गत विजेता और चार बार की वर्ल्ड चैंपियन अमेरिकी महिला टीम को करारा झटका लगा है। फीफा रैंकिंग में नंबर 1 पर काबिज इस टीम को महिला फुटबॉल विश्व कप के नॉकआउट चरण में हार का सामना करना पड़ा है। अमेरिका को राउंड ऑफ 16 के मुकाबले में स्वीडन ने पेनल्टी शूटआउट में 5-4 से मात दी और सभी को चौंका दिया।
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हुए इस प्री-क्वार्टरफाइनल मुकाबले में तय समय तक दोनों टीमें एक भी गोल नहीं कर पाईं। हालांकि अमेरिकी टीम ने काफी अच्छे मौके बनाए, लेकिन स्वीडिश टीम ने अपना डिफेंस मजबूत कर एक भी गोल नहीं खाया। स्वीडन की गोलकीपर जेचिरा मुसोविच ने पूरे मैच टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया। एक्स्ट्रा टाइम के बाद दोनों टीमों के बीच पेनेल्टी शूटआउट हुआ।
पांच प्रयासों के बाद दोनों टीमें शूटआउट में 3-3 से बराबरी पर थीं। ऐसे में शूटआउट भी सडन डेथ में गया यानि जो टीम पहले गोल से चूकेगी, वह हारकर बाहर हो जाएगी। दोनों टीमों के छठे प्रयास भी सफल रहे। सांतवे प्रयास में अमेरिका की केली ओहारा असफल रहीं। इसके बाद स्वीडन की लीना हर्टिज ने प्रयास किया।
अमेरिकी गोलकीपर अलिसा नेहर ने इसे रोकने का प्रयास किया और गेंद को बाहर फेंका लेकिन रेफरी ने फैसला दिया कि गेंद हवा में ही सही, गोल लाइन के पार जा चुकी थी, और स्वीडिश टीम को जीत मिल गई।
यह जीत दुनियाभर के फुटबॉल फैंस के लिए चौंकाने वाली इसलिए है क्योंकि अमेरिकी टीम महिला विश्व कप के इतिहास में इससे पहले हमेशा कम से कम सेमिफाइनल तक जरूर पहुंची थी और हमेशा पहले, दूसरे या तीसरे स्थान पर रही। साल 1991, 1999, 2015 और 2019 में अमेरिका ने खिताब जीता था। 1995, 2003, 2007 में टीम तीसरे स्थान पर रही जबकि साल 2011 में अमेरिकी टीम उपविजेता रही। ऐसे में इस विश्व कप में क्वार्टर-फाइनल से पहले ही टीम का हारना हैरान करने वाला है। अब क्वार्टर-फाइनल में स्वीडन का सामना पूर्व चैंपियन जापान से होगा।