इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) को शुरू हुए अभी सिर्फ दो साल हुए हैं, लेकिन इस छोटे से अंतराल में ही इस लीग ने भारतीय फुटबॉल फैंन को कई यादगार पल दिए हैं। चाहे वो दो बड़ी टीमों के बीच कांटे की टक्कर हो, या किसी खिलाड़ी का बेमिसाल प्रदर्शन हो, ऐसी तमाम दिलचस्प कहानियां दी हैं आईएसएल ने। जहां पहला सीजन एटलेटिको डे कोलकाता ने जीता, वहीं दूसरे सीजन में चेन्नईयन एफसी की जीत हुई। अब तीसरा सीजन अपने जोर-शोर से आगे बढ़ रहा है। पिछले सीजनों के मुकाबले इस तीसरे संस्करण में खेल का स्तर बढ़ा है। आने वाले समय में जैसे-जैसे ये लीग पुरानी होगी, उतना ही बेहतर होगा फुटबॉल के खेल का स्तर। बहरहाल, इन दो सालों में ये लीग कई ऐसे खिलाड़ी सामने लायी है जिन्होंने अपने करियर को पुनर्जीवित किया है। अपने खेल को नई पहचान देने वाले ये खिलाड़ी सिर्फ भारत के ही नहीं विदेशों के भी हैं। यहां हम बात करते रहे हैं उन खिलाड़ियों की जिनके लड़खड़ाते करियर को ISL ने उभारा:
#1 Léo Moura
एफसी गोवा के सबसे प्रभावशाली खिलाड़ियों में लियो मोरा का नाम सबसे पहले आता है। ब्राजील के 37 साल के इस मिडफील्डर ने गोवा को पिछले सीजन के फाइनल तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया था। वो इस क्लब के लिए लगातार शानदार खेल दिखाते आए हैं। लियो ने लीग में सबसे ज्यादा, 8 असिस्ट किए हैं, जबकि सबसे ज्यादा सटीक पासेज (825) करने का कारनामा भी उनके नाम है। एफसी गोवा के नामी ब्रजीलियन कोच 'ज़िको' ने लियो मोरा की बेहतरीन काबीलियत और स्किल्स को ब्राजील में ही भांप लिया था। इसी के चलते ज़िको ने उन्हें गोवा में शामिल किया और लियो के करियर को दोबारा संवारा। गोवा के कोच ने लियो की काबीलियत को समझते हुए उन्हें टीम में जिम्मेदारियां सौंपीं और उन्हें अपने ढंग से खेलने की आजादी भी दी। लियो को मिडफील्ड में वहीं खिलाया गया जहां से वो खेल को बनाने में माहिर हैं और उसका फायदा भी गोवा को मिला। ISL में गोवा के लिए खेलते हुए लियो को नई ऊंचाइयां छूने का मौका मिला है। इसका परिणाम ये हुआ है कि एक समय पर खेल को लगभग अलविदा कह चुके इस खिलाड़ी को अब ब्राजील के जाने माने क्लब 'Santa Cruz' ने अपने साथ खेलने का ऑफर दिया है। वैसे मौरा, ब्राजील के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से हैं, जिन्होंने देश के सभी नामी क्लब के लिए खेला है। #2 Iain Hume कनाडा के स्ट्राइकर इयान ह्यूम भारत के फुटबॉल फैंस के बीच काफी प्रसिद्धी हासिल कर चुके हैं। हालांकि ISL के पहले सीजन में केरला ब्लास्टर्स से जुड़ने से पहले ह्यूम का करियर काफी उथल-पुथल भरा रहा। गेंद को स्ट्राइक करने की कमाल की क्षमता वाले इस खिलाड़ी ने इंग्लिश लीग में विभिन्न क्लब्स के लिए खेलते हुए काफी संघर्ष किया है। अपने इस संघर्ष के दौरान ह्यूम लीग टू के क्लब फ्लीटवुड टाउन में शामिल हुए। लेकिन