खाने में सलाद न हो तो खाना अधूरा सा लगता है। सलाद में कई तरह की सब्जियों का उपयोग किया जाता है, जिसमें से एक है मूली, जिसके बिना सलाद पूरी नहीं होती। मूली (Radish) में पोटेशियम, फोलेट (Folate), राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन-सी (Vitamin C), के, कैल्शियम (Calcium), मैग्नीशियम, जिंक (Zinc), फोस्फोरस, कॉपर (Copper), मैंगनीज (Manganese), सोडियम (Sodium) आदि जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। मूली खाना सेहत के लिए फायदेमंद तो होता ही है, साथ ही इसका रस भी गुणों से भरपूर होता है। मूली के रस (Radish juice) का सेवन स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ पहुंचाता है। लेकिन इसका अधिक मात्रा में लेना हानिकारक हो सकता है, इसलिए इसका सेवन कम से कम मात्रा में करें। आइए जानते हैं मूली के रस के फायदे-
मूली के रस के फायदे
पेट संबंधी परेशानियों से मिले आराम - मूली के रस का सेवन करने से पेट संबंधी कई परेशानियां दूर होती हैं। इससे पाचन (Digestion) में सुधार होता है। कब्ज की समस्या नहीं होती, खाना आराम से पच जाता है, जिससे ब्लोटिंग की परेशानी से आप दूर रहते हैं। मूली का रस गैस्ट्रिक ऊतक की रक्षा करके म्यूकोसल (mucosal) बाधा को मजबूत करता है, जो गैस्ट्रिक अल्सर (gastric ulcer) को रोकने में मदद करता है।
टॉक्सिन - मानव शरीर में तमाम तरह के टॉक्सिनस (toxins) जमा रहते हैं जिसे समय समय पर बाहर निकालना जरूरी हो जाता है अगर ऐसा नहीं होता तो आप कई बीमारियों से ग्रसित रहेंगे। इन टॉक्सिन्स को बाहर निकालने के लिए जरूरी है कि आप रोजाना एक छोटा कप मूली के रस का सेवन करें। ये शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है जिससे आप तंदुरूस्त महसूस करते हैं।
कैंसर के जोखिम को करे कम - मूली के रस का सेवन कैंसर (cancer) जैसी गंभीर बीमारी से बचने के काम भी आता है। दरअसल मूली में कुछ ऐसे यौगिक होते हैं जो पानी के साथ मिलकर आइसोथियोसाइनेट (Isothiocyanate) में टूट जाते हैं। आइसोथियोसाइनेट्स कैंसर पैदा करने वाला पदार्थ जो शरीर को शुद्ध करने और ट्यूमर को रोकने में मदद करता है। इसलिए मूली का जूस का सेवन इतना लाभकारी माना गया है।
फंगल रोगों से निपटने में करे मदद - मूली के रस का सेवन त्वचा में होने वाले रोगों से निपटने में मदद करता है, मूली में प्राकृतिक ऐंटिफंगल प्रोटीन RsAFP2 होता है। एक रिसर्च के मुताबिक RsAFP2 कैंडिडा अल्बिकैंस में कोशिकाओं के नष्ट होने का कारण बनता है, जो आम तौर पर मनुष्यों में पाया जाने वाला सामान्य कवक है। जब कैंडिडा एल्बीकैंस (Candida albicans) बढ़ता है, तो यह वजाइनल यीस्ट इंफेक्शन (Vaginal yeast infection), ओरल यीस्ट इंफेक्शन और आक्रामक कैंडिडिआसिस का कारण बनता है। मूली के रस में मैरोसिनेस, एस्ट्रिसिस, एमाइलेज़ और डायस्टेज़ जैसे एंजाइम होते हैं जो फफिलोमाइल्जी जैसे फंगल (Fungal) रोगों का इलाज के लिए होते हैं।
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