रविवार को इंडियन सुपर लीग के घरेलू ड्राफ्ट के समापन के बाद क्लब ने अब विदेशी बाजार की ओर अपना ध्यान देना शुरु कर दिया है और इसी क्रम में दस आईएसएल फ्रैंचाइजियों ने कुल 17 खिलाड़ियों को अपनी टीम के लिए अनुबंधित किया है, जिसमें से बेंगलुरू एफसी के नए प्रवेशकों के साथ अब तक सबसे अधिक संख्या में यानि पांच खिलाड़ियों को साइन किया है। जैसा कि हम आईएसएल सीज़न के नये संस्करण की शुरुआत करने जा रहे हैं, जो कि नवंबर के मध्य में शुरू होगा। इस बार हम भारतीय फुटबॉल में विदेशी आक्रमण का एक नया बेड़ा देखेंगे। आइए गर्मियों के मौसम में हुए ट्विस्ट और टर्न से भरे ट्रांसफर के दौरान आईये नजर डालते हैं आईएसएल क्लब द्वारा बनाए गए पांच बेहतरीन ट्रांसफर पर- खिलाड़ियों को रेटिंग देने की प्रक्रिया को और ज्यादा सार्थक बनाने के लिए हमने पांच मानदंडों को सूचीबद्ध किया था जिसके अनुसार अनुबंधित किए गए नए विदेशी खिलाड़ियों को रैंकिंग दी गई। मानदंड इस प्रकार है: करियर अवधि: खिलाड़ी जितना अधिक अनुभवी होता है, उतना अधिक वह मैदान पर और मैदान के बाहर टीम को जोड़ सकता है और साथ ही साथ टीम में युवा खिलाड़ियों के विकास में मदद कर सकता है। सामान्य तौर पर, एक खिलाड़ी जितना बड़ा होता है, वह उतना अनुभवी होता है। उम्र: उम्र और प्रदर्शन के बीच परस्पर संबंध हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है, लेकिन सामान्य तौर पर, फुटबॉल खिलाड़ियों को 30 के पार होने पर उनके खेलने में विचार किया जाता है, इसलिए 30 साल से कम उम्र के युवा खिलाड़ियों को ध्यान में रखते हुए आईएसएल के इस नये सीजन में अनुबंधित किया गया और युवा जोश पर फ्रेंचाइजियों ने ज्यादा दांव खेला। एशिया में अनुभव : एशियाई फुटबॉल अपने यूरोपीय या दक्षिण अमेरिकी समकक्षों से अलग रहा है। इसलिए, एशियाई फुटबॉल का पूर्व अनुभव रखने वाला खिलाड़ी भारतीय फुटबॉल में अधिक सफल रहा है। भारत में अनुभव: यह बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि भारतीय फुटबॉल विश्व के अन्य भागों में फुटबॉल के समान नहीं है। भारत में दो साल का अनुभव रखने वाला खिलाड़ी आम तौर पर नये नवेले खिलाड़ी से बेहतर प्रदर्शन करने की अपेक्षा करता है। ट्राफियां : जीतने वाली टीम का हिस्सा बनना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, आईएसएल ड्रेसिंग रूम में जीत का वह जोश और जीतने वाली मानसिकता टीम की सफलता में बड़ा हिस्सा निभाती है। इस सीजन में आईएसएल क्लब द्वारा साइन किये गए शीर्ष पांच विदेशी खिलाड़ियों की सूची इस प्रकार है: 5. एमिलिएनो अल्फैरो उरुग्वेयन का यह स्ट्राइकर एक बेहद अनुभवी प्रचारक है और पिछले आईएसएल के सीजन में नॉर्थ ईस्ट यूनाइटेड की तरफ से शीर्ष स्कोरर रहा है। सैन लोरेंजो में डिएगो शिमोन के संरक्षण के तहत अपनी कला सीखने के बाद, अल्फैरो ने दुनिया भर में साथ ही साथ भारत में भी उतना ही अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने उरूग्वे टीम की गोल्डन पीढ़ी यानि लुइस सुआरेज़ और एडिन्सन कैवनी के साथ इस दशक के अंत तक भी खेला। अल्फ़ारो पिंजरे के अंदर बंद एक शिकारी है और एफसी पुणे सिटी द्वारा उन्हें साइन करना उसकी चतुराई को दर्शाता है कि वह केवल 29 के ही है, अल्फैरो को अपनी टीम में लाकर पुणे ने तख्तापलट जरूर कर लिया है। 4. एरिक पार्टलू
