2010 में फुटबॉल का विश्व कप जीतने वाली स्पेन की टीम ने कतर में हो रहे विश्व कप को अलविदा कह दिया है। टीम को फीफा वर्ल्ड कप 2022 के राउंड ऑफ 16 में मोरक्को के हाथों पेनल्टी शूटआउट में हारकर बाहर होना पड़ा है।
टूर्नामेंट के पहले मैच में टीम ने कोस्टा रिका को 7-0 से हराकर खिताब के लिए मजबूत दावेदारी पेश की थी, लेकिन इस अंदाज में हारने के बाद टीम की काफी किरकिरी हो रही है। ऐसे में टीम के कोच लुई एनरिके ने इस प्रदर्शन की जिम्मेदारी ली है।
जिम्मेदारी मेरी है। शुरुआती तीनों पेनल्टी कौन लेगा, यह फैसला मैंने लिया। मुझे लगा था कि इस स्थिति के हिसाब से वह सबसे सही खिलाड़ी थे। हमें चौथा प्रयास करने का मौका भी नहीं मिला। मोरक्कन गोलकीपर यासिन बेहतरीन रहे।
मजे की बात ये है कि स्पेन की टीम इस बार खिताब की प्रबल दावेदार थी। अपने टिकि-टाका अंदाज से खेलने के लिए मशहूर टीम के पास मुकाबले के दौरान 75 फीसदी समय गेंद का पोजेशन था, लेकिन इसे वो गोल में नहीं बदल सके। स्पेनिश टीम पूरे 120 मिनट में केवल एक शॉट गोल पर दाग सकी।
हैरानी की बात ये है कि खबरों के मुताबिक विश्व कप में पेनल्टी शूटआउट के लिए लुई एनरिके ने अपनी टीम को विशेष तैयारी करवाई थी और सभी खिलाड़ियों को कुल मिलाकर करीब 1000 शूटआउट शॉट्स खिलाए। लेकिन मोरक्को के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट में टीम के तीनों शॉट विरोधी गोलकीपर ने रोक लिए।
हार के बाद लुई ने ट्वीट भी किया और फैंस से हार के लिए माफी भी मांगी। लुई पूर्व में स्पेनिश क्लब बार्सिलोना के कोच भी रह चुके हैं। इस बार की स्पेनिश टीम में शामिल कुल 8 खिलाड़ी बार्सिलोना के लिए खेलते हैं। ऐसे में कई फैंस ने सोशल मीडिया पर स्पेन के दल को बार्सिलोना की टीम कहकर उसका जमकर मजाक उड़ाया।
फैंस ने लुई एनरिके के द्वारा टीम के गोलकीपर के रूप में डेविड डि गाया को नहीं लिये जाने का भी विरोध किया। डि गाया मैनचेस्टर यूनाईटेड के लिए भी खेलते हैं और दुनिया के सबसे बेहतरीन गोलकीपर में गिने जाते हैं। लेकिन उन्हें कोच लुई ने संभावितों की सूची में भी नहीं रखा। वहीं बेहतरीन डिफेंडर में गिने जाने वाले सर्गियो रेमोस को भी टीम का हिस्सा नहीं बनाया। साल 2010 में विजेता बनने के बाद से ही स्पेन की टीम पिछले तीन विश्व कप में क्वार्टर-फाइनल तक नहीं पहुंची है।