रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच विश्व में फुटबॉल की सबसे बड़ी गवर्निंग बॉडी फीफा ने रूस की फुटबॉल टीमों को सस्पेंड कर दिया है। फीफा ने प्रेस रिलीज जारी कर घोषणा की कि उसके और UEFA की ओर से रूस की सभी फुटबॉल टीमों, फिर चाहे वो राष्ट्रीय स्तर की हो या फिर रूस की ओर से खेलने वाले फुटबॉल क्लब, सभी को फीफा और UEFA की ओर से होने वाली प्रतियोगिताओं से सस्पेंड किया जाता है। इसका मतलब है कि रूस की टीम इस साल नवंबर में कतर में होने वाले फुटबॉल विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने के लिए होने वाले मैचों में भाग नहीं ले पाएगी। यही नहीं इसका असर रूस की महिला फुटबॉल टीम पर भी पड़ सकता है जो जुलाई में इंग्लैंड में होने वाली यूरोपीय चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर चुकी है।
फीफा की ओर से जारी आधिकारिक बयान में रूसी सेना द्वारा यूक्रेन में युद्ध की नियत से घुसने की निंदा करते हुए यूक्रेन के साथ हमदर्दी दिखाई गई है। यही नहीं, UEFA ने एनर्जी ड्रिंक बनाने वाली रूसी कंपनी गेजप्रोम से बतौर स्पॉन्सर करार भी छीन लिया है। इस फैसले के कुछ ही देर पहले अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने दुनियाभर के खेल संघों से अपील की थी कि रूसी खिलाड़ियों और टीमों को अपनी प्रतियोगिताओं से बाहर कर दें। दुनियाभर में अधिकतर फुटबॉल फैंस इस कदम का समर्थन कर रहे हैं लेकिन कई फैंस ऐसे भी हैं जो इस राजनीति को खेल में मिलाने से नाराज हैं।
रूस की ओर से यूक्रेन पर हमले के बाद से ही दुनियाभर में हो रहे अंतर्राष्ट्रीय और बड़े स्तर के फुटबॉल मुकाबलों में फैंस और खिलाड़ी यूक्रेन का समर्थन करते दिख रहे हैं। कई अन्य खेलों में रूस के ऐथलीट भी युद्ध खत्म करने की अपील करते नजर आ रहे हैं। हालांकि फीफा ने ये घोषणा नहीं की है कि ये सस्पेंशन कब तक चलेगा, और ऐसे में माना जा सकता है कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत के बाद युद्ध समाप्ति की घोषणा होती है तो इस सस्पेंशन को वापस लिया जा सकता है।