अफ्रीकी देश मोरक्को ने इतिहास रचते हुए फीफा फुटबॉल विश्व कप के क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली है। टीम ने कतर में हो रहे फुटबॉल वर्ल्ड कप के राउंड ऑफ 16 मैच में 2010 की चैंपियन स्पेन को पेनेल्टी शूटआउट में 3-0 से हराया। मोरक्को ने इतिहास में पहली बार विश्व कप में अंतिम-8 में स्थान पक्का किया है। वहीं स्पेन की टीम 2010 में खिताब जीतने के बाद से लगातार तीसरी बार क्वार्टरफाइनल तक पहुंचने में नाकामयाब रही है।
एजुकेशन सिटी में हुए मैच में मोरक्को ने स्पेन को गोलरहित ड्रॉ पर रोककर रखा। 90 मिनट पूरे होने के बाद एक्स्ट्रा टाइम में भी कोई गोल नहीं हुआ। खेल के 120 मिनट पूरे होने के बाद पेनेल्टी शूटआउट हुआ। फैंस को लग रहा था कि एक दिन पहले जिस तरह शूटआउट में एशयाई देश जापान को यूरोपीय देश क्रोएशिया ने हराया था, ऐसे ही यहां स्पेन भी जीतेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
जहां स्पेन के लिए पाब्लो सराबिया, कार्लोस सोलेर और सर्गियो बुस्केट पेनेल्टी करने में नाकामयाब रहे तो वहीं मोरक्को के लिए अब्देलहामिद साबिरी, हाकिम जियेच और अशरफ हाकिमी ने पेनेल्टी को सफलता से गोल में तब्दील कर टीम को 3-0 से जीत दिलाई। मोरक्को की जीत के हीरो रहे उनके गोलकीपर यासिन बूनू, जिन्होंने पूरे मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया। मोरक्को इस विश्व कप में उन गिनी-चुनी टीमों में शामिल है जिन्होंने ग्रुप स्टेज में कोई मैच ना गंवाते हुए राउंड ऑफ 16 में जगह बनाई थी।
मोरक्को का ये छठा विश्व कप है और इस बार उन्होंने अपने तगड़े डिफेंस के जरिए अभी तक सिर्फ 1 ही गोल खाया है। 1970 में टीम ग्रुप स्टेज से बाहर हुई जबकि 1986 में राउंड ऑफ 16 तक पहुंचे। 1994, 1998 और 2018 में टीम ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ी। अब पहली बार टीम क्वार्टरफाइनल खेलेगी। मोरक्को पहला अरब देश है जो प्रतियोगिता में इस स्टेज तक पहुंचा है। यही नहीं, वह अफ्रीका की चौथी टीम हैं जो क्वार्टरफाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही है। 10 दिसंबर को होने वाले क्वार्टरफाइनल में टीम का सामना पुर्तगाल से होगा।