41 साल के इस गोलकीपर ने खुद को साबित किया है। दिल्ली के खिलाफ उनके प्रदर्शन ने अहम योगदान दिया। उन्होंने दिल्ली के गोल को लगातार बेकार किया। उन्होंने टीम को बड़े खतरों से बचाया। फ्लोरेंट मलौडा, रुबेन रोचा और मेमो के कई प्रयास को शानदार तरीके से संदीप ने बेकार किया। जिसकी वजह से खेल को अतिरिक्त समय में ले जाना पड़ा। मलौडा के प्रयास की जिस तरह से संदीप ने बेकार किया वह वाकई शानदार था। नंदी ने 10 मैचों में केरला के लिए 4 क्लीनशीट किये हैं। उन्होंने केरला के लिए भाग्य बदलने का काम किया है। जिसकी वजह से ग्राहम स्टैक को उनकी जगह पर एक विदेशी खिलाड़ी को आउटफील्ड में खिलाने का मौका मिला है। जिस तरह से संदीप गेंद को रोकते हैं, उससे कहीं नहीं लगता है कि वह एक प्रोफेसनल गोलकीपर हैं। उनके मोमेंट्स और अनुभव बतौर गोलकीपर उन्हें शानदार बनाते हैं।