कटेरी (Kateri) जिसके दूसरे नाम "कांटाकारी" और "भटकतैया" भी हैं। यह एक कांटेदार पौधा होता है जो जमीन पर उगता है। कटेरी अक्सर जंगलों में पाई जाती है और लोग इसे जंगली पौधा मानते हैं। इसके हिंदी में कई नाम हैं जैसे कि छोटी कटाई, कात्याली, रंगानी, रिगोनी आदि। कटेरी एक गुणकारी जड़ी बूटी मानी जाती है और बहुत समय से आयुर्वेदिक दवाओं में इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। सर्दी व खांसी के उपचार के साथ-साथ, यह कुदरती रूप से कई गंभीर बीमारियों के उपचार में उपयोगी पाया गया है। कटेरी पेट के कीड़े, सर्दी-खांसी, बुखार, अपच की समस्या, मांसपेशियों में दर्द और मूत्राशय की पथरी के इलाज में उपयोगी है। यहां कटेरी के स्वास्थ्य लाभों और औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है।
कटेरी के 3 औषधीय गुण
1. सिरदर्द में उपयोगी (Treats Headache)
यदि आपको रोज के तनाव और भागदौड़ भरे जीवन के कारण सिरदर्द की समस्या रहती है तो कटेरी का घरेलू नुस्खा बहुत फायदेमंद होता है। उपयोग के लिए - कटेरी व गोखरू का काढ़ा और लाल धान के चावल से बनी ड्रिंक को थोड़ी मात्रा में सुबह-शाम लेने से सिरदर्द, बुखार में आराम मिलेगा। कटेरी के फल का रस माथे पर लेप की तरह लगाने से भी सिरदर्द में आराम मिलता है।
2. नेत्र रोगों के लिए लाभदायक (Beneficial for eye diseases)
नेत्र सम्बंधित रोग जैसे रतौंधी, आँख में दर्द, आँखों का लाल होना आदि के लिए कटेरी का इस्तेमाल घरेलू उपचार के रूप में किया जा सकता है। उपयोग के लिए - 20 ग्राम कटेरी के पत्तों को पीसकर लेप के रूप में लुगदी बनाकर आंखों पर बांधने से नेत्र रोगो को कम किया जा सकता है।
3. अस्थमा के इलाज में (Can treat asthma)
दमा यानी की अस्थमा के रोगियों के लिए कटेरी बहुत फायदेमंद हो सकती है। दमे की बीमारी होने पर सांस लेने की समस्या उत्पन हो सकती है। कटेरी के औषधीय गुण इस तकलीफ में मददगार हो सकते हैं। कटेरी कफ नाशक के रूप में काम कर सकती है और छाती में होने वाले दर्द में लाभ दे सकती है। उपयोग के लिए - कटेरी का 20-30 मिली काढ़ा रोगी को देने से लाभ मिल सकता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।