भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया का मानना है कि भारतीय एथलीट्स शारीरिक फिटनेस स्तर के मामले में यूरोपीय एथलीट्स से ज्यादा दूर नहीं है। भूटिया का मानना हैकि यूरोप और भारतीय उपमहाद्वीप के एथलीट्स में शारीरिक निर्माण में अभी तो फर्क है। मगर पिछले कुछ समय में भारत में विभिन्न खेलों के एथलीट्स ने फिटनेस को प्रमुख महत्व दिया और लगातार इस अंतर को भरने का काम कर रहे हैं।
भूटिया अपने विचार फिट इंडिया डायलॉग में साझा कर रहे थे, जिसकी मेजबानी खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने की। भूटिया ने कहा कि शारीरिक बनावट को कड़ी मेहनत और पर्याप्त डाइट से सुलझाया जा सकता है।
44 साल के बाईचुंग भूटिया यूरोपीय क्लब के साथ करार करने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर बने थे। भूटिया ने 1999 में एफसी ब्यूरी के साथ अनुबंध किया था। पूर्व भारतीय स्ट्राइकर बाईचुंग भूटिया ने कहा, 'मैं अभी सिक्किम में हूं। मैं अब वैसी ट्रेनिंग नहीं कर रहा हूं, जैसे अपने खेलने वाले दिनों में किया करता था। मैं साइकलिंग और माउंटेन बाइकिंग कर रहा हूं। मेरी जगह इन खेलों के लिए शानदार है। मेरा अपनी खाने की आदतों पर नियंत्रण है। इससे मुझे फिट रहने में मदद मिलती है।'
बाईचुंग भूटिया ने कहा, 'मेरे ख्याल से भारत और विदेशी खिलाड़ियों में फिटनेस स्तर पर ज्यादा फर्क नहीं बचा है। मगर शारीरिक निर्माण का फर्क जरूर है। फिटनेस स्तर ऊपर-नीचे हो सकते हैं, लेकिन आप हमेशा काम करके अपने सर्वश्रेष्ठ आकार में आ सकते हैं। भारतीय कड़ी मेहनत के बल पर यूरोपीय एथलीट्स के फिटनेस स्तर की बराबरी कर सकते हैं। अगर आप पेशेवर खिलाड़ी नहीं बनना चाहते। तो भी आप अपने आप को फिट रखिए ताकि आपका दिमाग तेज रखने में इससे मदद मिलेगी।'
बाईचुंग भूटिया ने बदल दिया इनका करियर
भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व स्ट्राइकर बाईचुंग भूटिया ने स्टार खिलाड़ी संदेश झिंगन को पेशेवर फुटबॉलर बनने में मदद की। झिंगन ने कहा कि वह सड़क पर फुटबॉल खेलते थे और बाईचुंग भूटिया के कारण वह पेशेवर फुटबॉलर बने।
झिंगन ने अपने शुरूआती दिनों को याद करते हुए बताया कि 2011 में यूनाइटेड सिक्किम ने उन्हें ब्रेक दिया और फिर आई-लीग सेकंड डिविजन में खेलने का मौका मिला। संदेश झिंगन ने कहा, 'मैं बहुत दुबला था और मेरी स्टाइल तक काफी रूखी थी। फिर अचानक बाईचुंग भूटिया ने मुझे फोन किया और कहा कि वह मुझे यूनाइटेड सिक्किम में मुझे देखना चाहते हैं। यह मेरे करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।'
संदेश झिंगन ने आगे कहा, 'मुझे करीब डेढ़ से दो महीने तक ट्रायल्स देने पड़े। आखिरकार बाईचुंग भूटिया भाई, मैं हमेशा उन्हें श्रेय देता हूं। बाईचुंग भूटिया भाई ने जो चीजें बताई, वो शानदार रही। मैंने कभी ऐसा नहीं सुना था। उन्होंने मुझे बदल दिया।'