स्पेन की महिला फुटबॉल टीम ने इतिहास रचते हुए पहली बार फीफा फुटबॉल विश्व कप के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में खेले गए पहले सेमीफानल में स्पेन की टीम ने स्वीडन को 2-1 से मात देते हुए खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया।
बेहद रोमांचक सेमीफाइनल में दोनों ही टीमें मैच के शुरुआती 80 मिनटों तक गोल नहीं कर पाईं। 81वें मिनट में स्पेन की सालमा पराउएलो ने गोल दाग टीम को बढ़त दिलाई। स्वीडन की रेबेका ब्लॉमक्विस्ट ने 88वें मिनट में गोल दाग स्कोर बराबर कर दिया।
मुकाबला एक्स्ट्रा टाइम में जा सकता था लेकिन 89वें मिनट में स्पेन के लिए ओल्गा कारमोना ने गोल किया जिसके बाद इंजरी टाइम में कोई और गोल नहीं हुआ और स्पेनिश टीम ने ऐतिहासिक जीत प्राप्त कर ली। अब16 अगस्त को मेजबान ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच दूसरा सेमीफाइनल होना है। इस मैच का विजेता 20 अगस्त को होने वाले फाइनल में स्पेन का सामना करेगा।
महज तीसरा विश्व कप
खास बात यह है कि स्पेन की टीम का यह महज तीसरा विश्व कप है। साल 1991 में शुरु हुए महिला विश्व कप के शुरुआती 6 संस्करणों में टीम क्वालीफाई तक नहीं कर पाई थी। 2015 में पहली बार मुख्य ड्रॉ तक पहुंची स्पेनिश टीम ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई थी जबकि पिछली बार 2019 में टीम अंतिम 16 तक पहुंचने में कामयाब रही थी। ऐसे में मौजूदा संस्करण टीम के लिए किसी शानदार सपने से कम नहीं है।
स्वीडन को एक बार फिर निराशा
स्वीडिश टीम एक बार फिर निराश होकर विश्व कप से वापस घर जाएगी। टीम ने विश्व कप के हर संस्करण में भाग लिया है लेकिन कभी भी खिताब जीतने में कामयाब नहीं रही। 1991, 2011, 2019 में टीम तीसरे स्थान पर रही जबकि साल 2003 में टीम उपविजेता रही थी। इस विश्व कप में टीम ने बेहद शानदार प्रदर्शन कर राउंड ऑफ 16 में चार बार की चैंपियन अमेरिका को बाहर कर सभी को चौंकाया था और फिर क्वार्टर-फाइनल में 2011 की विजेता जापान को हराया। ऐसे में सेमीफाइनल में स्पेन के हाथों मिली हार से खिलाड़ी बेहद निराश हैं।