यह एक मानसिक भलाई का मुद्दा है, और यह कोई छोटी बात नहीं है क्योंकि लोग COVID-19 महामारी और अवसाद और चिंता की महामारी दोनों से बाहर निकलना जारी रखते हैं जो पीढ़ियों तक फैली हुई है और हाल के वर्षों में ये तेज़ी से बढ़ती जा रही है.
1. कुछ नया करने की कोशिश करें:
क्योंकि नवीनता एक महान कल्याण बूस्टर है, यहां तक कि एक नए आइसक्रीम के स्वाद को चखना भी मूड को बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा है। इसलिए कुछ नया करते रहें और खुद को खुद रखने में खुद की मदद करें.
2. जो शुरू किया है उसे खत्म करो:
डोपामाइन एक अच्छा और प्रेरक रसायन है जो एक कार्य को पूरा करने की प्रक्रिया में जारी किया जाता है - भले ही यह कपड़े धोने की तरह आसान काम ही क्यूँ नहो आपको ये आगे बढ़ने की राह पर चलता रहता है.
3. हमेशा सिर्फ सोचते न रहें उसे करें भी:
जो नोट करतें है पर कभी उसे असलियत में नही करते तब आप में नकारात्मक विचार आना शुरू हो जाते हैं जो आपके एक हरा हुआ इंसान में तब्दील कर देते हैं इसीलिए जो विचार बनाये उन्हें सिर्फ कगाजोंमे न रखें बल्कि उन्हें वास्तविकता बनाये.
4. सुबह एक सकारात्मक वाक्य लिखें:
एक उच्य विचार आपको समृद्ध बना सकतें है इसीलिए हर सुबह इस क्रिया का प्रयोग करें और फिर उसे 10 बार कॉपी करें। यह सरल हो सकता है: "मैं आज अपनों के साथ आचा समय बिताने जा रहा हों, मेरी प्राथमिकता इंसानियत और खुशियाँ हैं"
5. अपने शेड्यूल पर हमेशा कुछ न कुछ मज़ेदार रखें:
कुछ ऐसी योजना बनाना महत्वपूर्ण है जिसके लिए आगे देखा जा सकता है - और जब एक छुट्टी या बड़ा कार्यक्रम बहुत अच्छा होता है, तो यह कुछ ऐसा हो सकता है जैसे किसी दोस्त से मिलना या मूवी जाना या हाइक लेना।
6. हर दिन व्यायाम:
मानसिक स्वास्थ के लिए ध्यान लगाने से अच्छा कुछ हो ही नही सकता. ध्यान से हमे वो सब मिल सकता है जिसकी हम कल्पना कर सकते हैं. ये आपके लिए लाभकारी साबित होता है. इसके साथ ही, अगर हम अपनी दिनचर्या में थोडा योगा भी शामिल करलें तो ये सोने पर सुहागा साबित होता है.
7. प्राकृतिक सोच का प्रयास करें
आप सोच सकते हैं कि नकारात्मक आत्म-चर्चा का सही प्रतिरक्षी सकारात्मक आत्म-चर्चा है। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह एक बड़ी छलांग हो सकती है। सच्चाई यह है कि स्वयं के प्रति दयालु होने की कुंजी स्वयं की प्रशंसा करना आवश्यक नहीं है पर खुद के बारे में प्राकृतिक रूप से सकारात्मक सोच रखना आपको बढ़ावा दे सकती है।
8. सकारात्मक शब्दों का उचारण:
स्वस्थ आदतें बनाने का सबसे अच्छा तरीका दोहराव है। लेकिन आदतें रातोंरात नहीं बदलेगी। जो बार-बार दोहराया जाता है वह अंततः आपके दिमाग में समा जाएगा. सकारात्मक विचारों को आप बार-बार दोहरा रहे हैं। और ये आपके जीवन में शक्ति का प्रभाव बढ़ाते हैं और आपके जीवन को शक्तिशाली बनाते हैं.
9. बाहर टहलने जाएं:
दिन में एक बार ज़रूर 15 मिनट का ब्रेक लें और टहल कर आयें. टहलना आपके विचारों को शुद्ध और गहरा बनाता है. ये आपके शरीर में मौजूद खून का संचरण भी ठीक रखता है.
10. सूर्य के प्रकाश की एक स्वस्थ खुराक लें:
प्रतिदिन सूरज की रोशनी में कुछ देर जरूर रहें। इससे अवसाद की जड़ें कमज़ोर होती है और शरीर में मौजूद नकार्मकता नष्ट होती है. साथ ही ये आपको अच्छे विटामिन्स और मिनरल्स भी देता है. जो आपका शरीर स्फूर्तिदायक बनाता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।