बैंगलोर एफसी के नए खिलाड़ी ने भारत में अभी तक खेलने के बावजूद आश्चर्यजनक रूप से इस सूची में जगह बनायी हैं। ऑस्ट्रेलियाई ने अपने अधिकांश कैरियर को अपने होमग्राउंड में खेले और पश्चिम में केवल एक बार खेला जब वे एशिया-ओशिनिया में लौटने से पहले अपने कैरियर के शुरुआती दौर में स्कॉटलैंड गए थे। पार्टलू बेहद अनुभवी खिलाड़ी हैं और ब्रिसबेन रोअर के साथ ए लीग खिताब भी जीत चुके है। उनकी खिताब जीतने वाली प्रवत्ति बैंगलोर के लिए जीत में सहायक साबित होगी। 3. लुसियन गोएन
आईएसएल के पिछले सीजन में प्रभावशाली सेंटर बैक खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर रहा था। गोएन ने 2016 में पहली बार आईएसएल में मुंबई को सेमी फाइनल में जगह दिलायी और वह अपनी प्रतिभा को इस सीजन में भी दोहराना चाहेंगे। 34 वर्षीय खिलाड़ी बेहद अनुभवी है और उन्होंने अपने करियर में पांच ट्राफियां जीती हैं जो कि ज्यादातर अपने मूल रोमानिया में बिता हैं। मुंबई सिटी ने आईएसएल के इस आने वाले सीजन में एक बार फिर गोएन को साइन करके विरोधियों को अपने इरादें जता दिये हैं। उनके आने से मुंबई सिटी और उनके मुख्य कोच एलेक्जेंडर ग्यूमारेस के पास डिफेंस में मजबूती मिली है। 2. इयान ह्यूम
2014 में पहली बार भारतीय धरती में कदम रखने के बाद आईएसएल में इस खिलाड़ी ने तूफान ला दिया था। ह्यूम आईएसएल के इतिहास के सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी है, उन्होंने आईएसएल में अबतक कुछ 23 गोल अपने नाम किए हैं। ह्यूम ने टीम को दो बार फाइनल में पहुंचाया है और पिछला सीजन जीतने में कामयाब रहे थे। हुमे केरला ब्लास्टर के साथ वापस आ गये हैं, लेकिन कनाडा का अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी अब एक साल और बड़ा हो गया है। 33 वर्षीय खिलाड़ी अपने पूरे दमखम के साथ स्कोर करने की उम्मीद है, लेकिन यह आसान नहीं होगा। ह्यूम का उल्लेख मात्र अभी भी आईएसएल में बाकी विरोधियों के लिए एक खतरा है। 1. जॉन जॉनसन
पूर्व मिडलस्ब्राट डिफेंडर 2013 में क्लब की स्थापना के बाद से ही बेंगलुरू एफसी के साथ जुड़ा रहा है और टीम ब्लू के साथ हर सीज़न में चांदी के तमगे को अपने नाम किया है। जॉनसन ने बेंगलुरु के लोगों के फेवरेट और वफादार खिलाड़ी रहे हैं व हाल ही में क्लब द्वारा कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाये जाने पर प्रशंसकों द्वारा इसका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। जॉनसन के भारतीय फुटबॉल में चार साल के अनुभव और देश में उनकी ट्रॉफी की संख्या उन्हें और उनकी टीम बेंगलुरू एफसी का ब्योरा देने के लिए काफी है। इसी कारण से टीम ब्लू ने आगामी सीजन के लिए उन्हें बनाए रखने फैसला किया।