स्पेन की टीम के फीफा फुटबॉल विश्व कप में राउंड ऑफ 16 से बाहर हो जाने के बाद सबसे पहली गाज टीम के कोच लुई एनरिके पर गिरी है। एनरिके को राष्ट्रीय टीम के कोच के पद से हटा दिया गया है। स्पेन की टीम ने टूर्नामेंट के पहले मैच में बड़ी जीत के साथ शानदार शुरुआत की थी, लेकिन आखिरी ग्रुप मैच में टीम हारी और इसके बाद पेनेल्टी शूटआउट में राउंड ऑफ 16 मुकाबले में मोरक्को से हारकर प्रतियोगिता से बाहर हो गई।
स्पेन की फुटबॉल फेडरेशन RFEF ने आधिकारिक बयान जारी कर जानकारी दी है कि एनरिके के स्थान पर अंडर-21 टीम के कोच लुई डे ला फुएंटे फिलहाल राष्ट्रीय टीम के कोच होंगे। आधिकारिक बयान में ये भी कहा गया है कि स्पेन की राष्ट्रीय टीम के भविष्य के लिए नए प्रोजेक्ट पर काम करना होगा और इसके लिए ये कदम उठाया गया है। खबरों के मुताबिक फेडरेशन की आंतरिक बैठक में एनरिके ने खुद टीम छोड़ने का फैसला किया।
साल 2010 में विश्व कप जीतने वाली स्पेनिश टीम से इस बार फैंस को काफी उम्मीदे थीं। टीम ने ग्रुप स्टेज में अपने पहले मुकाबले में कोस्टा रिका को 7-0 से हराया और दावेदारी मजबूत की। लेकिन दूसरे मुकाबले में जहां जर्मनी से टीम ने ड्रॉ खेला तो वहीं ग्रुप स्टेज के तीसरे मैच में जापान ने स्पेन को हराकर चौंका दिया। स्पेन की टीम को कोस्टा रिका के खिलाफ किए गए 7 गोल की वजह से बेहतर गोल डिफरेंस के आधार पर अंतिम-16 में जगह मिली।
राउंड ऑफ 16 में मोरक्को की टीम के खिलाफ स्पेन ने 75 फीसदी समय गेंद अपने पास रखी लेकिन टीम कोई गोल नहीं कर सकी। मोरक्को ने पहले तो गोलरहित ड्रॉ पर स्पेन को रोका और फिर पेनेल्टी शूटआउट में 3-0 से स्पेन को मात दी। स्पेन की टीम के लिए ये चौंकाने वाला इसलिए भी था क्योंकि खबरों के मुताबिक लुई ने टूर्नामेंट के लिए टीम को एक हजार से भी ज्यादा बार शूटआउट की तैयारी करवाई थी लेकिन मोरक्को के खिलाफ मैच में उनके चुने गए तीनों खिलाड़ी गेंद गोलपोस्ट में नहीं डाल पाए।
स्पेन की निराशाजनक हार के बाद लुई ने खुद भी माना था कि गलती उन्हीं की है और इसके लिए उन्हें ही निशाना बनाया जाना चाहिए। लुई एनरिके पर विश्व कप शुरु होने से पहले ही टीम सेलेक्शन को लेकर सवाल उठ रहे थे। उन्होंने रेमोस, डि गाया, थिएगो जैसे खिलाड़ियों को टीम में नहीं चुना था।