भारतीय फुटबॉल क्लब ATK मोहन बगान के डिफेंडर आशुतोष मेहता पर डोपिंग के कारण दो साल का बैन लगा दिया गया है। मेहता इस तरह का बैन झेलने वाले इंडियन सुपर लीग के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी यानी NADA के अनुशासनात्मक पैनल की ओर से ये फैसला लिया गया है।
31 साल के मेहता भारतीय राष्ट्रीय टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं और पिछले साल ओमान के खिलाफ उन्होंने डेब्यू किया था। इस साल फरवरी में गोवा में हुए एक ISL मैच से पहले हुए रैंडम सैंपलिंग में मेहता का सैंपल लिया गया जो प्रतिबंधित पदार्थ मोर्फीन के लिए पॉजिटिव पाया गया। आशुतोष ने डोप टेस्ट फेल होने के बाद खुद ही प्राविधिक रूप से सस्पेंशन ले लिया था जिसका विकल्प उन्हें मिला था। 2021-22 सीजन खत्म होने के बाद वो किसी क्लब के साथ नहीं थे।
NADA के पैनल की ओर से जारी बयान में बताया गया कि आशुतोष मेहता ने एंडी डोपिंग नियम 2021 की दो धाराओं का उल्लंघन किया है। हालांकि पैनल ने माना है कि यह डोप पदार्थ मेहता ने जानबूझकर नहीं लिया है। इस कारण उन्हें दो साल के लिए Ineligible घोषित किया गया है। मेहता ने कुछ महीनों पहले साफ किया था कि उनका उद्देश्य नार्कोटिक्स से जुड़े पदार्थ को लेना नहीं था। मेहता ने अपने बचाव में ये बयान तक दिया था कि उनके एक साथी खिलाड़ी ने आयुर्वेदिक दवा के नाम पर एक बार उन्हें अफीम तक लेने को कहा था।
खबरों के मुताबिक आशुतोष इस बैन के खिलाफ अपील करेंगे क्योंकि उनके करीबियों का कहना है कि वह शराब आदि का सेवन तक नहीं करते हैं और ऐसे में जब पैनल अपने बयान में भी मान रहा है कि उनका इरादा प्रतिबंधित पदार्थ लेने का नहीं था, तो ऐसे में पूरे 2 साल का बैन ज्यादा कड़ा कदम है। नाडा की ओर से जारी पत्र में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि अगर मेहता उन्हें प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन करने पर मजबूर करने वाले साथी खिलाड़ी का खुलासा करते हैं, तो उनका बैन कम किया जा सकता है। मेहता इंडियन सुपर लीग के अन्य क्लब- नॉर्थईस्ट यूनाईटेड, मुंबई सिटी एफसी, पुणे सिटी के साथ भी खेल चुके हैं।