ISL के नए सत्र का जूनून लोगों के सर चढ़ कर बोल रहा है। इसका अंदाजा हाल ही में खत्म हुए ड्राफ्ट से लगाया जा सकता है जहां 10 टीमों ने खिलाड़ियों को अपने टीम में शामिल किया। एफसी जमशेदपुर जहां सबसे ज्यादा पैसा खर्च करने वाली टीम बनी, वही एफसी गोवा ने अपने 13 खिलाड़ियों पर 2 करोड़ रूपये खर्च कर दिए। अनस और यूजेनेसन लिंगडो जहां सबसे महंगे खिलाड़ी रहे, वहीं धर्मराज और मोहनराज जैसे दिग्गज और बड़े खिलाड़ियों के लिए किसी भी टीम ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। हाल ही में संपन्न हुए ड्राफ्ट में 10 टीमों ने कुल मिलाकर 135 खिलाड़ियों की बोली लगाई और उन्हें खरीदा। हालांकि कुछ अच्छे खिलाड़ियों की बोली काफी कम लगी, जबकि कई खिलाडियों की उम्मीद से ज्यादा बोलीयां लगी । आइए हम उन पांच भारतीय खिलाड़ियों पर नजर डालते है जो कि उम्मीद के मुताबिक ड्राफ्ट में कुछ ज्यादा महंगे बिके: #5 राहुल भीके (बेंगलुरू एफसी) भीके इस सत्र में 43 लाख रुपये की बड़ी राशि के साथ ब्लूज़ में शामिल हुए, राहुल आईसीएल में एफसी पुणे सिटी के लिए अंतिम बार खेले थे। मुंबई एफसी और पूर्वी बंगाल के लिए भीके की पिछली परफॉरमेंस अच्छी थीं, लेकिन आईएसएल में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। भीके एक अच्छी प्रतिभा है और अल्बर्ट रोका के साथ सुधार कर सकते हैं, जो बॉल के साथ फुलबैक पर हमला करने पर जोर देते हैं। बेंगलुरु ने इस खिलाड़ी को अपने साथ लेकर काफी जोखिम उठाया है, क्योंकि अभी तक परफॉरमेंस की बात की जाये तो भीके का प्रदर्शन, उनके अनुभव के हिसाब से काफी कमतर है और वो अभी तक अपनी प्रतिभा साबित नहीं कर पाए। #4 अरिंदम भट्टाचार्य (मुंबई सिटी) सभी मौजूदा टीमों ने इस सीजन में एक प्रारूप तैयार करने के लिए निश्चित योजना बनाई थी और इस प्रक्रिया में दो वरिष्ठ खिलाड़ियों को अपने साथ बनाए रखा था। मुंबई सिटी ने पहले ही अमरिंदर सिंह को रिकॉर्ड राशि में बरकरार रखा था, इसलिए माना जा रहा था कि मुंबई ब्लूज़ बैकअप के तौर पर खेल रहे गोलकीपर पर बड़ी रकम खर्च नहीं करेंगे। लेकिन एक समझदार समझ के विपरीत, मुंबई सिटी ने अरिंदम भट्टाचार्य पर 64 लाख खर्च किये। अरिंदम, अमरिंदर के साथ एक सहयोगी के तौर पर काम करेंगे, लेकिन बैकअप पर इतनी बड़ी रकम खर्च करना काफी आश्चर्यजनक फैसला था। भट्टाचार्य इस समय फॉर्म में नहीं है और यह कदम ब्लूज़ के लिए गलती साबित हो सकता है। हालाँकि काफी समय से निंरतरता से दूर भट्टाचार्य को एक अच्छे मौके की तलाश हैं और यह केवल यहीं संभव हैं । #3 थोई सिंह (चेन्नई एफसी) यह मणिपुरी मिडफिल्डर ड्राफ्ट प्रक्रिया में स्टार आकर्षण में से एक था और चेन्नई ने 57 लाख में खरीदकर, इस स्टार मिडफील्डर को फिर से अपने साथ बरक़रार रखा। थोई सिंह पिछले आईएसएल सीजन के फाइनल मुकाबले में टीम के स्कोर में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी था। लेकिन 26 वर्षीय ने अभी तक अपनी प्रतिभा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया है। इस साल मुंबई एफसी के साथ थोई का प्रदर्शन अच्छा नहीं था, जिसके परिणामस्वरूप आई-लीगसे बाहर हो गए। वह एक खिलाड़ी है जो मिडफील्ड से गोल की गारंटी देता है औरअब तक चेन्नई के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हुआ है। लेकिन वह इस वक़्त अपने सर्वोत्तम फॉर्म में नहीं है और जो पिछले कुछ सालों के प्रदर्शन से जाहिर है, ड्राफ्ट में चेन्नई की ओर से यह एक बड़ा जोखिम था। हालाँकि थाई सिंह एक डिसेंट खिलाड़ी है, लेकिन उनके खराब रन और एक विशाल आधार मूल्य ने, उन्हें इस सूची में जगह दी। #2 बलवंत सिंह (मुंबई सिटी एफसी) मुंबई की ओर से, सुनील छेत्री को बेंगलुरु छोड़ने और आईएसएल टीम में शामिल करने का कोई मौका नहीं मिला, इसलिए टीम मैनेजमेंट ने पूर्व मोहन बागान फॉरवर्ड पर 65 लाख खर्च करने का फैसला किया, बलवंत सिंह पिछले दो वर्षों से आईएसएल में नहीं खेले हैं और वह आखिरी बार 2015 में चेन्नईन एफसी के लिए खेले थे। इस प्रतियोगिता में अभी तक सिर्फ 1 गोल के साथ, मुंबई सिटी ने बलवंत सिंह के रूप में एक निश्चित रूप से अनिश्चित मात्रा में एक बड़ा जुआ लगाया, क्योंकि इन्हें एक भारी भरकम अमाउंट पर साइन किया है। मुंबई के लिए छेत्री की कमी पूरा करने की सारी ज़िम्मेदारी और छेत्री जैसे फार्म को दोहराने की, उन्हें जरूरत होगी, जो अपने आप में एक विशाल कार्य है। सिंह हाल में अच्छे फॉर्म में नहीं हैं और क्लब के प्रमुख गोल करने वाले खिलाड़ी होने का दबाव थोड़ा ज्यादा साबित हो सकता है। # 1 सुब्रता पॉल (जमशेदपुर एफसी) भारत के अनुभवी खिलाड़ी, सुब्रता पॉल को का कुछ वक़्त से विवादों से काफी कहरा नाता रहा है और साथ ही कुछ वक़्त से प्रदर्शन भी खास नहीं रहा। उन्होंने North East United के लिए कुछ त्रुटियां की, जो उनके पक्ष के लिए महंगा साबित हुईं और अंततः उन्हें शीर्ष चार में से बाहर कर दिया। डीकेके शिवाजियों के बॉस डेव रोजर्स ने आई-लीग में उनके कठोर दृष्टिकोण के लिए पाल की आलोचना की। और इससे कहीं ऊपर, पाल नशीली दवाओं के मामले में फंस गए थे, पर सौभाग्य से उनका नाम सज़ा में नहीं आया। ऐसा लगता होगा कि इन सभी घटनाओं के बाद, पाल ड्राफ्ट में बेचें भी जायेंगे। पर वक़्त का फेर है कि सुब्रत पाल को लीग की नयी टीम जमशेदपुर एफसी के लिए 87 लाख की भारी राशि के साथ ख़रीदा गया। और पॉल आईएसएल के इस सीजन में तीसरे सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए, लेकिन उनके मौजूदा फॉर्म से पता चलता है कि वह इतनी ऊंची कीमत के लायक नहीं थे और साथ ही जमशेदपुर के सामरिक खिलाड़ियों में से एक होने के लायक भी नहीं हैं। हालाँकि पाल इस मौके को हाथ से जाने नहीं देंगे और अपनी कीमत सही साबित करने की कोशिश करेंगे। लेखक- सुमेध अनुवादक- संकेत चौबे