उनको स्ट्राइकर की पोजिशन में काफी पीछे रखा गया। उन्हें 36 नंबर की शर्ट देना इसी बात का प्रमाण था। इस क्लब के लिए खेले 16 मैचों में से, कनाडा के इस स्ट्राइकर ने केवल एक मैच में ही स्कोर किया। फुटबॉल के अपने दिशाहीन करियर के साथ ह्यूम ने भारत में ISL से जुड़ने का फैसला किया। पहले ही सीजन में वो केरला के प्रमुख स्ट्राकर बन गए और लीग में छा गए। उनके शानदार खेल की बदौलत केरला फाइनल में जगह बनाने में कामयाब रहा। आईएसएल के पहले सीजन में ह्यूमे न 16 मैचों में 5 गोल दागे। भारत में मिली सफलता को देखते हुए वो फिर लीग टू में अपनी पहली टीम से जुड़े, लेकिन उनका परफॉर्मेंस बेहद खराब रहा। ISL के दूसरे सीजन में उन्हें चैंपियन एटलेटिको डी कोलकाता ने साइन कर लिया। फिर क्या था उन्होंने अपने बेजोड़ खेल से लीग के इस दूसरे संस्करण में तहलका मचा दिया। उन्होंने कोलकाता के लिए 16 मैचों में 13 बार स्कोर किया। ह्यूम, ISL के सभी सीजन मिलाकर अभी तक के सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। पहले कनाडा, फिर इंग्लिश लीग में बेहद संघर्ष भरे सफर के बाद इस खिलाड़ी को ISL ने नई पहचान दिलाई। इस बात के लिए ह्यूम ISL के शुक्रगुजार होंगे। #3 Jeje Lalpekhlua
मिजोरम राज्य का फुटबॉल सितारा जेजे, शायद पैदा ही स्ट्राइकर बनने के लिए हुआ। जेजे के परिवार में उसके पिता और चाचा दोनों ही फुटबॉल के खिलाड़ी रहे हैं। जेजे के पिता तो संतोष ट्रोफी में मिजोरम के लिए खेल भी चुके हैं। अपने पिता के इसी अनुभव को आगे बढ़ाते हुए वो मॉडल स्पोर्टिंग क्लब में शामिल हुए। जेजे ने U-19 के कैम्प में सबको प्रभावित किया और क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचे। इसके साथ ही उन्हें भारत की U-19 टीम में खेलने का भी मौका मिला। उन्होंने दो मैच ही खेले लेकिन चार गोल करके सबका दिल जीत लिया। इसके बाद उन्हें U-23 टीम में जगह मिली, जहां उन्होंने 17 मैचों में छह गोल किए। इसके बाद जेजे को, फिलहाल खत्म हो चुके क्लब, Pailan Arrows ने साइन किया। इस क्लब के लिए जेजे ने लगातार शानदार खेल खेला, जिसके चलते उनके नैशनल टीम में शामिल होने को लोकर फुटबॉल संघ प्रमुख रूप से सोच रहा था। लेकिन खराब दौर सबका आता है, जेजे का भी आया। 21 साल के इस खिलाड़ी को कोई और क्लब न मिलने के कारण 2011 तक Pailan Arrows ने ही लोन पर रखा। फिर 2013 में वो डेम्पो से जुड़े लेकिन असफल रहे। इसके बाद उन्हें मोहन बागान ने साइन किया। लेकिन 12 मैचों में सिर्फ एक गोल ही कर पाने के बाद, उनकी जगह टीम में रोबिन सिंह को जोड़ लिया। फिर जेजे ने ISL में चैनईइन एफसी के साथ कदम रखा और टीम के सबसे बड़े स्ट्राइकर के रूप में सामने आकर करियर में वापसी की। उन्होंने मेन स्ट्राइकर बलवंत सिंह को रिप्लेस किया। इसके साथ ही जेजे ऊंचाइयों को छूते गए। सुनिल छेत्री और रोबिन सिंह जैसे बड़े नामों को पछाड़ते हुए जेजे पहले