भारतीय सुपर लीग (आईएसएल) को आज एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) से मान्यता प्राप्त होने के उपरांत 2017/18 सीजन के बाद से भारत में दो राष्ट्रीय फुटबॉल लीग बनाए जाने की उम्मीद है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक एशियन फुटबॉल बॉडी ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के प्रस्ताव को आगे बढ़ा दिया है। इस प्रकार के सफ़ल आयोजन से आईएसएल का भारत के फुटबॉल कैलेंडर में शीर्ष लीग के रूप में दावा मजबूत करता है। यह फ्रैंचाइज़ी आधारित लीग हैं, इसकी शुरुआत 2014 में हुई थी, इस प्रकार 2014 में भारतीय फुटबॉल को लोकप्रिय बनाने के लिए यह "बूस्टर डोज़" साबित हुआ और अब अधिकारिक मान्यता मिलने से इसका स्तर और ऊँचा हो गया। हालांकि, एआईएफएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बात करते हुए इन दावों को "केवल अटकलें" बताकर खारिज कर दिया। एक संवाददाता सम्मेलन में 2014 में फीफा के महासचिव जेरोम वाल्के ने पहले कहा था "हमारे लिए (फीफा) 'आई-लीग' के मुकाबले आईएसएल भारत की सबसे बड़ी फुटबॉल प्रतियोगिता नहीं है, आईएसएल दो महीने के लिए आठ फ्रेंचाइजी का चैंपियनशिप है पर यह कैसे संभव कि एक देश में दो लीग, फुटबॉल में ऐसा नहीं होता है और 'आई-लीग' ही भारत में फुटबॉल के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।" हालांकि, समय बदल गया है और एएफसी से अनुमोदन पत्र, इसके महासचिव द्वारा हस्ताक्षरित माना जाता है और वह एआईएफएफ मुख्यालय तक पहुंच गया है और आईएसएल की स्थिति पर मुहर लगा दी है। यह फैसला 'आई-लीग' और पुराने क्लबों के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा, जो कल प्रतिनिधियों के साथ मिलने के लिए तैयार हैं। हालांकि एएफसी ने कहा है कि यह सिर्फ एक अस्थायी स्थिति है जिसको आने वाले समय में बदलने की आवश्यकता होगी, लेकिन इसके लिए एक समय सीमा तय नहीं की गई है। वहीँ दूसरी ओर फीफा ने कहा है कि वह इन सारे मामलों से अवगत है। रिपोर्ट के मुताबिक 2019 एएफसी चैंपियंस लीग में आई-लीग चैंपियन को जगह दी जायगी। हालांकि, यदि वे टूर्नामेंट के मुख्य दौर के लिए अर्हता प्राप्त करने में नाकाम रहे हैं, तो एएफसी कप में जगह बनी हुई है। एएफसी कप में दूसरा स्थान, जो पिछले सत्र तक फेडरेशन कप के विजेताओं के लिए गया था, अब यह आईएसएल के विजेता के पास जाएगा, जो अगले सीजन में 10 टीमें के साथ रहेगा और यह टूर्नामेंट पांच महीने में खेला जाएगा। वहीँ दूसरी ओर ये ख़बर आईएसएल क्लबों एवं नए क्लबों के लिए एक अच्छी ख़बर लेकर आई ख़ासतौर पर बेंगलुरू एफसी के लिए क्योकिं इस टीम ने अंतिम सीजन में फाइनल में जगह बनायीं और विदेशी धरती पर जीत दर्ज की, इस टीम ने ग्रुप स्टेज के पड़ाव पर मोहन बगान जैसे कड़े प्रतिद्वंदी का सामना किया।