कैम्फर (Camphor) एक सफेद क्रिस्टलीय (crystalline) यौगिक है जो सिनामोमम कपूर (Cinnamomum camphora) की लकड़ी से प्राप्त होता है। कपूर के फायदे उसको जला कर लिए जा सकते हैं। इसका उपयोग लेप के रूप में भी किया जाता है। घरों में नारियल तेल के साथ भी कपूर को मिलाकर उपयोग किया जाता है। मुंहासे, खुजली, जलन आदि में भी इससे बना लेप फायदेमंद है। आपको बता दें कि कपूर औषधीय गुणों से भरपूर होता है। एंटी-सेप्टिक, एंटी-फंगल, एंटीऑक्सीडेंट, एनाल्जेसिक, एंटी-न्यूरल्जिक, एंटी-एफ्रोडिसीएक, एंटी-इन्फ्लामेट्री, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-वायरल आदि गुणों से भरपूर कपूर बहुत सी समस्याओं में लाभदायक होता है। यह लेख कपूर के 5 फायदों के बारे में बताएगा।
फायदों से भरपूर है कपूर, जानिए 5 लाभ - Benefits Of Camphor In Hindi
1. श्वसन समस्याओं का इलाज करे (Treats respiratory problems)
कपूर में डिकॉन्गेस्टिव (decongestive) गुण होते हैं और यह फेफड़ों (lungs) और गले में सूजन को कम करता है। यह बंद नाक को प्रबंधित करने में भी मदद करता है और कंजेशन (congestion) का इलाज करता है। यह नसों पर काम करता है और कफ सप्रेसेंट (cough suppressant) के रूप में काम करके खांसी को कम करता है। कपूर कई श्वसन विकारों के खिलाफ प्रभावी है।
2. दर्द प्रबंधन में सहायक (Aids in pain management)
कपूर नर्व एन्ड को उत्तेजित करता है जो त्वचा पर शीर्ष रूप से लागू होने पर दर्द और खुजली जैसे लक्षणों को कम करता है। कपूर का उपयोग तीव्र दर्द के इलाज के लिए भी किया जाता है। यह त्वचा पर लगाने पर तंत्रिका अंत (nerve endings) को निष्क्रिय करता है और गर्माहट देता है। यह मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से भी राहत दिलाने में मददगार है।
3. त्वचा के लिए फायदेमंद (Beneficial for skin)
त्वचा पर खुजली दूर करने के लिए कपूर का प्रयोग किया जाता है। कपूर के पत्तों का उपयोग एटोपिक (atopic) जिल्द की सूजन जैसी एलर्जी त्वचा की सूजन की विशेषता वाली स्थितियों के प्रबंधन में किया जा सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गतिविधि है और सीरम इम्युनोग्लोबुलिन E (immunoglobulin E) के स्तर को कम करता है।
4. ऑस्टियोआर्थराइटिस का प्रबंधन करे (Manage osteoarthritis)
ऑस्टियोआर्थराइटिस हड्डियों के किनारों को कुशन करने वाले सुरक्षात्मक कार्टिलेज (cartilage) के घिस जाने के कारण होता है। ग्लूकोसामाइन सल्फेट (glucosamine sulfate) और कॉन्ड्रॉइटिन सल्फेट (chondroitin sulfate) के साथ प्रयोग किया जाने वाला कपूर ऑस्टियोआर्थराइटिस से जुड़े दर्द को कम कर सकता है। जब स्थानीय रूप से लगाया जाता है, तो यह गठिया से जुड़े जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
5. निम्न रक्तचाप को रोकता है (Prevents low blood pressure)
कपूर और नागफनी (hawthorn extract) के अर्क (korodin) के मिश्रण से सिस्टोलिक (systolic) और डायस्टोलिक (diastolic) दोनों रक्तचाप में वृद्धि हुई। कोरोडिन हाइपोटेंशन (low blood pressure) के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार है।
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