भारत की सितारा महिला फुटबॉलर बाला देवी ने कहा कि उन्होंने महान मुक्केबात एमसी मैरीकॉम से प्रेरणा ली, जिन्होंने खिलाड़ी होने के नाते अपार सफलता हासिल की जबकि उनकी पृष्ठभूमि काफी साधारण थी। यूरोप में टॉप फ्लाइट लीग में पेशेवर फुटबॉल खेलने वाली पहली भारतीय महिला बाला देवी ने छह बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट एमसी मैरीकॉम से 2014 एशियाई गेम्स के दौरान बातचीत का किस्सा बताया।
बाला देवी ने एआईएफएफ टीवी से बातचीत में कहा, 'एमसी मैरीकॉम मेरे लिए प्रेरणा का बड़ा स्रोत हैं। वो बहुत साधारण पृष्ठभूमि से आती हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत करके कई रिकॉर्ड्स तोड़े। मां बनने के बाद भी वह लगातार रिकॉर्ड्स तोड़ती रहीं और देश के लिए सम्मान जीतती रहीं। हमने 2014 में एशियाई गेम्स में बातचीत की थी। मैंने उन्हें ट्रेनिंग करते हुए देखा था। वो बहुत दोस्ताना व्यवहार रखती हैं और हमारे खेलों के दौरान उन्होंने हमारा समर्थन भी किया।'
बाला देवी अपना नाम यहां देखकर हुईं खुश
बाला देवी ने स्कॉटिश महिला प्रीमियर लीग में रेंजर्स एफसी के लिए अपना पहला गोल दागा, जहां उनकी टीम ने मदरवेल एफसी को 9-0 को रौंदा। बाला देवी ने जनवरी में रेंजर्स के साथ 18 महीने का करार किया था। बाला देवी ने कहा, 'गोल के बाद मुझे कई लोगों ने शुभकामना दी और कई लोगों ने इसके बारे में बात की और लिखा, जिससे मुझे काफी गर्व महसूस हुआ। इसके बाद मेरा नामांकन एएफसी प्लेयर ऑफ द वीक के लिए हुआ। अपना नाम इतने दिग्गजों के साथ देखकर मैं बहुत ,खुश हुई।'
30 साल की बाला देवी ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि हर किसी का समर्थन निरंतर मिलता रहे ताकि हम देश के लिए भविष्य में बड़ी चीजें हासिल कर सकें।' बाला देवी का नाम एएफसी इंटरनेशनल प्लेयर ऑफ द वीक में ईरान की सरदार अजमुन, कोरिया रिपब्लिक की सुन यूंग मिन और जापान की आइकॉन साकी कुमागाई के साथ शामिल है।
बाला देवी ने कहा, 'जब से मैंने रेंजर्स क्लब में ट्रायल्स दिए हैं, मैं अपने देश में हर भारतीय खिलाड़ी की प्रेरणा बनना चाहती हूं। मैं युवा लड़कियों और देश के युवाओं की प्रेरणा बनना चाहती हूं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलना चाहते हैं। यह ऐसी चीज है, जो हमेशा मेरे दिमाग में रहती है और जब भी मैं मैदान पर पहुंचती हूं तो इसे दोहराने पर विश्वास करते हैं।'
बाला देवी ने कहा कि अखिल भारतीय फुटबॉल संघ द्वारा दिए गए अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर ने उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाला देवी ने कहा, 'एआईएफएफ ने हमें काफी अंतरराष्ट्रीय दौरे मुहैया कराए और मैंने यूरोपीय टीमों के खिलाफ खेला, जिससे काफी अनुभव मिला। मुझे एहसास हुआ कि मैं खेल सकती हूं और उन्हें प्रतिस्पर्धा दे सकती हूं।'