफरी की मदद लेकर स्वीडन को पेनल्टी दी। आंद्रेस ग्रैंक्वीस्ट ने बिना कोई गलती के इसे गोल में बदलकर अपने प्रशंसकों को जश्न का मौका दिया। यही इस मैच का निर्णायक गोल साबित हुआ।

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