इंडियन सुपर लीग 2017 के खिलाड़ियों का ड्राफ्ट बीते रविवार को संपन्न हुआ। टूर्नामेंट में शामिल सभी टीमों ने अपने दल में खिलाड़ियों को शामिल करने के लिए बोली के लिए 15 राउंड में भाग लिया। सभी टीमों के पास खिलाड़ियों को खरीदने के लिए कुल 18 करोड़ रूपये निर्धारित थे, जिसमें 12.5 करोड़ विदेशी खिलाड़ियों के लिए रिजर्व थे। इस बोली में सभी 10 क्लबों ने कुल 48.85 करोड रूपये खर्च किए। अगर बात 2014 में हुई बोली की की जाए, तो उस समय कुल 8 टीमों ने सभी खिलाड़ियों पर 24 करोड़ रूपये खर्च किए थे। इस बार के ड्राफ्ट की प्रमुख बात यह थी कि इस बार जमशेदपुर एफसी और बेंगलुरू एफसी जैसी नई टीमों को इसमें शामिल किया गया था। इस बोली में दिल्ली डायनोमोज और जमशेदपुर को छोड़कर प्रत्येक टीमों के पास ड्राफ्ट शुरू होने से पहले दो खिलाड़ी उनके रैंक में शामिल थे। इसका मतलब यह था कि दिल्ली डायनोमोज और जमशेदपुर की टीमें बोली की शुरूआत पहले करेंगी। जमशेदपुर की टीम ने बोली की शुरूआत देर न करते हुए ऐनास इडाथोडिका को खरीद कर की। ऐनास इडाथोडिका को जमशेदपुर टीम ने पूरी बोली में सबसे ज्यादा 1.1 करोड़ देकर खरीदा। जमशेदपुर की टीम ने भारतीय टीम के नियमित गोलकीपर सुब्रत पॉल को भी खरीदा। निश्चित ही दोनों खिलाड़ियों के जुड़ने से जमशेदपुर की टीम को मजबूती मिलेगी। यूगेनेसन लिंग्डो को वर्तमान चैम्पियन ऐटलेटिको दी कोलकाता ने इतने ही दाम चुकाकर खरीदा। यहां हम आपके लिए ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको ज्यादा पैसे मिलने की उम्मीद थी। इन खिलाड़ियों को इस मामले में निराशा हाथ लगी और उन्हें उम्मीद के मुकाबले काफी कम दामों में खरीदा गया। मोहम्मद रफी मोहम्मद रफी उस चैम्पियन टीम का हिस्सा थे जब 2014 में एटलेटिको दी कोलकाता ने खिताब पर कब्जा किया था। वे 2016 के फाइनल में पहुंची केरला ब्लास्टर्स टीम का भी हिस्सा थे पर दुर्भाग्यवश उनकी टीम खिताब जीतने में असफल रही। फाइनल में केरला ब्लासटर्स की टीम चैन्नइयन एफसी टीम से हार गई थी। इस साल के ड्राफ्ट में मोहम्मद रफी का बेस प्राइज 30 लाख रूपये निर्धारित किया गया। उन्हें कुछ राउंड्स के इंतजार के बाद चैन्नइयन एफसी टीम ने अपने दल में शामिल किया। पिछले कुछ समय में भारत की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने वाला यह खिलाड़ी अपनी पुरानी फॉर्म में नहीं है। 2014 के संस्करण में मोहम्मद रफी ने एटलेटिको दी कोलकाता के लिए 10 मैचों में सिर्फ 1 गोल किया था, वहीं अगले दो संस्करणों में इस खिलाड़ी ने केरला ब्लास्टर्स के लिए 25 मुकाबलों में सिर्फ 6 गोल किये। भारत के इस पूर्व स्ट्राइकर का कैरियर अब ढलान पर है। ऐसा कहना मुश्किल है कि वे अपना कैरियर आगे ज्यादा बढ़ा पाएंगे। वे अभी 35 साल के हैं और अगर इस साल वे इंडियन सुपर लीग में अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं तो आने वाले सीजन में उन्हें कोई टीम मिलना मुश्किल होगा। जोमिंगलियाना राल्टे 'जोटी' के नाम से चर्चित जोमिंगलियाना राल्टे उस समय अचानक से सुर्खियों में आए जब उनके द्वारा हैडर से किए गए गोल ने मोहन बगान को आई—लीग को खिताबी दौड़ से बाहर कर दिया था। उनके द्वारा किए गए गोल ने आईजावल एफसी को पिछले साल आई—लीग का पहली बार खिताब जीतने में मदद की थी। 