इटली और अर्जेंटीना की टीमें देर रात लंदन में CONMEBOL-UEFA कप ऑफ चैंपियन यानी फाइनलिसिमा में एक-दूसरे का सामना करेंगी। यूरोपीय फुटबॉल की सबसे बड़ी टीम प्रतियोगिता यूरो कप और दक्षिण अमेरिकी फुटबॉल की सबसे बड़ी कोपा डेल रे कप की विजेता टीमों के बीच ये मैच खेला जाता है और एक प्रकार से इंटरकॉन्टिनेंटल कप कहलाता है।
कुछ महीनों पहले ही इटली की टीम फीफा विश्व कप 2022 के लिए क्वालीफाई करने से चूक गई थी जिसके बाद टीम को दुनियाभर के फुटबॉल फैंस की किरकिरी झेलनी पड़ी थी। ऐसे में ये खिताब टीम के फैंस और खिलाड़ियों के लिए मरहम का काम कर सकता है। इटली की टीम ने अपने पिछले 6 मैचों में से सिर्फ 2 जीते हैं जबकि 2 में हार मिली है। पिछले साल टीम को अक्टूबर में स्पेन के हाथों नेशन्स लीग के सेमिफाइनल में हार मिली थी जबकि इसी साल मार्च में नॉर्थ मेसिडोनिया जैसी छोटी टीम ने इटली को हराकर विश्व कप क्वालिफिकेशन से बाहर कर दिया था।
वहीं अर्जेंटीना की टीम के पास नवंबर में शुरु हो रहे विश्व कप से पहले एक वर्ल्ड क्लास टीम के खिलाफ खेलने का मौका है। अर्जेंटीना ने पिछले 31 मुकाबलों में हार नहीं खाई है और जुलाई 2019 के बाद से ही टीम लगातार मुकाबले या तो जीतती आई है या फिर ड्रॉ खेलती आई है।
इटली की टीम में होर्जिन्हो, बोनुच्ची, मार्को वेर्राटी जैसे खिलाड़ी शामिल हैं जबकि स्क्वॉड में 12 नए चेहरे भी शामिल किए गए हैं। टीम के कप्तान और अनुभवी खिलाड़ी जियॉर्जियो चेल्लिनी इस मुकाबले के बाद अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास ले लेंगे, ऐसे में टीम उनके लिए इस खिताब को जीतना चाहेगी। अर्जेंटीना की टीम में कप्तान लायोनल मेसी के साथ ही एंजेल डी मारिया, लोटारे मार्टिनेज खेलते दिख सकते हैं। मैच भारतीय समय के अनुसार 2 जून को तड़के 12.15 बजे से (देर रात) शुरु होगा और लंदन के वेम्बली स्टेडियम में खेला जाएगा।
ये इस प्रतियोगिता का तीसरा संस्करण है। इससे पहले साल 1985 और साल 1993 में इस प्रतियोगिता का आयोजन अलग नाम तले किया जा चुका है। साल 1993 के बाद इसे आयोजित नहीं किया गया लेकिन साल 2020 में UEFA और CONMEBOL के बीच हुए समझौते के तहत एक बार फिर इस विशेष प्रतियोगिता को इस बार यानि साल 2022 में आयेजित किया जा रहा है। साल 1985 में फ्रांस ने उरुग्वे को 2-0 से हराकर खिताब जीता था जबकि पिछली बार 1993 में अर्जेंटीना ने डेनमार्को को पेनेल्टी शूटआउट में मात दी थी।