वेन रूनी ने फुटबॉल से संन्यास ले लिया है। अब मैनचेस्टर यूनाइटेड और इंग्लैंड के दिग्गज फुटबॉलर रूनी सेकेंड टीयर टीम-डर्बी काउंटी के फुलटाइम मैनेजर बन गए हैं। क्लब ने रूनी के संन्यास की जानकारी शुक्रवार को दी। रूनी की पिच पर अपार उपलब्धि ने उन्हें ऐसी शिक्षा दी जो पैसे खरीद कर नहीं दे सकती थी। अब 35 साल के रूनी अपने अनुभव का उपयोग चैंपियनशिप की रक्षा करने को संघर्षरत डर्बी के लिए करेंगे, जिस पर लीग वन से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है।
रूनी को शुक्रवार को डर्बी का आधिकारिक मैनेजर बनाया गया। जब रूनी इस क्लब के अंतरिम बॉस थे, तब डर्बी ने 9 मैचों में तीन जीत और चार ड्रॉ मुकाबले खेले। इससे शुरूआती संकेत मिले कि रूनी बेहतर मैनेजर बन सकते हैं।
जब रूनी के मैनेजर की नियुक्ति की घोषणा हुई तभी यह भी ऐलान किया गया कि खिलाड़ी के रूप में उन्होंने संन्यास ले लिया है। रूनी अब पूरी तरह अपना ध्यान मैनेजमेंट पर लगाएंगे। रूनी ने कहा, 'मेरे लिए यह नया अध्याय है। यह सही है कि मुझे खेलने की कमी खलेगी, लेकिन समय किसी व्यक्ति को जूझने नहीं देता। मेरा अपना समय था। मैच के दौरान टचलाइन पर खड़े रहना या जब आपकी योजना पर खिलाड़ी अमल करेंगे, तो यह पूरी तरह अलग अनुभव होगा।'
लिवरपूल में जन्में रूनी ने बचपन के सपने को पूरा करते हुए एवर्टन में अपनी जगह बनाई। बहुत ही जल्द रूनी ने इंग्लिश फुटबॉल में सबसे प्रतिभाशाली फुटबॉलर होने की अपनी साख बनाई। अपने 17वें जन्मदिन से पांच दिन पहले रूनी ने तब की चैंपियन आर्सेनल के खिलाफ शानदार गोल दागा था।
जल्द ही रूनी को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली और जब यूरो 2004 के ग्रुप चरण में रूनी ने चार गोल दागे तो इंग्लैंड के नए हीरो बन गए। मगर क्वार्टर फाइनल के पहले हाफ में रूनी को बाहर जाना पड़ा क्योंकि उनके पैर की हड्डी टूट गई थी। इस मुकाबले में इंग्लैंड को पुर्तगाल से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
वेन रूनी ने अपार सफलता हासिल की
वेन रूनी के बिना इंग्लैंड को पेनल्टी में दिल टूटने वाली शिकस्त झेलनी पड़ी। रूनी के प्रदर्शन से उन्हें कुछ सप्ताह बाद मैनचेस्टर यूनाइटेड ने अपने साथ जोड़ा। यूनाइटेड के बॉस एलेक्स फर्ग्यूसन ने तब वर्ल्ड रिकॉर्ड फीस पर वेन रूनी को जोड़ने के बाद कहा, 'मेरे ख्याल से हमने इस देश के सबसे युवा खिलाड़ी (वेन रूनी) को अपने साथ जोड़ा है, जिसकी पिछले 30 सालों से खोज थी।'
वेन रूनी जल्द ही मैनचेस्टर यूनाइटेड की उम्मीदों पर खरे उतरे और फेरेबाचे के खिलाफ चैंपियंस लीग के अपने मुकाले में हैट्रिक जड़ दी। अपने तीसरे सीजन में वेन रूनी ने प्रीमियर लीग का खिताब जीत लिया। तब वेन रूनी की क्रिस्टियानो रोनाल्डो के साथ शानदार साझेदारी बन चुकी थी। रोनाल्डो के जाने के बाद रूनी ने शानदार सीजन बिताया और 2009/10 व 2011/12 दोनों सीजन में 34 गोल दागे।
क्लब और इंग्लैंड टीम के लिए अपार सफलता हासिल करने वाले वेन रूनी का करियर चोटों से प्रभावित होने लगा। वेन रूनी का एकमात्र विश्व कप गोल इंग्लैंड को ब्राजील में बाहर होने से नहीं बचा सका। 2017 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहा। अब वेन रूनी का लक्ष्य सफल मैनेजर बनना है।