अफ्रीकी देश ट्यूनिशिया की फुटबॉल टीम ने कतर में हो रहे फुटबॉल विश्व कप में पिछली बार की चैंपियन फ्रांस को 1-0 से हराकर सभी को चौंका दिया। टूर्नामेंट के राउंड ऑफ 16 में पहले ही पहुंच चुकी फ्रांस की टीम ने ग्रुप डी के अपने आखिरी मैच के लिए मुख्य खिलाड़ियों को आराम देते हुए बेंच स्ट्रेंथ को उतारा था और ट्यूनिशिया को इसका फायदा मिला। लेकिन इस जीत के बाद भी ट्यूनिशिया ग्रुप डी से राउंड ऑफ 16 में नहीं पहुंच सका।
ग्रिजमैन के गोल को नकारा
अल रयान के एजुकेशन सिटी स्टेडियम में हुए मुकाबले में फ्रांस के कोच डिडिएर डेशेम्प ने डेनमार्क को हराने वाली टीम में 9 बदलाव किए। एमबापे, ग्रिजमैन, थिओ हर्नान्डिज जैसे खिलाड़ियों को स्टार्टिंग इलेवन में नहीं रखा गया। मैच के पहले हाफ में दोनों टीमें गोल तलाशने में नाकामयाब रहीं। दूसरे हाफ में 58वें मिनट में ट्यूनिशिया के वाहिबी खाजरी ने गोल कर टीम को 1-0 से आगे कर दिया। इसके बाद 90 मिनट पूरे होने तक फ्रांस की ओर से कोई गोल नहीं आया।
मैच के 73वें मिनट में फ्रांस के एंटोनी ग्रिजमैन को अंदर बतौर सब्स्टिट्यूट लाया गया था। 11 मिनट के इंजरी टाइम में ग्रिजमैन ने 90+8वें मिनट में गोल किया। पहले तो इसे गोल माना गया लेकिन 3 मिनट बाद ही VAR से चेक करने पर इसे कैंसिल कर दिया गया और ट्यूनिशिया को 1-0 से अपने फुटबॉल विश्व कप इतिहास की बड़ी जीत मिल गई।
लेकिन ये जीत टीम के नॉकआउट दौर में जाने के लिए काफी नहीं रही। फ्रांस की हार के बाद सोशल मीडिया पर जहां कुछ फैंस ने नए खिलाड़ियों को खिलाने के फैसले की सराहना की तो कुछ ने इतने बड़े मंच पर रिस्क लेने की बात को गलत बताया।
फ्रांस की टीम ऑस्ट्रेलिया और डेनमार्क पर जीत के साथ ग्रुप डी में कुल 6 अंक लेकर टॉप पर रही है और उन्होंने सबसे पहले राउंड ऑफ 16 में जगह बनाई थी।
ऑस्ट्रेलिया ने ट्यूनिशिया और डेनमार्क को हराकर अंतिम 16 में स्थान पक्का किया है, टीम के 6 अंक हैं। ट्यूनिशिया को डेनमार्क के खिलाफ ड्रॉ और फ्रांस के खिलाफ मिली जीत से 4 अंक प्राप्त हुए और अंक तालिका में वह तीसरे नंबर पर हैं।