दुनिया के सबसे बड़े फुटबॉल क्लब में शामिल चेल्सी एफसी बिकने जा रहा है। चेल्सी के मालिक रूस के रोमन एब्रामोविच ने रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद उठे हालात के बाद क्लब को बेचने का फैसला किया है। साल 2003 में क्लब को खरीदने वाले एब्रामोविच के मुताबिक मौजूदा हालात में जब रूस के हमले के बाद दुनिया रूस से जुड़ी हर चीज के खिलाफ है, ऐसे में इस क्लब की भलाई के लिए इसे बेचना जरूरी है। हालांकि इस फैसले को लेने में उन्हें काफी तकलीफ हुई। एब्रामोविच ने ये भी ऐलान किया कि क्लब की बिक्री से मिलने वाली धनराशि का इस्तेमाल वो रूस-यूक्रेन युद्ध के पीड़ितों के लिए देंगे।
खरबों का है चेल्सी फुटबॉल क्लब
चेल्सी दुनिया के सबसे मशहूर क्लबों में शामिल है और साल 2021 में दुनिया का सातवां सबसे कीमती फुटबॉल क्लब माना गया है। खबरों के मुताबिक पिछले साल ही चेल्सी क्लब की कीमत 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 2400 लाख करोड़ रूपए से ज्यादा आंकी गई थी। क्लब ने हाल ही में क्लब फुटबॉल विश्व कप का खिताब जीतकर इतिहास की सभी बड़ी ट्रॉफी जीतने वाली टीमों की सूची में जगह बनाई थी। ऐसे में क्लब की मौजूदा कीमत काफी बढ़ गई है।
कभी 1 पाउंड में बिका था क्लब
साल 1905 में स्थापित हुए इस क्लब ने 70 और 80 के दशक में वित्तीय संकट देखे। अपने होम ग्राउंड स्टैमफोर्ड ब्रिज से जुड़े कामों को लेकर क्लब खराब माली हालत से गुजर रहा था। क्लब के हालात इतने खराब थे कि साल 1982 में व्यापारी केन बेट्स ने क्लब को सिर्फ 1 पाउंड की कीमत में खरीदा था। साल 1983 में क्लब के मैनेजर जॉन नील ने टीम के प्रदर्शन पर खासी मेहनत की और उसे सेकेंड डिविजन चैंपियन बनाते हुए फर्स्ट डिविजन प्रतियोगिताओं में लाए।
साल 2003 में बेट्स ने एब्रामोविच को क्लब 140 मिलियन पाउंड यानी करीब 14 अरब रुपए की धनराशि में बेच दिया। एब्रामोविच ने क्लब पर अपने स्तर से बहुत पैसा लगाया, अच्छे से अच्छे खिलाड़ी और कोच जोड़े। होजे मोरिन्हो ने भी इसी दौरान क्लब को ज्वाइन किया। चेल्सी का प्रदर्शन इसके बाद लगातार बेहतर हुआ। पिछले साल ही चेल्सी दूसरी बार चैंपियंस लीग विजेता बनी है। एब्रामोविच के क्लब को लेने के बाद टीम 5 बार इंग्लिश प्रीमियर लीग अपने नाम कर चुकी है। आज भी टीम का प्रदर्शन अच्छा चल रहा है और चैंपियंस लीग, प्रीमियर लीग जैसे टूर्नामेंट के मौजूदा सीजन में टीम जीतने की मजबूत दावेदारी कर रही है। ऐसे में इस क्लब के बिकने की खबर पर कई रईस व्यापारियों और लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं और इसे खरीदने की इच्छा जताई है।
इस सूची में अमेरिकी फाइनेंसर टॉड बोहेली का नाम टॉप पर है। वहीं स्विट्जरलैंड के खरबपति हानयोर्ग वायस भी अपनी रूचि दिखा चुके हैं। मिस्त्र के खरबपति मोहम्मद मंसूर का परिवार भी क्लब को खरीदने की फिराक में है। ऐसे में 3.2 बिलियन डॉलर की भारी-भरकम रकम मिलाकर जो भी इंसान इस क्लब को खरीदेगा दुनिया उसे जानना चाहती है। एब्रामोविच भी इस कीमत से नीचे आने को तैयार नहीं हैं। माना जा रहा है कि एब्रामोविच 4 बिलियन डॉलर की कीमत पर सबसे ज्यादा खुश होंगे। एब्रामोविच खुद क्लब के ऊपर 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा धनराशि खर्च कर इसका पुनरुद्धार किया है। ऐसे में इतनी कीमत तो वो मांग ही सकते हैं।
फैंस नहीं चाहते क्लब का नया मालिक
चेल्सी के दुनियाभर में लाखों, करोड़ो प्रशंसक हैं। एब्रामोविच की देखरेख में जिस अंदाज में पिछले 19 सालों में क्लब ने नई ऊचाईयों को छुआ है उसे देखते हुए चेल्सी के अधिकतर फैंस नहीं चाहते कि एब्रामोविच इसे बेचें और उनकी जगह कोई नया मालिक आए। लेकिन जिस तरह रूस और उससे जुड़े लोगों और संस्थानों के खिलाफ पिछले एक हफ्ते से प्रतिबंधों का दौर जारी है, ऐसे में एब्रामोविच क्लब को बचाने के इरादे से अपने कदम को सही बता रहे हैं।