बेसन खाने के 5 फायदे और 5 नुकसान

बेसन खाने के 5 फायदे और 5 नुकसान (फोटो - sportskeedaहिन्दी)
बेसन खाने के 5 फायदे और 5 नुकसान (फोटो - sportskeedaहिन्दी)

बेसन (Gram flour), जिसे बेसन के रूप में भी जाना जाता है, भारतीय व्यंजनों में एक लोकप्रिय सामग्री है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों जैसे पकोड़े, चीला और कढ़ी में किया जाता है। यह छोले को महीन आटे में पीसकर बनाया जाता है और इसमें अखरोट जैसा स्वाद और थोड़ा दानेदार बनावट होता है। बेसन जहां एक बहुमुखी और पौष्टिक तत्व है, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। इस लेख में हम बेसन के सेवन के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे।

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बेसन खाने के 5 फायदे और 5 नुकसान (5 Advantages and Disadvantages Of Consuming Gram Flour In Hindi)

बेसन खाने के फायदे : Advantages of Consuming Gram Flour

प्रोटीन से भरपूर (Rich in protein): बेसन प्लांट-बेस्ड प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है। इसमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं जिनकी शरीर को ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यकता होती है, जिससे यह शाकाहारियों और शाकाहारी लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प बन जाता है।

वसा में कम (Low in fat): बेसन में वसा और कैलोरी कम होती है, जो इसे उन लोगों के लिए एक स्वस्थ विकल्प बनाता है जो अपना वजन देख रहे हैं। पकवान की कैलोरी सामग्री को कम करने के लिए इसे बेकिंग और खाना पकाने में गेहूं के आटे के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

विटामिन और खनिजों से भरपूर (Rich in vitamins and minerals): बेसन विटामिन और खनिजों जैसे आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन बी 6 का एक अच्छा स्रोत है। ये पोषक तत्व स्वस्थ शरीर और दिमाग को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ग्लूटेन-मुक्त (Gluten-free): बेसन स्वाभाविक रूप से ग्लूटेन-मुक्त होता है, जो इसे सीलिएक रोग या ग्लूटेन असहिष्णुता वाले लोगों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनाता है।

बहुमुखी (Versatile): बेसन एक बहुमुखी सामग्री है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जा सकता है। इसका उपयोग सूप और स्ट्यू के लिए थिकनर के रूप में, तले हुए खाद्य पदार्थों के लिए एक लेप के रूप में, और डिप्स और स्प्रेड के लिए आधार के रूप में किया जा सकता है।

बेसन खाने के नुकसान: Disadvantages of Consuming Gram Flour

पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं (May cause digestive issues): बेसन में फाइबर अधिक होता है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं जैसे सूजन और गैस हो सकती हैं। पाचन संबंधी समस्याओं से बचने के लिए बेसन का सेवन कम मात्रा में करने और धीरे-धीरे सेवन बढ़ाने की सलाह दी जाती है।

एडिटिव्स हो सकते हैं (May contain additives): बेसन के कुछ ब्रांड में प्रिजरवेटिव और फ्लेवरिंग जैसे एडिटिव्स हो सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। लेबल को ध्यान से पढ़ना और ऐसा ब्रांड चुनना महत्वपूर्ण है जो एडिटिव्स से मुक्त हो।

एलर्जी हो सकती है (May cause allergies): चने से बेसन बनाया जाता है, जिससे कुछ लोगों में एलर्जी हो सकती है। पहली बार बेसन का सेवन करते समय सतर्क रहना और किसी भी तरह की एलर्जी का अनुभव होने पर चिकित्सीय सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

ब्लड शुगर स्पाइक्स का कारण बन सकता है (May lead to blood sugar spikes): बेसन में कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है, जो ब्लड शुगर लेवल में स्पाइक का कारण बन सकता है. ब्लड शुगर स्पाइक्स को रोकने के लिए बेसन को कम मात्रा में और अन्य कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है।

आयरन की कमी हो सकती है (May cause iron deficiency): बेसन में फाइटिक एसिड अधिक होता है, जो आयरन को बांध सकता है और शरीर में इसके अवशोषण को रोक सकता है। आयरन की कमी को दूर करने के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ बेसन का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

अंत में, बेसन एक पौष्टिक और बहुमुखी सामग्री है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जा सकता है। जहां इसके कई फायदे हैं, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए। यह सलाह दी जाती है कि बेसन का कम मात्रा में सेवन करें और ऐसे ब्रांड का चयन करें जो इसके स्वास्थ्य लाभों को अधिकतम करने के लिए एडिटिव्स से मुक्त हो।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Vineeta Kumar
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