अपने फेफड़ों की देखभाल करना एक अच्छी आदत है। हालाँकि, सरल योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से फेफड़ों के बेहतर स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान मिल सकता है। योग न केवल आराम और तनाव कम करने को बढ़ावा देता है, बल्कि यह श्वसन क्रिया को भी बढ़ाता है।
इन 5 आसान योगासन से अपन फेफड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं:-
1. गहरी साँस लेना (प्राणायाम):
· अपनी रीढ़ सीधी, कंधे सीधे करके आराम से बैठें।
· अपने फेफड़ों को पूरी तरह फैलाते हुए अपनी नाक से गहरी सांस लें।
· अपने मुंह से धीरे-धीरे सांस छोड़ें, जिससे आपके फेफड़े पूरी तरह से खाली हो जाएं।
· अपनी सांसों की लय पर ध्यान केंद्रित करते हुए 5-10 मिनट तक दोहराएं।
· गहरी साँस लेने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है, ऑक्सीजन का सेवन बेहतर होता है और समग्र श्वसन क्षमता बढ़ती है।
2. पर्वतीय मुद्रा (ताड़ासन):
· अपने पैरों को एक साथ रखकर खड़े हो जाएं, भुजाएं आपके बगल में।
· जैसे ही आप अपनी बाहों को ऊपर की ओर ले जाएं, सांस लें, हथेलियां एक-दूसरे के सामने हों।
· अपनी एड़ियों को थोड़ा ऊपर उठाते हुए ऊपर की ओर तानें।
· गहरी सांस लेते हुए 15-30 सेकंड तक रुकें।
· ताड़ासन उचित मुद्रा को बढ़ावा देता है, छाती का विस्तार करता है, और गहरी सांस लेने को प्रोत्साहित करता है, जिससे श्वसन की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
3. कोबरा मुद्रा (भुजंगासन):
· अपने पेट के बल लेटें, हाथ अपने कंधों के नीचे, माथा चटाई पर रखें।
· सांस लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं और अपनी बाहों को सीधा करें।
· अपने कंधे नीचे रखें और आगे की ओर देखें।
· लगातार सांस लेते हुए 15-30 सेकंड तक रुकें।
· भुजंगासन छाती को खोलता है, फेफड़ों को फैलाता है, और रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में सुधार करता है, जिससे श्वसन क्रिया बेहतर होती है।
4. ब्रिज पोज़ (सेतु बंधासन):
· अपनी पीठ के बल लेटें, घुटने मोड़ें, पैर कूल्हे की चौड़ाई से अलग हों।
· अपने कूल्हों को छत की ओर उठाते हुए श्वास लें।
· अपने हाथों को अपनी पीठ के नीचे पकड़ लें और अपनी बाहों को सीधा कर लें।
· गहरी सांस लेते हुए 15-30 सेकंड तक रुकें।
· सेतुबंधासन छाती को फैलाता है, फेफड़ों को मजबूत बनाता है और छाती की गुहा को खोलकर फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है।
5. बालासन:
· चटाई पर घुटने टेकें, अपनी एड़ियों के बल बैठें और अपनी बाहों को आगे की ओर फैलाएँ।
· अपने माथे को चटाई पर टिकाएं और अपने कंधों को आराम दें।
· गहरी सांस लें और 30 सेकंड से 1 मिनट तक रोकें।
· बालासन छाती में तनाव को दूर करने में मदद करता है और डायाफ्रामिक सांस लेने को प्रोत्साहित करता है, विश्राम को बढ़ावा देता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार करता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।