29 साल का यह डिफेंडर इस साल होने वाले एडिशन में बेंगलुरू एफसी की तरफ से खेलेगा। उनसे इस साल उनकी टीम को सबसे ज्यादा उम्मीदें होंगी। इन सब बातों के बावजूद, इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी को सिर्फ 25 लाख रूपये से संतोष करना पड़ेगा। यह खिलाड़ी आईजावल एफसी की तरफ से डिफेंडर के रूप में आई—लीग में दीवार की तरह खड़ा रहा था। टीम ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया था। चिंग्लेनसना सिंह 23 नवंबर 1996 में जन्में, चिंग्लेनसना सिंह कोंसम सना सिंह या चिंग्लेनसना के नाम से भी जाने जाते हैं। वे आई—लीग में शिलोंग लेजोंग की तरफ से सेंटर बैक के रूप में खेलते हैं। इंडियन सुपर लीग के ड्राफ्ट में गोवा एफसी ने उन्हें 19 लाख की कीमत चुकाकर खरीदा। सना सिंह निश्चित ही प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों में से एक है, पर उन्हें जिस कीमत पर खरीदा गया है, वह उनकी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं करती है। 2016 के आई—लीग टूर्नामेंट में उन्होंने शिलोंग लेजोंग की तरफ से 18 मैचों में भाग लिया। उन्होंने एक भी मैच मिस नहीं किया था। 20 वर्षीय यह खिलाड़ी इंडियन सुपर लीग में दूसरी बार शिरकत करेगा। उनके उम्र अभी काफी कम है जो निश्चित ही उनके लिए प्लस प्वाईंट है। अगर वे इस साल के टूर्नामेंट में अच्छी परफॉरमेंस देते हैं तो आगे आने वाले सीजन में उनका बेस प्राइज बढना निश्चित है। कीन लुइस लुइस को भारत के टॉप 5 मिडफील्डरों में से एक माना जाता है। उन्हें 14 साल की उम्र में स्पेशल ट्रेनिंग के लिए लीसेस्टर सिटी से फुटबॉल सीखने के लिए बुलाया गया था। 2008 में उन्होंने टाटा फुटबॉल एकाडेमी जॉइन की। उन्होंने हाउसटन में ग्रजुएशन पूरी करके बाद हाउसटन डायनमो से खेलना शुरू किया। 2015 में उन्होंने कोलकाता के क्लब मोहन बगान की तरफ से फुटबॉल खेलने की शुरूआत की और कुछ ही समय अच्छ खिलाड़ी के रूप में वे लोगों की नजर में आ गए। 2016 के इंडियन सुपर लीग में वे मोहन बगान से दिल्ली डायनोमोज की टीम में चले गए। उन्होंने टीम के लिए 11 मैचों में 4 गोल दागे। उन्हें इस साल की बोली में पुणे सिटी की टीम ने 40 लाख रूपये में खरीदा है। बेशक इतने पैसे इस लिस्ट में सबसे ज्यादा है पर उन्हें इतनी राशि से ज्यादा राशि मिलने की उम्मीद थी। 24 साल का यह फॉरवर्ड खिलाड़ी निश्चित ही पुणे की टीम की सफलता में अहम भूमिका निभाएगा। जेरी मामिंगथांगा 20 साल के इस प्रतिभावान खिलाड़ी को इस साल लगी इंडियन सुपर लीग की बोली में जमशेदपुर सिटी टीम ने सिर्फ 15 लाख में खरीदा। मामिंगथांगा इससे पहले नॉर्थ—ईस्ट की ओर से भी खेल चुके हैं। इन्होंने भारत की अंडर—19 और अंडर—23 की ओर से भारत का प्रतिनिधित्व किया है। मिजोरम में जन्मे मामिंगथांगा ने अपने कैरियर की शुरूआत डीएसके शिवाजियंस ऐकाडेमी के साथ की थी। मामिंगथामा अपने क्लासमेट ललियनजुआला चंग्टे के साथ मार्च 2016 में, इंग्लैंड के लिवरपूल क्लब के साथ ट्रेनिंग के लिए गये थे। उन्होंने आईसीएल 2016 में नॉर्थ—ईस्ट के लिए मुंबई सिटी के खिलाफ अपना पहला मैच खेला था। वे मैच के 72वें मिनट में रोलिन बोर्गेस की जगह मैदान में उतरे थे। उन्हें सिर्फ एक मैच खेलने का मौका मिला था। उनकी टीम नॉर्थ—ईस्ट फाइनल में जगह बनाने में नाकामयाब रही थी। वे आई—लीग में डीएसके शिवाजियंस की ओर से खेल चुके हैं।