सीजन में सबसे ज्यादा गोल करने वाले भारतीय बने। दूसरे सीजन में भी उनका शानदार फॉर्म जारी रहा। चेन्नई के लिए उन्होंने छह गोल और तीन असिस्ट करके टीम को खिताब जिताया। इस सफलता के बाद जेजे एक बार फिर मोहन बागान में बुला लिए गए। #4 Borja Fernandez एटलेटिको डी कोलकाता का ये सबसे चहेता मिडफील्डर इंडियन सुपर लीग के सबसे कंसिस्टेंट खिलाड़ियों में से एक है। सौरव गांगुली की इस टीम में बोर्जा फर्नांडिज पहले खिलाड़ी हैं जिन्हें साइन किया गया था। बोर्जा कोलकाता के मिडफील्ड की सबसे बड़ी ताकत हैं। 33 साल का या खिलाड़ी कोलकाता की टीम में सबसे अनुभवी है और उतना ही काबिल भी। बोर्जा जितना बेहतर बॉल को ग्राउंड पर खेलते हैं, वो बॉल के साथ उतने ही बेहतर हवा में भी हैं। उनकी खासियत है विपक्षी खेमे में जाकर सटीक पासेज देना और टीम के अटैक के लिए शानदार मौके बनाना। इसी खूबी के चलते वो ATK को आईएसएल के पहले सीजन में खिताब जिताने में कामयाब रहे थे। बोर्जा ने अपने क्लब फुटबॉल करियर की शुरुआत रियाल मैड्रिड के साथ चार सीजन तक निरंतर कोशिश करते हुए की। Los Blancos के लिए उन्होंने 38 मैच खेले, जिसके बाद वो स्पैनिश लीग के कई और क्लब के साथ जुड़े। हालांकि इस दौर में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और वो एक क्लब से दूसरे में ही मूव करते दिखे। फिर 2014 में उन्होंने एटलेटिको में शामिल होने का फैसला किया। बोर्जा की लगातार अच्छी परफॉर्मेंस की मदद से कोलकाता पहला सीजन जीती। दूसरे सीजन में भी उनका दमदार खेल जारी रहा जिसके बाद उन्हें ला लीगा की टीम Eibar में साइन किया गया। बोर्जा के खेल में आए इस शानदार बदलाव के लिए ISL की सबसे बड़ी भूमिका है। #5 Stiven Mendoza
ISL के सबसे बेहतरीन स्ट्राइकर कहे जाने वाले स्टीवन मेंडोजा ने इस लीग के दूसरे सीजन में बेमिसाल खेल से सबका मन मोह लिया। उन्होंने अपनी टीम चेन्नईइन एफसी के लिए बीते सीजन में 16 मैचों में 13 गोल दागे। वो अपने शानदार हुनर और ग्राउंड में दमदार खेल के लिए मशहूर हैं। चेन्नई के लिए उनकी और जेजे की जोड़ी ने टीम के अटैक को बेहद ताकतवर बनाया। मेंडोजा ने अपना करियर 2010 में Envigado क्लब से शुरू किया। इसके बाद दो – तीन साल तक वो कई और क्लब में एक लोन खिलाड़ी के रूप में मूव करते रहे, लेकिन कुछ खास नहीं कर पाए। 2014 में वो Deportivo क्लब से रिलीज होने के बाद चेन्नईइन एफसी में साइन किए गए। ISL के पहले सीजन में उन्होंने 9 मैच में 4 गोल ही किए, लेकिन दूसरे सीजन में उनका कोई सानी नहीं था। उन्होंने कुल 16 गोल मारे, ‘Hero of the league’ चुने गए और फिर ‘गोल्डन बूट’ भी जीता। इतना ही नहीं वो फिर Frank Lampard, David Villa और Andrea Pirlo जैसे दिग्गजों के साथ New York City FC क्लब में खेलने के लिए भी चुने गए। मेंडोजा के करियर में इस जबरदस्त उछाल का श्रेय मुख्य रूप से इंडियन सुपर लीग को ही जाता है।