लिवरपूल फुटबॉल क्लब ने FA कप का खिताब जीत लिया है। वेम्बली स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में दोनों टीमें फुल टाइम और इसके बाद एक्स्ट्रा टाइम तक कोई गोल नहीं किया। इसके बाद लिवरपूल ने चेल्सी को पेनेल्टी शूटआउट में 6-5 से हराते हुए आठवीं बार टाइटल अपने नाम किया। 5 शॉट्स के बाद दोनों टीमों का शूटआउट स्कोर 4-4 था और फिर सडन डेथ में लिवरपूल के लिए कोस्तास सिमिकास ने गोल करते हुए टीम को जीत दिलाई। इससे ठीक पहले टीम के गोलकीपर ऐलिसन बेकर ने चेल्सी के मेसन माउंट का गोल रोका और लिवरपूल को बेहतर स्थिति में पहुंचा दिया।
लिवरपूल पहले ही चैंपियंस लीग के फाइनल में पहुंच चुकी है और इंग्लिश प्रीमियर लीग में भी सिर्फ 3 नंबर के अंतर से लीग टेबल टॉपर मैनचेस्टर सिटी से पीछे दूसरे नंबर पर है। टीम ने फरवरी में ही चेल्सी को हराकर कारबारो कप जीता था और अब ये दूसरी ट्रॉफी भी चेल्सी को हराकर जीत ली है। वहीं चेल्सी लगातार तीसरी बार एफए कप का फाइनल हारी है। 2019 में आर्सेनल ने चेल्सी को फाइनल में 2-1 से हराया था जबकि पिछले साल चेल्सी को लाइचेस्टर सिटी के खिलाफ 1-0 से हार मिली थी और अब लिवरपूल के सामने टीम शूटआउट में परास्त हो गई। FA कप इतिहास में ये चेल्सी की खिताबी मुकाबले में आठवीं हार है।
मैच के बाद चेल्सी के सभी खिलाड़ी, फैंस और सपोर्ट स्टाफ काफी निराश थे। टीम के लिए हाल के कुछ महीने कुछ ज्यादा खास नहीं रहे हैं। चैंपियंस लीग के क्वार्टरफाइनल में गत चैंपियन चेल्सी को आखिरी मिनटों में रियाल मेड्रिड के हाथों हार मिली, टीम इंग्लिश प्रीमियर लीग के इस सीजन में एक समय लीग टेबल में टॉप पर थी लेकिन खराब प्रदर्शन के कारण अब टीम तीसरे स्थान पर ये सीजन खत्म करने की कगार पर है। FA कप फाइनल में हार के बाद टीम के मैनेजर टुचेल ने भी माना कि उन्हें टीम की जीत की उम्मीद थी।
FA कप इंग्लिश फुटबॉल क्लबों के बीच हर साल होने वाला नॉकआउट टूर्नामेंट है और इस बार प्रतियोगिता का 150वां साल है। 1871-72 में शुरु हुई ये दुनिया की सबसे पुरानी फुटबॉल चैंपियनशिप है। आर्सेनल ने सबसे ज्यादा 14 बार इस ट्रॉफी को अपने नाम किया है।