आयुर्वेद में पिप्पली (Long Pepper) के 10 फायदे

आयुर्वेद में पिप्पली (Long Pepper) के 10 फायदे (फोटो - sportskeedaहिन्दी)
आयुर्वेद में पिप्पली (Long Pepper) के 10 फायदे (फोटो - sportskeedaहिन्दी)

पिप्पली (Long Pepper) को आयुर्वेद में महत्वपूर्ण औषधि माना गया है जिसका उपयोग हजारों वर्षों से रोगों के उपचार में किया जाता है। पिप्पली के 10 फायदे होते हैं जो निम्नलिखित हैं:-

आयुर्वेद में पिप्पली (Long Pepper) के 10 फायदे (10 Benefits of Pippali in Ayurveda In Hindi)

उम्मीदवार अद्यतन करें: पिप्पली के सेवन से शरीर में नई ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और व्यक्ति अधिक चुस्त और ऊर्जावान महसूस करता है।

डाइजेशन को सुधारें: पिप्पली पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करती है और जीवनुओं की वृद्धि को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे अच्छी पाचन क्रिया होती है।

श्वास नली की सफाई: पिप्पली का उपयोग फेफड़ों के स्वास नलियों की सफाई में किया जाता है, जिससे श्वास प्रणाली स्वच्छ रहती है और श्वास की समस्याएँ कम होती हैं।

ज्वर का उपचार: पिप्पली में विशिष्ट गुण होते हैं जो बुखार को कम करने में मदद करते हैं। यह रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ बुखार को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है।

श्वास रोगों का सहायक: पिप्पली का सेवन अस्थमा और अन्य श्वास रोगों के उपचार में किया जा सकता है। यह श्वासनली की सूजन को कम करने में मदद करता है और श्वासनली की सामान्य समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है।

विषमता और आपातकालीन स्थितियों में सहायक: पिप्पली का उपयोग आपातकालीन स्थितियों में भी किया जा सकता है, जैसे कि दिल की धड़कन को तेज करने में या यूँ कहें कि दिल को उत्तेजित करने में।

शरीर में रक्त संचरण को बढ़ावा देने में मदद: पिप्पली का सेवन रक्त संचरण को बढ़ावा देता है और रक्त की परिसंचरण को सुधारता है, जिससे शरीर में खून की समस्याएँ कम हो सकती हैं।

शरीर में स्नायु शक्ति को बढ़ावा देने में मदद: पिप्पली के सेवन से स्नायु शक्ति में वृद्धि होती है जिससे शरीर की सामर्थ्य और ऊर्जा बढ़ती है।

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार: पिप्पली का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देता है और विभिन्न प्रकार की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।

वात रोगों में लाभकारी: पिप्पली वात दोष को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है और वात रोगों को कम करने में सहायक हो सकती है।

पिप्पली का सेवन विशेष रूप से विधिवत रूप से किया जाना चाहिए और इसका अत्यधिक सेवन से भी बचना चाहिए। आयुर्वेदी चिकित्सक की सलाह लेना उचित होता है, क्योंकि हर व्यक्ति की शारीरिक प्रकृति और विकृति अलग होती है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Vineeta Kumar
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