नई दिल्ली, 9 दिसम्बर। दिल्ली एनसीआर में फुटबॉल को लोकप्रिय बनाने के मकसद से फुटबॉल दिल्ली ने खेल का विकास करने के लिए कई तरह के कदम उठाने का फैसला किया और साथ ही सोमवार को यहां पहली बार अवार्ड नाइट का भी आयोजन किया।
इस समारोह में एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास, हिंदुस्तान जिंक के सीईओ सुनील दुग्गल, रिलायंस इंडस्ट्री की उपाध्यक्ष प्रीति श्रीवास्तव, चुनाव आयोग के पूर्व मुखिया एसवाई कुरैशी, एम्बैसी ऑफ़ स्पेन के ड्यूटी चीफ ऑफ़ मिशन इडुआर्डो सांचेज मोरेनो ने शिरकत की।
इन सभी की मौजूदगी में 34 कैटेगरी में अवार्ड दिए गए।
2018-19 संतोष ट्रॉफी में सबसे ज्यादा छह गोल करने वाले दिल्ली के आयुष अधिकारी को पुरुष वर्ग में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का अवार्ड मिला। वहीं महिला वर्ग में यह पुरस्कार डिफेंडर डालिमा छिब्बर को मिला।
अधिकारी ने समारोह में कहा, ‘‘मैंने फुटबॉल खेलना इसलिए शुरू किया क्योंकि मेरे पिता भी फुटबॉलर थे और यह मेरे पूरे परिवार का सपना था कि मैं इस खेल में अच्छा करूं। यह अवार्ड मुझे आगे और ज्यादा मेहनत करने की प्ररेणा देगा ताकि मैं अपने परिवार और देश दोनों का मान बढ़ा सकूं।’’
वहीं डालिमा ने अवार्ड मिलने पर खुशी जताते हुए कहा, ‘‘यह देखना शानदार एहसास है कि फुटबॉलरों के प्रयासों को सम्मान दिया जा रहा है। इस तरह के अवार्ड हमें प्रेरित करते हैं। सबसे अच्छी चीज यह होती है कि जो लोग पर्दे के पीछे रहकर मदद करते हैं उनको वो सम्मान मिले जिसके वो हकदार हैं।’’
भारत की अंडर-16 टीम के खिलाड़ी रुद्रांशू सिंह को पुरुष वर्ग में सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी का अवार्ड मिला। वहीं महिला वर्ग में यह पुरस्कार भारत की अंडर-17 महिला टीम की उप-कप्तान अवेका सिंह को मिला।
पुरस्कार के बाद अवेका ने कहा, ‘‘ भारत की महिला टीम को फीफा अंडर-17 विश्व कप खेलना है, इस लिहाज से यह अवार्ड मुझे प्रेरित करेगा और मुझे उम्मीद है कि मैं बाकी की लड़कियों को भी फुटबॉल में करियर बनाने के लिए प्रेरित कर सकूंगी। मैं उम्मीद करती हूं कि आपमें से हर कोई हमारे साथ आएगा और विश्व कप में हमें अपना समर्थन देगा। फुटबॉल का सबसे बड़ा त्योहार अगले साल है।’’
कोई भी मैच प्रशिक्षकों के बिना अधूरा है इसलिए प्रशिक्षकों का भी सम्मान करते हुए उन्हें पुरस्कार दिए गए।
एएफसी-ए लाइसेंस होल्डर और एआईएफएफ के कोच तथा एजुकेशन इंस्ट्रक्टर पारितोष शर्मा को पांच साल बाद दिल्ली को संतोष ट्रॉफी फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई कराने के लिए श्रेष्ठ कोच (पुरुष) चुना गया। इसी तरह दिशा मल्होत्रा, जो कि एएफसी-ए लाइसेंस क्वालीफाइड एवं एआईएफएफ कोच एवं एजुकेशन इंस्ट्रक्टर हैं, को 2018-19 के लिए महिला वर्ग में श्रेष्ठ कोच चुना गया। दिशा को भारत की यू-17 टीम की सहायक कोच तथा दिल्ली महिला टीम की कोच के तौर पर उनके योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया।
पूर्व इंटरनेशनल प्लेयर्स अजीज कुरैशी और सुरेद्र कुमार को फुटबॉल दिल्ली डायमंड अवार्ड दिया गया जबकि तरुण रॉय, संतोष कश्यप और भूपेंद्र ठाकुर को फुटबाल दिल्ली गोल्डन अवार्ड मिला।
एनडीएमसी यू-10 गर्ल्स डेवलपमेंट प्रोग्राम को बेस्ट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का पुरस्कार मिला जबकि जेएसडब्ल्यू और कॉस्को को आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन (कारपोरेट्स) अवार्ड मिला।
हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल ने कहा, ‘‘यह पुरस्कार दूसरों को प्रेरित करेंगे और दीर्घकालीन बनेगा। साथ ही इससे ग्रासरूट पर काम करने वालों का एक सपर्टो सिस्टम बनेगा। इसके बाद अधिक से अधिक युवा इस खेल से जुड़ सकेंगे और फुटबॉल के क्षेत्र में एक क्रांति ला सकेंगे। इसी तरह की क्रांति हम राजस्थान में लेकर आए हैं।’’
फुटबॉल दिल्ली के अध्यक्ष साजी प्रभाकरण ने भी सभी फुटबॉल दिल्ली को लक्षित उद्दश्यों की प्राप्ति की दिशा में मदद करने के लिए स्टेकहोल्डर्स को धन्यवाद दिया।
प्रभाकरन ने कहा, ‘‘मैं उन सभी स्टेकहोल्डर्स का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने फुटबॉल दिल्ली को इसके सफर में हमेशा से मदद की है। मैं आशा करता हूं कि अधिक से अधिक कारपोरेट आगे आएंगे और दिल्ली को फुटबॉल कैपिटल बनाने में हमारी मदद करेंगे।’’
फुटबॉल के विकास के क्षेत्र में जिन शिक्षण संस्थानों को पुरस्कृत किया गया, उनमें बाराखम्भा रोड स्थित मार्डन स्कूल और वसंत कुंज स्थित बसंत वैली स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों को क्रमश: बेस्ट स्कूल इन फुटबॉल (मेन) और बेस्ट स्कूल इन फुटबॉल (वुमेन) का पुरस्कार मिला। जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज और जानकी देवी महाविद्यालय को बेस्ट कॉलेज इन फुटबाल (मेन) एवं बेस्ट कॉलेज इन फुटबाल (वुमन) चुना या।
कुछ ऐसे पत्रकार भी हुए हैं, जिन्होंने अपने कवरेज से इस खेल को बढ़ावा दिया है। ऐसे ही एक पत्रकार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के केवल कौशिक हैं। केवल को जनर्लिस्ट लाइफटाइम अवार्ड दिया गया।