इंडियन सुपर लीग का तीसरा चरण तकरीबन अपना आधा सफर तय कर चुका है। इस सीजन में हमें बहुत से ड्रॉ मुकाबले देखें हैं। इससे टूर्नामेंट की गुणवत्ता पर असर साफ़ देखा जा सकता है। जो अच्छा संकेत नहीं है। टीम के मेनेजर और स्टाफ ने अपना अच्छा किया है, लेकिन खरीदे गये खिलाड़ी अपना काम अच्छे से नहीं कर पाए। टूर्नामेंट की गुणवत्ता को ऊपर उठाने में नये खिलाड़ियों का योगदान ज्यादा रहा हैं। इसके अलावा उनके प्रदर्शन से क्लबों को भी फायदा हुआ है। लेकिन कई खिलाड़ी जिनको बड़ी उम्मीद के साथ टीमों ने खरीदा था, लेकिन उनके प्रदर्शन से निराशाजनक रहे हैं। यहां हम आपको उन 5 फ्लॉप खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं:
गैसटन संगॉय (मुंबई सिटी एफसी)
32 वर्षीय फॉरवर्ड को मुंबई सिटी एफसी ने कतरी क्लब अल-वाकरह से बड़ी उम्मीदों के साथ खरीदा था। टीम को आशा थी कि वह गोल करेंगे, लेकिन उन्होंने अबतक निराश किया है। संगॉय अभी तक अनफिट रहे हैं, इससे पहले अजाक्स मैन पहले से ही चोटिल हैं। लेकिन अभी तक संगॉय अपनी पूरी फिटनेस नहीं हासिल कर सके हैं। साथ ही उनके जल्द वापसी के संकेत भी नहीं हैं। मुंबई सिटी एफसी को स्ट्राइकर सुनील छेत्री और डिएगो फोर्लन की गैरमौजूदगी में सोनी नोर्ड, मटिअस डेफेदेरिको और बोइथंग होकिप जैसे खिलाड़ियों को अपफ्रंट पर खिलाना पड़ रहा है। अराता इजूमी (एफसी पुणे सिटी) एफसी पुणे सिटी के लिए अराता इजूमी को खरीदना काफी मंहगा पड़ा। भारत के मिडफील्डर और आई-लीग में मुंबई एफसी के लिए खेलने वाले अराता आईएसएल में अपनी छाप छोड़ने में असफल रहे हैं। एफसी गोवा के खिलाफ इस मिडफिल्डर ने एक गोल करने में मदद की थी। बाकी अब तक वह उतने प्रभावी नहीं नजर आये हैं। पिछली बार एटलेटिको डी कोलकाता की तरफ से खेलते हुए इजूमी ने 5 गोल किये थे। लेकिन इस बार एफसी पुणे सिटी के लिए 7वें स्थान पर है और टीम का अंक 6 है। जबकि इजूमी टीम के अहम सदस्य रहे हैं। जुआन बेलेंकोसो(ऐटिलेटिको डी कोलकाता) बलेंकोसो को कोलकाता ने इन्डोनेशियाई क्लब पर्सन बांडुंग से खरीदा था। लेकिन बेलेंकोसो कोलकाता के लिए दूसरे ही मैच में चोटिल हो गये। जिससे उनका जलवा देखने को नहीं मिला। स्पेन के इस खिलाड़ी ने कोलकाता के लिए 7 मैचों में सिर्फ एक ही गोल किया है। 35 बरस के इस खिलाड़ी की शुरुआत ही अच्छी नहीं रही, जब भी वह बतौर वैकल्पिक खिलाड़ी के तौर पर मैदान पर उतरे उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। वहीं टीम के अन्य स्ट्राइकर इयान हुम, समीघ दौती और जावी लारा ने शानदार खेल दिखाया है। लेकिन बेलेंकोसो का प्रदर्शन निराशजनक रहा है। डूवेन केर (चेन्नयन एफसी) डूवेन केर आईएसएल में चेन्नयन एफसी के गोलकीपर अपोला एडेल की जगह पर टीम में शामिल किये गये हैं। 29 वर्षीय इस खिलाड़ी से टीम को काफी उम्मीदें हैं। एडेल जो पिछली बार टीम के चैंपियन बनाने में अहम रहे थे। हालांकि केर ने अभी तक टीम को निराश किया है। केर ने 3 मुकाबलों में एक भी क्लीन शीट नहीं बनाई है। चेन्नई के इस गोलकीपर ने अबतक 6 गोल खाए हैं। केर ने कई बचकानी गलतियां की हैं। खासकर दिल्ली के खिलाफ उनका प्रदर्शन अच्छा नही रहा है। ऐसे में चेन्नई भारतीय गोलकीपर करनजीत सिंह को बाकी टूर्नामेंट में मौका दे सकती है। माइकल चोपड़ा (केरला ब्लास्टर) साल 2014 के बाद केरला ब्लास्टर ने दोबारा से माइकल चोपड़ा को टीम में शामिल किया था। चोपड़ा ने इस सीजन में मात्र एक गोल किया है। जबकि वह सभी 7 मुकाबले में मैदान पर उतरे हैं। इस अंग्रेज स्ट्राइकर ने कोशिश तो काफी की है लेकिन शारीरिक फिटनेस ने इस 32 वर्षीय खिलाड़ी के खेल में अड़ंगा बना है। ब्लास्टर के पास अन्य विदेशी फॉरवर्ड में केरवेंस बेलफोर्ट, डकेन्स नेजन और अंटोनियो जर्मन भी टीम में हैं। ऐसे में अंग्रेज मेनेजर को चोपड़ा की वजह से कड़ी आलोचना भी झेलनी पड़ी है। चोपड़ा के लिए यहां तक भी स्टेटमेंट आये हैं कि जर्सी पर नाम भले ही उनका हो लेकिन खेल का स्तर वह नहीं है।