कतर को AFC एशियन कप 2023 के मेजबान के तौर पर चुन लिया गया है। साल 2019 में चीन का चुनाव बतौर मेजबान इस प्रतियोगिता के लिए किया गया था लेकिन कोविड पॉलिसी को लेकर हुए विवाद के बाद चीन ने मेजबानी छोड़ दी थी। इसके बाद कतर समेत दक्षिण कोरिया और इंडोनिशिया ने मेजबानी की पेशकश की थी।
AFC के प्रतिनिधियों ने कतर के नाम की घोषणा की। हालांकि कतर ने टूर्नामेंट का आयोजन जून-जुलाई 2023 की जगह 24 जनवरी 2024 से कराने की अनुमति मांगी है। कतर में इस साल फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन होने जा रहा है, और इस आयोजन को मद्देनजर रखते हुए भी AFC यानी एशियन फुटबॉल कन्फेडरेशन के दर्जाधारियों ने इस देश को ये मौका दिया है। प्रतियोगिता में कुल 24 टीमें हिस्सा लेंगी, और भारतीय सीनियर टीम ने भी हाल ही में इसके लिए क्वालीफाई किया है।
क्या है एशियन कप?
AFC एशियन कप एशियन फुटबॉल कन्फेडरेशन के देशों के बीच होने वाली सबसे बड़ी फुटबॉल प्रतियोगिता है। दक्षिण अमेरिका के कोपा अमेरिका के बाद यह दुनिया की सबसे पुरानी महाद्वीपीय फुटबॉल प्रतियोगिता है। साल 1956 में पहली बार इस टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था।
भारत बन सकता है मेजबान
कतर में इस प्रतियोगिता का आयोजन साल 1998 और 2011 में हो चुका है। साल 2019 में हुए टूर्नामेंट में कतर चैंपियन रहा था और फिलहाल टीम गत विजेता है। खास बात ये है कि अब साल 2027 में होने वाली एशियन कप के लिए भारत की दावेदारी मजबूत हो गई है। कतर ने पहले साल 2027 की मेजबानी के लिए आवेदन किया था, लेकिन चीन के हटने के बाद कतर ने 2023 के लिए दावेदारी पेश की।
अब जब कतर को 2023 की मेजबानी मिल गई है, ऐसे में 2027 के लिए सऊदी अरब और भारत के रूप में सिर्फ दो दावेदार बचे हैं। इन दोनों में से 2027 एशियन कप की मेजबानी किसे मिलेगी, इसका फैसला फरवरी 2023 में होगा। भारत और सऊदी अरब, दोनों ही देशों ने इस टूर्नामेंट का आयोजन पहले कभी नहीं किया है, ऐसे में जिसे भी मेजबान के रूप में चुना जाएगा, उसके लिए ये काफी खास मौका होगा।