आजकल के लाइफस्टाइल की वजह से कई तरह की स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याएं हो सकती हैं। इन समस्याओं के कारण पाचन शक्ति भी कमजोर हो जाती है जिसकी वजह से हम अपच, कब्ज़, बदहज़मी जैसी परेशानी का शिकार हो सकते हैं। इस स्थिति में आयुर्वेद जड़ी-बूटियों को उपचार की तरह उपयोग करता है। यह लेख आपको 5 ऐसी जड़ी-बूटी के बारे जानकारी देगा जो आसानी से आपकी रसोई में मिल जाएंगी और जिनको अपनी डाइट में शामिल करके आप अपनी पाचन शक्ति को मजबूत और पाचन तंत्र को सही कर सकते हैं।
अच्छे पाचन तंत्र के लिए अपनाएं यह 5 जड़ी-बूटियां
1. सौंफ (Fennel seeds)
वैसे तो सौंफ का उपयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जाता है। लेकिन यह ना केवल एक रिफ्रेशमेंट के तौर पर इस्तेमाल की जाती है बल्कि इसके अनेक औषधीय गुण भी होते हैं। सौंफ में एंटी-स्पास्मोडिक गुण मौजूद होते हैं जिसके कारण आँतों की मांसपेशियों को आराम मिलता है। सौंफ के सेवन से पाचन सम्बंधित समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
2. त्रिफला (Triphala)
तीन औषधीय खाद्य पदार्थों से बने (हरीतकी, आंवला और बिभीतकी) मिश्रण को त्रिफला कहा जाता है। यह अपने स्वास्थ्य संबंधी लाभों के लिए जाना जाता है। पाचन, गैस, कब्ज़, अपच की समस्या में उपचार के रूप में त्रिफला का सेवन किया जाता है। यह पाचन तंत्र को सुधारने में भी मदद करता है।
3. सोंठ (Dry ginger)
खाने को खुशबूदार बनाने के लिए सामान्य तौर पर उपयोग की जाने वाली सोंठ की तासीर गर्म होती है। यह अपच की स्थिति में प्रयोग किये जाने वाले उपचारों में से एक है। सोंठ का सेवन पाचक एंजाइम को बढ़ावा देता है जिसके कारण यह पाचन तंत्र को मजबूती देता है।
4. शंखभस्म (Shankhbhasm)
शंख से बना शंखभस्म पाचन के लिए एक आयुर्वेदिक इलाज है। यह पाचन सम्बंधित समस्याएं जैसे कि गैस्ट्राइटिस और ड्युओडेनाइस में आराम दिलाता है। इसका उपयोग अलग अलग तरीकों से किया जाता है।
5. काली मिर्च (Black pepper)
खाने-पीने की चीज़ों में इस्तेमाल होने वाली काली मिर्च, पेट के लिए बहुत गुणकारी होती है। यह अन्य मिर्च जैसी नुकसानदेह नहीं होती है। इसमें मौजूद पिपराइन नमक तत्व होता है जो पोषक तत्वों के अवशोषण में फायदे देता है। इससे बाइल एसिड का डिस्चार्ज बेहतर बनता है जिसके कारण खाने का ब्रेकडाउन आसानी से हो पता है। काली मिर्च पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।