बवासीर में अरंडी के तेल के 3 फायदे और 3 उपयोग - 3 Benefits And 3 Uses Of Castor Oil In Piles

बवासीर में अरंडी के तेल के 3 फायदे और 3 उपयोग (फोटो - sportskeedaहिन्दी)
बवासीर में अरंडी के तेल के 3 फायदे और 3 उपयोग (फोटो - sportskeedaहिन्दी)

अरंडी का तेल (Castor Oil) कई तरह से इस्तेमाल किया जाता आ रहा है। इसके औषधीय गुणों के कारण यह कॉस्मेटिक्स उत्पादों में भी उपयोग किया जाता है। अरंडी का तेल बवासीर जैसी दर्दनाक बीमारी में भी फायदे पंहुचा सकता है। बवासीर के उपचार में अरंडी के तेल का इस्तेमाल किया जाता है, लंबे समय से चली आ रही कब्ज व अपच की समस्या बवासीर की जड़ बन सकती है। यह लेख आपको बवासीर में अरंडी के तेल के उपयोग और फायदे (Uses and benefits of castor oil in piles) के बारे में जानकारी दे सकता है। बवासीर के इलाज में अरंडी के तेल के लाभ और जोखिमों के बारे में यहां चर्चा की गयी है। इस विषय में आगे जानने के लिए अंत तक पढ़ें।

बवासीर में अरंडी के तेल के फायदे और उपयोग

अरंडी के तेल के फायदे : Benefits Of Castor Oil In Hindi

1. एंटी इंफ्लेमेटरी इफ़ेक्ट (Anti inflammatory effect)

बवासीर में आराम पाने के लिए अरंडी के तेल का उपयोग किया जा सकता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी इफेक्ट्स लाभदायक साबित हो सकते हैं। एंटी-इंफ्लामेटरी इफेक्ट बवासीर में होने वाली सूजन को कम कर सकता है।

2. लैक्सेटिव इफ़ेक्ट (laxative effect)

अरंडी के तेल में लैक्सेटिव इफ़ेक्ट होते हैं जो पेट सम्बंधित समस्याओं में मददगार हैं। बवासीर की समस्या के कारणों में एक अपच और कब्ज़ होना होता है जिसमें अरंडी का तेल फायदेमंद हो सकता है।

3. एंटी-डायरियल इफ़ेक्ट (Anti-diarrheal effect)

अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड मौजूद होता है जिसमे एंटी-डायरियल इफेक्ट्स होते हैं। यह प्रभाव डायरिया की परेशानी होने पर राहत पहुंचा सकता है। डायरिया की परेशानी में भी बवासीर का खतरा बढ़ सकता है।

अरंडी के तेल के उपयोग : Uses Of Castor Oil In Piles In Hindi

1. अरंडी का तेल की दो-तीन बूंद को आधे कप संतरे के जूस के साथ मिलाएं। दिन में दो से तीन बार इसका सेवन करने से लाभ मिल सकते हैं।

2. एक कप अरंडी के तेल को और टी-ट्री तेल को साथ मिलाएं। इस मिश्रण को रुई की मदद से प्रभावित स्थान पर लगाने से बवासीर की समस्या में लाभ मिलेगा।

3. अरंडी के तेल के साथ नारियल के तेल को मिलाएं। इसे हल्का गुनगुना कर लें। फिर रुई में लगा कर इसे प्रभावित हिस्से पर लगाएं। यह बवासीर की समस्या का उपाय कर सकता है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।