जिम में जाने वाले ज्यादातर लोगों का ध्यान जल्दी से जल्दी एब्स और बाइसेप्स (डोले) बनाने पर होता है। इस वजह से काफी सारे लोग बैक (कमर) और लेग वर्कआउट पर खास ध्यान नहीं देते। सिर्फ डोले बनाना ही सब कुछ नहीं होता। शरीर के ऊपरी और निचले हिस्से की स्ट्रैंथ बढ़ाने पर भी ध्यान देना चाहिए। एक मजबूत बैक होने की वजह से बाकी अंगों की एक्सरसाइज़ करना आसान हो जाता है। आइए नजर डालते हैं, 5 ऐसी एक्सरसाइज पर जिन्हें लगातार अच्छे से करने पर आपको काफी फायदे हो सकता है। ध्यान रहे कि जिन लोगों में अक्सर कमर में दर्द रहता है, वो हल्की एक्सरसाइज़ करें।
डम्बल रो
डम्बल रो एक्सरसाइज़ बिगिनर्स के लिए अच्छी रहती है। इसकी वजह से कमर के ऊपरी हिस्से में मजबूती आती है और कंधे का पिछला हिस्सा मजबूत होता है। पहला स्टेप: इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और हाथ में डम्बल पकड़ लें। दूसरा स्टेप: घुटने और कमर को आगे की ओर मोड़ लेें। कमर बिल्कुल भी ढीली ना छोड़ें। तीसरा स्टेप: डम्बल को घुटनों के आगे लाएं और चेस्ट के पास ले जाएं। इस एक्सरसाइज़ के 4 सेट करें, अगर हर सेट के बाद वजन बढ़ा रहे हैं तो रेपेटेशन कम कर दें।
बारबैल रो
बारबैल रो एक्सरसाइज़ कमर के बीच के हिस्से पर प्रभाव डालती है। इसके लिए रॉड की जरुरत पड़ती है। पहला स्टेप: डम्बल रो की तरह ही इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और रॉड को पैरों के पास रखें। दूसरा स्टेप: घुटने और कमर को आगे की ओर मोड़ लेें। कमर बिल्कुल भी ढीली ना छोड़ें। तीसरा स्टेप: रॉड को उठाकर कमर को सीधा करें और फिर नीचे झुककर घुटने और टखने के बीच तक रॉड को लेकर आएं। इस स्टेप को रिपीट करते रहे हैं आखिर में ही रॉड को जमीन पर रखें।
पुल अप्स
पुल अप्स या चिन अप्स शरीर की स्ट्रैंथ को बढ़ाने में बहुत ही कारगर है। इस एक्सरसाइज़ को करने से कंधों, हाथों और कमर पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है। पहला स्टेप: पुल अप बार को पकड़ें, ध्यान रहे कि आपके हाथ कंधों की सीध से ज्यादा चौड़ाई पर होने चाहिए यानी वाइड ग्रिप बना लें। अपने पैरों को बिल्कुल सीधा रखें या फिर थोड़ा मोड़ लें। दूसरा स्टेप: अब जोर लगाते हुए खुद को ऊपर खींचे और कोशिश करें कि आपकी चिन (ठोड़ी) पुल अप बार के ऊपर आए। तीसरा स्टेप: अब धीरे से नीचें आ जाएं और इसे रिपीट करें।
डम्बल श्रग
डम्बल श्रग एक्सरसाइज़ की वजह से बैक के ऊपरी हिस्से और कंधों की मसल्स पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। इसको करने से शोल्डर इंजरी होने के चांस कम हो जाते हैं। पहला स्टेप: एक दम सीधे खड़े हो जाएं और हाथों में डम्बल पकड़कर उन्हें बिल्कुल सीधा रखें। दूसरा स्टेप: कंधों के जरिए जोर लगाते हुए कंधों को ऊपर की तरफ खींचे। इस दौरान हाथ एकदम सीधा ही रहना चाहिए। तीसरा स्टेप: कुछ पलों के लिए रुकें और धीरे-धीरे कंधों को उसी पोजीशन में ले आएं और फिर स्टेप्स रिपीट करें।
लैट पुलडाउन
ये एक्सरसाइज़ कमर के ऊपरी हिस्से पर अच्छा असर डालती है। पहला स्टेप: पुलडाउन मशीन के आगे बैठ जाएं। अपने हिसाब से वेट सेट कर लें और पुलडाउन मशीन से लगी रॉड को वाइड ग्रिप पर पकड़ें। दूसरा स्टेप: बार को छाती की तरफ खींचे और ध्यान रहे कि इसे खींचते हुए आप थोड़ा सा पीछे हो जाएं ताकि रॉड चेस्ट के पास तक आ जाए। तीसरा स्टेप: कुछ पलों के लिए रॉड को रोककर रखें और रॉड को ऊपर ले जाएं। फिर से इन्हीं स्टेप्स को रिपीट करते रहें। एक्सरसाइज़ करते हुए किसी भी तरह की हड़बड़ी ना करें, धीरे-धीरे की गई एक्सरसाइज़ की वजह से मसल्स पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।